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इलाहाबाद विवि में भगवत गीता और रामायण से दिए जाएंगे प्रबंधन के मंत्र

Allahabad University

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Allahabad University : अपनी बेहतर शिक्षा व्यवस्था को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चर्चे हर जगह होते रहते हैं। एक बार फिर विश्वविद्यालय की ओर से ऐसी शुरुआत हुई है, जिसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। आइए आपको बताते हैं कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने इस बार ऐसा क्या किया जिसे लेकर सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है।

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भगवत गीता और रामायण की शिक्षा होगी शामिल

दरअसल, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रबंधन की पढ़ाई कर रहे छात्र अब दुनिया के सबसे बड़े मैनेजमेंट गुरु माने जाने वाले भगवान श्रीकृष्ण से प्रबंधन कौशल के गुर सीखेंगे। कार्मस डिपार्टमेंट के पांच साल के एकीकृत बीबीए-एमबीए पाठ्यक्रम में भगवद गीता और रामायण उपनिषदों की शिक्षाएं भी शामिल की हैं। इसके साथ ही चाणक्य के द्वारा भी इन मैनेजमेंट छात्रों को सफलता की राह दिखाएंगे। इस पाठ्यक्रम के छात्र देश-दुनिया के बिजनेस जगत की बड़ी हस्तियों के प्रबंधकीय फैसलों को जानने और समझने के साथ अष्टांग योग का अभ्यास भी करेंगे।

स्मार्ट प्रबंधकीय निर्णयों का होगा अध्ययन

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रबंधन के छात्र पहली बार जेआरडी टाटा, अजीम प्रेमजी, धीरूभाई अंबानी, नारायण मूर्ति, सुनील मित्तल और बिड़ला जैसे शीर्ष उद्योगपतियों के स्मार्ट प्रबंधकीय निर्णयों का अध्ययन करेंगे। इसके अलावा उन्हें अष्टांग योग भी सिखाया जाएगा। इससे छात्रों में विपरीत परिस्थितियों में भी शांत रहने का गुण विकसित होगा। बता दें कि विश्वविद्यालय के इस विभाग ने 26 छात्रों के साथ इस पाठ्यक्रम को शुरू किया है। इसमें दस सेमेस्टर होंगे। ये 220 क्रेडिट के होंगे।

बीच में कोर्स छोड़ने पर भी मिलेगा डिप्लोमा

इस कोर्स की खास बात यह है कि इसमें मल्टीपल एग्जिट और एंट्री पॉइंट रखे गए हैं। इस कोर्स की कोऑर्डिनेटर शेफाली नंदन ने जानकरी देते हुए बताया कि एक साल की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को एक ईयर का सर्टिफिकेट मिलेगा। दो साल की पढ़ाई पर डिप्लोमा सर्टिफिकेट और तीन साल की पढ़ाई पूरी करने पर बीबीए की डिग्री दी जाएगी। जबकि 5 साल की पढ़ाई पूरी करने पर उन्हें एमबीए की डिग्री दी जाएगी। शेफाली ने आगे ये भी कहा कि इसी कोर्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्टार्टअप मैनेजमेंट को भी प्रमुखता से जगह दी गई है।

‘छात्रों की ग्रोथ बढ़ाएगा ये कोर्स’

इसके बारे में और ज्यादा जानकारी देते हुए कोऑर्डिनेटर शेफाली नंदन ने कहा कि मैनेजमेंट कोर्स में भगवान कृष्ण के मैनेजमेंट को सिखाने की वजह जानना भी बेहद जरूरी है। भगवान कृष्ण 16 कलाओं से पूर्ण थे। उन्होंने अपने कुशल प्रबंधन से धर्म और सच्चाई की लड़ाई लड़ने वाले पांडवों को संसाधनों की कमी के बीच भी सफलता दिलाई थी। ऐसे में मैनेजमेंट छात्र अगर इस कोर्स को करेंगे तो उन्हें जीवन में हर मोड़ पर कामयाब होने में आसानी होगी। आजकल स्पर्धा के इस दौर में शायद ही कोई छात्र गीता पढ़ने का समय निकाल पाता हो। ऐसे में जब कोर्स में ये पढ़ाई शामिल होगी तो इसके छात्रों को गहरे फायदे मिलेंगे। इस कोर्स में छात्रों को भगवान कृष्ण द्वारा गीता में जो उपदेश दिए गए थे उन्हें भी समझाया जाएगा। इसलिए यह कोर्स न सिर्फ नौकरी दिलाने बल्कि फ्यूचर में ग्रोथ यानी तरक्की दिलाने में भी मददगार बनेगा।

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