Bulandshahar News बुलंदशहर में झोलाछाप के इलाज के कारण एक मासूम बच्चे की हालत बिगड़ गई। मासूम बच्चे की हालत इतनी बिगड़ी कि वह मुश्किल से जीवित बच सका। परिवार ने तुरंत इसकी शिकायत की। बुलंदशहर के इस मामले में कार्रवाई न होता देख पीड़ित बच्चे के पिता ने CMO से कार्रवाई की गुहार लगायी है। CMO ने नोडल अधिकारी को जाँच के आदेश दिए हैं।
झोलाछाप के इंजेक्शन से बच्चे की बिगड़ी तबीयत
मामला बुलंदशहर के अगोता थाना क्षेत्र के गड़िया चौराहा पर मौजूद एक क्लीनिक का है। बुलंदशहर के पबसरा गाँव निवासी जितेंद्र चौहान पीड़ित बच्चे के पिता ने बताया कि उनके बच्चे को तेज बुखार आया था। कुछ दिन पहले बुखार आने के बाद वह उसे डॉक्टर के पास लेकर पहुँचे। बुलंदशहर का यह झोलाछाप डॉक्टर ख़ुद को डिग्री धारक डॉक्टर बताता था। उसने अपने झोलाछाप होने की किसी को जानकारी नहीं दी थी। पीड़ित ने बताया कि झोलाछाप के इलाज के बाद से ही बेटा बेहोश होता चला गया। झोलाछाप डॉक्टर ने बेटे को इंजेक्शन लगाए थे। पीड़ित बच्चे के पिता ने बताया कि बेटे की हालत ख़राब होने के बाद शहर के एक बड़े अस्पताल में उसे दिखाया गया जहाँ पर बच्चे की हालत को नाज़ुक बताने पर उसे नोएडा के एक बड़े अस्पताल ले जाया गया। किसी तरीक़े से बच्चा 10 दिन आइसीयू में रहने के बाद ठीक हो सका। पिता ने कहा कि वह आर्थिक तौर पर बहुत ज़्यादा संपन्न नहीं है। किसी तरीक़े से लोगों से पैसे उधार लेकर उसने बच्चे का इलाज कराया है। पीड़ित बच्चे के पिता ने बताया कि जिस जगह बच्चे को इंजेक्शन लगाया गया वह पक गया है और डॉक्टर ने वहाँ का भी ऑपरेशन करने के लिए कहा है।
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पीड़ित पिता ने लगाई न्याय की गुहार
पीड़ित बच्चे के पिता ने अब झोलाछाप पर कार्रवाई की गुहार लगायी है। साथ ही उसने बताया कि जब वह बुलंदशहर के झोलाछाप के पास शिकायत लेकर पहुँचा तो उसने उल्टा पीड़ित बच्चे के पिता को ही डराना धमकाना शुरू कर दिया।
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