UP News : उत्तर प्रदेश की आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। कभी सड़कों पर नग-रत्न और अंगूठियां बेचने वाला यूपी का जमालुद्दीन उर्फ ‘छांगुर बाबा’ अब अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का मास्टरमाइंड और 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का कथित मालिक बनकर सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर है। यूपी एटीएस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा और उससे जुड़ी संस्थाओं के खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक का संदिग्ध लेन-देन हुआ है।
अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस पूरे मामले की मनी लॉन्ड्रिंग ऐंगल से जांच करने जा रही है। एटीएस सूत्रों के मुताबिक, छांगुर बाबा पर आरोप है कि उसने धर्मांतरण की आड़ में फर्जीवाड़े का एक विस्तृत तंत्र खड़ा किया, जिसकी जड़ें यूपी से निकलकर देश के विभिन्न हिस्सों तक फैली हुई हैं। बाबा के खिलाफ अवैध धर्मांतरण से जुड़ा केस दर्ज किया गया है और जांच के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।
5 साल में करोड़पति बनने का ‘चमत्कारी’ सफर
बलरामपुर जिले के मधपुर गांव में रहने वाला छांगुर बाबा महज कुछ वर्षों पहले तक स्थानीय बाजारों में पत्थर और अंगूठियां बेचता था। लेकिन बीते 5-6 वर्षों में उसके जीवन ने ऐसी करवट ली कि अब वह आलीशान कोठियों, महंगी लग्जरी गाड़ियों और एक के बाद एक फर्जी संस्थाओं का संचालक बन गया। मधपुर की भव्य कोठी ही कथित तौर पर उसके पूरे नेटवर्क का संचालन केंद्र रही है, जहाँ से उसका धर्मांतरण रैकेट चलाया जा रहा था।जांच एजेंसियों के मुताबिक बाबा ने इसी परिसर में एक डिग्री कॉलेज खोलने की योजना भी बनाई थी और भवन का निर्माण भी शुरू करवा दिया था, जो अब गिरफ्तारी के बाद अधर में लटका है।
एटीएस को छांगुर बाबा और उसकी संस्थाओं के बैंक खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय लेन-देन का साक्ष्य मिला है। जांच के दौरान यह संदेह और गहराया कि ये धनराशि देश और विदेश से संदिग्ध स्रोतों से प्राप्त हुई हो सकती है, खासकर खाड़ी देशों से। इस आशंका के आधार पर अब ईडी इस मामले की गहन जांच करेगी।
देशभर में फैला है नेटवर्क
छांगुर बाबा का नेटवर्क केवल यूपी तक सीमित नहीं था। एटीएस और एसटीएफ की टीमें अब उसके 14 प्रमुख सहयोगियों की तलाश में जुट गई हैं। इन सहयोगियों में कुछ कथित पत्रकारों सहित कई प्रभावशाली नाम शामिल हैं — जिनमें महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, पैमैन रिजवी (कथित पत्रकार) और सगीर के नाम प्रमुख हैं। इनमें से कुछ के खिलाफ पूर्व में आपराधिक मामले भी दर्ज हैं और इनका संबंध आज़मगढ़, औरैया और सिद्धार्थनगर जैसे जिलों से बताया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि इनकी गिरफ्तारी के बाद नेटवर्क के और भी बड़े राज सामने आ सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमिताभ यश ने खुलासा किया है कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा अब तक 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुका है। बलरामपुर में उसकी कई संपत्तियों का भी दस्तावेजी प्रमाण मिला है। यह भी संदेह जताया गया है कि इन यात्राओं के दौरान उसे अंतरराष्ट्रीय फंडिंग मिली, विशेषकर खाड़ी देशों से, जिसकी विस्तृत जांच की जा रही है। अब तक इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, और एजेंसियों को इस पूरे नेटवर्क के भारत के अन्य राज्यों तक फैले होने की भी पुख्ता जानकारी मिली है। UP News
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