Thursday, 18 April 2024

GHAZIABAD DASNA JAIL SE: अब डासना जेल में कैदी सुनेंगे एफएम रेडियो पर गाने व चुटकुले

GHAZIABAD DASNA JAIL SE:  गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डासना जेल ने कैदियों के लिए एक रेडियो…

GHAZIABAD DASNA JAIL SE: अब डासना जेल में कैदी सुनेंगे एफएम रेडियो पर गाने व चुटकुले

GHAZIABAD DASNA JAIL SE:  गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डासना जेल ने कैदियों के लिए एक रेडियो स्टेशन शुरू किया है। रेडियो पर संगीत और आध्यात्मिक, शैक्षिक और मनोरंजन से जुड़े विषयों को बजाया जाता है। रेडियो स्टेशन का संचालन स्वयं कैदियों द्वारा किया जा रहा है जो इसके जानकार हैं।

GHAZIABAD DASNA JAIL SE

कैदियों के जीवन में कुछ अनोखा करने के लिए ही डासना जेल ने ये प्रयास कर रेडियो स्टेशन बनाया है। यहां कैदियों के मनोरंजन के साथ-साथ उन्हें जागरूक करने के लिए रेडियो स्टेशन से उनकी पसंद के गाने और भजन उन तक पहुंचाए जा रहे हैं। यह उनके आत्मज्ञान के लिए भी बनाया गया है।

जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि जेल में कैदी ज्ञान और मनोरंजन से दूर रहते हैं, इसलिए हम रेडियो स्टेशन के माध्यम से उनका मनोरंजन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कभी-कभी कोई संदेश देना होता है, किसी मुद्दे या उनके मामलों से संबंधित या किसी प्रकार का आंतरिक संचार ही हो तो, पहले यह समय लेता था। रेडियो के माध्यम से यह एक संदेश प्रसारित करते ही हो जाता है।

हालांकि, जेल प्रशासन ने 2019 में भी रेडियो जॉकी की शुरुआत की थी जिसके अंतर्गत जेल परिषद की कुछ बैरक और क्षेत्रों के अंतर्गत रेडिओ स्टेशन स्थापित किया गया था। लेकिन अब तो जेल प्रशासन ने इसे मॉडिफाई करके लेटेस्ट बना दिया है। यानी के यहां रेडियो जॉकी के लिए स्टूडियो भी तैयार किया गया है कैदी से आरजे बने शंभू सिंह सुबह गुड मॉर्निंग डासना आपका दोस्त आर जे शंभू । उसके बाद अच्छे भजन प्रेरणादायक खबरों के जरिए जेल में सकारात्मकता का माहौल बना रहे हैं। धीरे-धीरे इससे जुड़ने के लिए अन्य कैदी भी इंटरेस्टेड नजर आ रहे हैं। इसलिए उनको भी ट्रेनिंग शुरु की है। उन्हें जोड़ने के लिए कविता कहानी या गाना गाने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ताकी शंभू के रिहा होने पर भी रेडियो स्टेशन चलता रहे।

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शायद यह एक अच्छी शुरुआत है महात्मा गांधी के कोट को सही सिद्ध करने के लिए । हालांकि, जेल प्रशासन ने 2019 में भी रेडियो जॉकी की शुरुआत की थी जिसके अंतर्गत जेल परिषद की कुछ बैरक और क्षेत्रों के अंतर्गत रेडियो की आवाज आती थी । लेकिन अब तो जेल प्रशासन ने इसे मॉडिफाई करके लेटेस्ट बना दिया है। कैदी अब बजाये अवसाद में जाने के ज्ञान की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

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