GHAZIABAD तोड़-फोड़: गजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने अपना पीला पंजा एनडीआरएफ रोड पर चलाया। जलजमाव की समस्या से जूझ रहे लोगों को राहत दिलाने के लिए जीडीए ने यह कदम उठाया। लोगों की शिकायत पर जीडीए अब जागा है। यही आंखें यदि पहले से ही खोला रहा होता तो आज यह नौबत नहीं आती।
GHAZIABAD तोड़-फोड़
बता दें, कालोनाइजर जब सदरपुर एवं उसके आस-पास इलाकों में प्लाट काट रहे थे। तब उसमें जीडीए अफसरों की भी सहभागिता थी। अब एनडीआरएफ रोड से लगे नाले से ज्यादातर कालोनाइजरों के द्वारा कालोनियों के पानी की निकासी जोड़ दिए जाने के बाद पीएसी 41 वाहिनी एवं कर्पूरी पुरम योजना में उत्पन्न हुई जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई। अब कुंभकर्णी नींद से लोगों द्वारा जगाए जाने के बाद जीडीए एक्टिव हुआ है। इसके बाद शुक्रवार को एनडीआरएफ रोड पर नाले की जमीन से कारोबारियों के द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाया गया।
जीडीए के अफसर दावा करते हैं कि ये तमाम दुकानें भी पूरी तरह से अवैध बनी हुई है। बताते हैं, कालोनाइजरों के द्वारा जो कालोनियां विकसित की गई हैं, वह मुख्य नाले से उंचाई पर है। इसी कारण से जलभराव की समस्या पैदा हुई है। एनडीआरएफ रोड पर दो मंजिला मार्केट बनी हुई है,जीडीए का प्रवर्तन विभाग तमाम दावों के बावजूद इस मार्केट पर एक्शन नहीं ले पा रहा है।
अनियोजित विकास के चल रहे खेल का खामियाजा कर्पूरीपुरम योजना में जिस व्यक्ति के द्वारा नीलामी के माध्यम से जीडीए से 70 से 80 लाख रूपए लागत का भवन खरीदा गया है इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ रहा है या फिर पीएसी वाहिनी के जवान उठा रहे है। पीएसी वाहिनी के स्टाफ परिसर में भी नाले का पानी भर जाता है।
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