जर्मनी-नीदरलैंड की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी चलेगी वाटर मेट्रो

लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, आगरा, प्रयागराज और गोरखपुर में वाटर मेट्रो को शहरी यातायात के पर्यावरण-अनुकूल विकल्प के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सड़कों पर यातायात का दबाव कम करना और शहरों को बेहतर कनेक्टिविटी देना है।

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वाटर मेट्रो
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar14 Dec 2025 07:10 PM
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UP News : जर्मनी, नीदरलैंड और देश के कोच्चि शहर की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के 6 बड़े शहरों में वाटर मेट्रो सेवा शुरू करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसके लिए गंगा, यमुना और घाघरा सहित प्रमुख नदियों के जलमार्गों को विकसित किया जा रहा है, ताकि नदी-आधारित शहरी विकास को बढ़ावा मिले और ट्रैफिक जाम व प्रदूषण की समस्या कम हो सके। लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, आगरा, प्रयागराज और गोरखपुर में वाटर मेट्रो को शहरी यातायात के पर्यावरण-अनुकूल विकल्प के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सड़कों पर यातायात का दबाव कम करना और शहरों को बेहतर कनेक्टिविटी देना है।

स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा सीधा लाभ 

वाटर मेट्रो उन इलाकों को मुख्य शहर से जोड़ेगी, जो अब तक भौगोलिक रूप से अलग-थलग थे। बेहतर संपर्क से इन क्षेत्रों की पहुंच आसान होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ मिलेगा। रिवरफ्रंट इलाकों के विकास को नई गति मिलेगी। वाटर मेट्रो स्टेशनों के आसपास कैफे, फूड कोर्ट, रिटेल और आॅफिस स्पेस की मांग बढ़ेगी। मिश्रित उपयोग (मिक्स्ड-यूज) वाले प्रोजेक्ट्स रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए आकर्षक निवेश विकल्प बनेंगे। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और शहरी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

11 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में विकसित किया जा रहा

प्रदेश की गंगा, यमुना, घाघरा, सरयू, गंडक और गोमती सहित कुल 11 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में विकसित किया जा रहा है। फिलहाल वाराणसी से हल्दिया तक गंगा जलमार्ग पर परिवहन संचालित है, जबकि अन्य नदियों पर भी नए रूट तैयार किए जा रहे हैं। इससे लॉजिस्टिक लागत घटेगी और सड़क व रेल परिवहन पर दबाव कम होगा। वाटर मेट्रो के साथ-साथ रिवर क्रूज, हाउसबोट, वाटर टैक्सी और रो-पैक्स सेवाओं का भी विस्तार किया जाएगा। काशी, प्रयागराज और अयोध्या जैसे धार्मिक शहर जलमार्ग से सीधे जुड़ेंगे। गोमती नदी पर वाटर मेट्रो और नैमिषारण्य को जोड़ने की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। यह परियोजना उत्तर प्रदेश में परिवहन, पर्यटन और रोजगार के लिए एक मजबूत आधार बनकर उभरेगी। 

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सीएम योगी ने एसआईआर के माध्यम से 2027 में जीत का प्लान बनाया

वर्ष 2025 की मतदाता सूची में यह संख्या 15.44 करोड़ थी, यानी लगभग 4 करोड़ मतदाता गायब हैं, जिन्हें जोड़ा जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री का मानना है कि यह अधिकांशत: बीजेपी के समर्थक हो सकते हैं। इसलिए इन्हें सूची में शामिल करना पार्टी के लिए निर्णायक हो सकता है।

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सीएम योगी आदित्यनाथ
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar14 Dec 2025 06:32 PM
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UP News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यकतार्ओं को निर्देश दिया है कि वे एसआईआर प्रक्रिया को पूरी निष्ठा और व्यवस्थित तरीके से लागू करें। यूपी में 18 वर्ष से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 16 करोड़ है, लेकिन एसआईआर के बाद केवल 12 करोड़ नाम सूची में दिखाई दे रहे हैं। वर्ष 2025 की मतदाता सूची में यह संख्या 15.44 करोड़ थी, यानी लगभग 4 करोड़ मतदाता गायब हैं, जिन्हें जोड़ा जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री का मानना है कि यह अधिकांशत: बीजेपी के समर्थक हो सकते हैं। इसलिए इन्हें सूची में शामिल करना पार्टी के लिए निर्णायक हो सकता है।

कार्यकतार्ओं के लिए निर्देश

* जिन मतदाताओं ने फॉर्म नहीं भरा, उनकी जानकारी तुरंत प्राप्त कर फॉर्म भरवाना।

* हर बूथ को सशक्त बनाना आवश्यक है। लगभग 200-250 घरों का विवरण कार्यकर्ता आसानी से देख सकते हैं।

* सूची में संदिग्ध या असामान्य नामों की पहचान करना, जैसे परिवार में पिता और दादा की असामान्य रूप से कम उम्र।

* चुनाव के समय केवल जनता को पार्टी की उपलब्धियों और कामों से अवगत कराने पर ध्यान देना, बाकी काम पहले ही निपटा लिया जाए।

पार्टी की उपलब्धियों का प्रचार

योगी आदित्यनाथ ने 2017 के बाद हुए बदलावों को गिनाया। उत्तर प्रदेश में दंगे कम हुए और राज्य सुरक्षित और स्थिर बना। इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार हुआ, जैसे एक्सप्रेसवे और तीर्थस्थलों का विकास। रोजगार और नौकरियों में वृद्धि हुई, डेढ़ करोड़ युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया और लगभग 9 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली। निवेश और विकास की प्रक्रिया में तेजी आई।

राजनीतिक संदेश

नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी को पार्टी की नई यात्रा का नेतृत्वकर्ता बताया गया। विपक्ष की ताकत को कम बताया गया, लेकिन कार्यकतार्ओं से सतर्क और मेहनती रहने की अपेक्षा जताई गई। पार्टी की उदारता और सहिष्णुता का गलत इस्तेमाल न होने देना आवश्यक। मुख्य रणनीति तीन आधारों पर टिकी है, छूटे हुए समर्थक मतदाताओं को सूची में जोड़ना। बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाना। चुनाव प्रचार का केंद्र बीजेपी की उपलब्धियों पर रखना। इस योजना के माध्यम से मुख्यमंत्री का लक्ष्य 2027 विधानसभा चुनाव में पार्टी को तीन-चौथाई बहुमत दिलाना है।

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पंकज चौधरी बने उत्तर प्रदेश भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष, पीयूष गोयल ने किया घोषणा

वे उत्तर प्रदेश भाजपा के 17वें प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं। महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से सात बार सांसद चुने जा चुके पंकज चौधरी पार्टी के अनुभवी और जमीनी स्तर से जुड़े नेता माने जाते हैं। लंबे समय से संगठन और जनसेवा में सक्रिय रहने के कारण उनका पार्टी कार्यकतार्ओं और आम जनता के बीच मजबूत प्रभाव है।

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पंकज चौधरी को बधाई देते हुए पीयूष गोयल
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar14 Dec 2025 03:59 PM
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UP News : भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करते हुए पंकज चौधरी को प्रदेश इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। केंद्रीय मंत्री एवं पार्टी के केंद्रीय चुनाव अधिकारी पीयूष गोयल ने औपचारिक रूप से उनके नाम की घोषणा करते हुए बताया कि पंकज चौधरी को यह जिम्मेदारी निर्विरोध सौंपी गई है। इसके साथ ही वे उत्तर प्रदेश भाजपा के 17वें प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं। महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से सात बार सांसद चुने जा चुके पंकज चौधरी पार्टी के अनुभवी और जमीनी स्तर से जुड़े नेता माने जाते हैं। लंबे समय से संगठन और जनसेवा में सक्रिय रहने के कारण उनका पार्टी कार्यकतार्ओं और आम जनता के बीच मजबूत प्रभाव है।

संगठन में उत्साह का माहौल

प्रदेश अध्यक्ष के चयन पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि जब भी पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलता है, वह केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं होती, बल्कि यह कार्यकतार्ओं के लिए उत्सव जैसा अवसर होता है। उन्होंने बताया कि संगठनात्मक चुनाव बूथ, मंडल, वार्ड और नगर स्तर से होते हुए प्रदेश स्तर तक पहुंचते हैं, जिससे कार्यकतार्ओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होती है।

नेताओं ने जताया भरोसा

भाजपा नेता नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि पंकज चौधरी के नेतृत्व को लेकर प्रदेश भर के कार्यकतार्ओं में जबरदस्त उत्साह है। उन्होंने कहा कि लगातार जनप्रतिनिधि बने रहना अपने आप में एक बड़ी जिम्मेदारी होती है, और पंकज चौधरी ने इसे ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ निभाया है। कार्यकतार्ओं के साथ उनका आत्मीय जुड़ाव और उनकी लोकप्रियता उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती है।

2027 के चुनावों पर टिकी निगाहें

प्रदेश भाजपा नेतृत्व को विश्वास है कि पंकज चौधरी के नेतृत्व में संगठन को नई दिशा और मजबूती मिलेगी। खासतौर पर 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उनसे संगठन को और अधिक सक्रिय, अनुशासित और चुनावी दृष्टि से सशक्त बनाने की अपेक्षा की जा रही है। विशेषकर ओबीसी पर पकड़ मजबूत करने और सपा को तगड़ा टक्कर देने के लिए पंकज चौधरी को यह जिम्मेदारी दी गई है।


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