UP News : उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों को इसरो के साथ जुडऩे की सलाह दी है। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री का मानना है कि इसरो के साथ जुडक़र उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर के किसान कमाल कर सकते हैं। कृषि मंत्री का स्पष्ट मत है कि उत्तर प्रदेश के किसानों के पास वह सब कुछ है जिसके द्वारा बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
कृषि मंत्री ने क्यों दी है सलाह ?
अब सवाल उठता है कि उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने किसानों को इसरो के साथ जुडऩे की सलाह क्यों दी है। दरअसल उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने इसरो के फ्री सर्टिफिकेशन कोर्स से प्रभावित होकर उत्तर प्रदेश के किसानों को इसरो के साथ जुडऩे की सलाह दी है। हम आपको विस्तार से बता रहे हैं कि इसरो किसानों के लिए कौन सा फ्री सर्टिफिकेशन कोर्स चला रहा है जिसके द्वारा उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के किसान खेती के काम में नया कमाल कर सकते हैं।
इसरो करा रहा है फ्री कोर्स
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बड़ी पहल की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) के जरिये डिजिटल माध्यम से कृषि में आधुनिक तकनीकों को सीखने के लिए भूस्थानिक प्रौद्योगिकी कोर्स की शुरुआत की है। इस कोर्स के माध्यम से छात्र या पेशेवर युवा को डिजिटल माध्यम से आधुनिक कृषि और उसके लाभों के बारे में सीखने का मौका मिलेगा। छात्रों को स्टडी मटेरियल जैसे लेक्चर स्लाइड, वीडियो रिकॉर्ड किए गए लेक्चर, ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर आदि की जानकारी ई-क्लास के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे।
क्या है कोर्स
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इस कोर्स को केंद्र या राज्य सरकार, निजी संगठनों, एनजीओ, छात्रों और कृषि अनुप्रयोगों में लगे हुए लोगों के लिए शुरू किया गया है, जो फसलों की सूची, फसल की स्थिति का आकलन, कृषि मॉडलिंग, फसलों के लिए जल की आवश्यकता आदि का यूएवी, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेंसर आदि माध्यमों से अनुप्रयोग करते हैं।
सीखने को बहुत कुछ
इस कोर्स के दौरान डिजिटल माध्यम से कृषि और भू- स्थानिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न तकनीकों और अनुप्रयोगों के बारे में जानने और सीखने का मौका मिलेगा। इसके अलावा डिजिटल माध्यम से कृषि के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और आईसीटी तकनीक का प्रयोग, फसल निगरानी और फसल उपज भविष्यवाणी के लिए भू-स्थानिक और डेटा संचालित तकनीक, डिजिटल मृदा मानचित्रण और मृदा गुणवत्ता मूल्यांकन, स्मार्ट कृषि के लिए उन्नत डेटा एनालिटिक्स जैसी आधुनिक तकनीकों के बारे में जानने-समझने का अवसर भी प्राप्त होगा।
ऑनलाइन पढ़ाई और सर्टिफिकेट
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सभी अध्ययन सामग्री और वीडियो लेक्चर ई-क्लास के वेबसाइट https://www.eclass.iirs.gov.in पर अपलोड कर दिए जाएंगे। कोर्स में भाग लेने वाले उन सभी छात्रों को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिन्होंने प्रत्येक सत्र में कम से कम 70% उपस्थिति दर्ज की हो। कोर्स पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट इसरो एलएमएस की वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकेंगे।
आवेदन की शर्तें
भारत का कोई भी नागरिक, जो स्नातक अंतिम वर्ष या स्नातकोत्तर के किसी भी वर्ष में अध्ययनरत है, इस कोर्स में भाग ले सकता है। यह कोर्स निशुल्क है, यानी कि इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उम्मीदवार को कोई पाठ्यक्रम शुल्क नहीं देना होगा।
दाखिला प्रक्रिया
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इसरो के इस कोर्स में नामांकन लेने के लिए इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार इसरो की आधिकारिक वेबसाइट https://www.iirs.gov.in/Edusat-News/ पर जाकर ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 जून, 2024 निर्धारित की गई है। आवेदन के पश्चात सभी पंजीकृत प्रतिभागियों को इसरो (ISRO) लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (LMS) के लिए अपने लॉगिन क्रेडेंशियल प्रदान किए जाएंगे।UP News
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