Kanpur News: गीता भारतीय दर्शन का सार ग्रंथ है। गीता ज्ञान-गीत है। श्रीकृष्ण ने गीता में पुनर्जन्म, आत्मा, कर्मसिद्धांत, त्रिगुण की संकल्पना, सभी प्राणियों से मैत्रीभाव आदि का संदेश दिये है। गीता में दिये गए श्रीकृष्ण के संदेश को आम जनमानस के बीच पहुंचाने के मकसद से श्रीमद्भगवद्गीता जयंती आयोजन समिति, कानपुर प्रान्त एवं भारतीय नववर्ष महोत्सव समिति के संयुक्त तत्वावधान में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा कैलेंडर की शुरुआत पर पहली बार ऐतिहासिक भारतीय नववर्ष गीता सन्देश यात्रा बुधवार को कानपुर में आयोजित की गई।
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इसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। कानपुर शहर के अधिक से अधिक नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चत करने के उद्देश्य से शहर के चारों दिशाओं से यात्रा का आयोजन किया गया। सभी यात्राएं राधा कृष्ण मंदिर (जेके मंदिर) पहुंची, जहां मुख्य समारोह का आयोजन हुआ।
पहली बार ऐतिहासिक यात्राएं निकाली जानी हैं इसके लिए बड़े स्तर पर संपर्क अभियान चलाया गया। घर-घर संपर्क कर लोगों को यात्राओं में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया। लोगों से व्यक्तिगत संपर्क करने के साथ ही, सोशल मीडिया का प्रयोग भी किया गया और झंडे, बैनर व पर्ची के जरिए भी लोगों से शामिल होने की अपील की गई थी।
चार दिशाओं से निकली चार यात्राएं
जो चार यात्राएं निकाली गईं, उसमें सभी नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चत हो सके इसके लिए यात्रा प्रारम्भ पूर्व दिशा में श्री सिद्धनाथ मन्दिर-जाजमऊ से, पश्चिम दिशा में श्री हनुमान मन्दिर-पनकी धाम से, उत्तर दिशा में वाल्मीकि आश्रम, लवकुश जन्म स्थान-बिठूर से एवं दक्षिण दिशा में सोटे हनुमान मन्दिर-किदवई नगर से दोपहर 2 बजे से प्रारंभ होकर जे.के. मन्दिर (राधाकृष्ण मन्दिर) पाण्डु नगर में सायं 5 बजे समाप्त हुई। इसके पश्चात नववर्ष सांस्कृतिक स्वागत समारोह एवं यात्रा समापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इसका आयोजन श्रीमद्भागवत गीता जयंती आयोजन समिति कानपुर प्रांत और भारतीय नववर्ष महोत्सव समिति ने किया। लोग पैदल, बाइक, कार आदि से इस यात्रा में शामिल हुए।
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