Site icon चेतना मंच

Kanpur News : कानपुर बन रहा रोहिंग्या का पनाहगाह

Kanpur News : Kanpur is becoming a refuge for Rohingya

Kanpur News : Kanpur is becoming a refuge for Rohingya

Kanpur News : कानपुर। पुलिस कमिश्नरी कानपुर बेखबर रही और यूपी एटीएस ने शनिवार को कानपुर के झकरकटी बस अड्डे से आठ बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया। एटीएस की इस कार्रवाई से पहले भी शहर से कई बार आतंकी और आपराधिक घटनाओं में लिप्त रहने के आरोपी बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ऐसी कार्रवाई के बाद पुलिस हर बार उनकी तलाश में अभियान भी चलाती है, लेकिन नतीजा सिफर रहता है। पिछले दो साल में शहर में 50 से अधिक बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की गिरफ्तारी से साफ जाहिर है कि कानपुर ऐसे शरणार्थियों का पनाहगाह बनता जा रहा है।

Kanpur News :

 

बोली से हुई पहचान
शनिवार को झकरकटी बस अड्डे गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों ने एटीएस को पूछताछ में बताया कि वे पहले बांग्लादेश में छिपे हुए थे। एटीएस ने इन संदिग्धों की पहचान उनके पहनावे और बोलचाल के तरीकों से की है। अधिक पूछताछ करने पर उन्होंने खुद को बाहरी होने की बात कुबूल की थी। उन्होंने अवैध तरीके से सीमा पार कराकर भारत आने के लिए कुछ लोगों को रुपये दिए थे।

वर्ष 2021 में हुई थी 15000 की पहचान
शनिवार 6 मई को हुई कार्रवाई से साफ है कि शहर बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों के लिए छिपने का सबसे महफूज अड्डा बना हुआ है। वर्ष 2021 में लखनऊ में मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों से पूछताछ में उनका कनेक्शन कानपुर से निकला था। इसकी जानकारी होने पर तत्कालीन पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने इनकी तलाश में चेकिंग अभियान शुरू कराया तो 15000 से अधिक संदिग्धों की पहचान की गई थी। इनमें से ज्यादातर चकेरी, नौबस्ता के मछरिया, पनकी, कल्याणपुर और बारासिरोही के रहने वाले निकले थे। लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

फर्जी आईडी बनवाकर किराए पर रहते
वर्ष 2021 में पुलिस ने जब जांच पड़ताल की तो दबाव के बाद 15000 से अधिक संदिग्धों में से सिर्फ 16 नागरिकों पर ही शिकंजा कसा गया था, वे बांग्लादेशी और रोहिंग्या के नागरिक थे। उनके पास से असम के बारपेटा जिले की नागरिकता के फर्जी आधार कार्ड भी बरामद किए गए थे। सूत्रों के अनुसार शहर में अभी भी बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिक फर्जी आईडी बनवाकर बस्तियों और किराये के मकानों में निवास करते हैं। पुलिस अगर फिर से चेकिंग अभियान और सत्यापन का कार्य शुरू कराए तो बड़ी संख्या के रूप में पुलिस के हाथ सफलता लग सकती है।

Jharkhand News: जादू-टोना करने के शक में अमानवीय बर्ताव की शिकार महिलाएं लड़ रही हैं सम्मान पाने की लड़ाई

पिछले दो साल में पकड़े गए संदिग्ध

1.1 मार्च 2021 – सीसामऊ के व्यापारी को नकली डॉलर देकर ठगी के मामले में पुलिस ने कल्याणपुर से दो बदमाशों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि दोनों बांग्लादेशी नागरिक थे और पश्चिम बंगाल के रास्ते अवैध तरीके से देश में घुसे थे। इसके बाद शुरू किए गए चेकिंग अभियान में बारासिरोही में बड़ी बस्ती से कई संदिग्धों को उठाया गया था।
2.31 जुलाई 2021 – लखनऊ में अलकायदा आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद शहर में उनका कनेक्शन मिला। पुलिस ने पनकी से दो बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया था।
3.12 अगस्त 2021 – पुलिस को नौबस्ता के मछरिया से 26 बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिक मिले थे। उनके पास से फर्जी दस्तावेज बरामद किए थे। सभी फर्जी आईडी के आधार पर किराये पर रहे थे।
4.13 दिसंबर 2022 – बंग्लादेश के नागरिक डा इमरान को पकड़ा। उसकी बीवी, बच्चे व ससुर भी गिरफ्तार। सभी बांग्लादेश के नागरिक निकले। पूछताछ बताया कि उन्होंने फर्जी तरीके से कागजात तैयार करवाकर कानपुर का आधार कार्ड बनवाया।
5.6 मार्च 2023 – एटीएस ने शहर से 16 संदिग्ध बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की गिरफ्तारी की थी। सभी शहर की बस्तियों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में अपनी पहचान छिपा कर रह रहे थे।
6.6 मई 2023 – आठ बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया।

सैय्यद अबू साद

Exit mobile version