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राजकुमार चौधरी
नई दिल्ली/नोएडा। हवा में चल रही निजी सिक्योरिटी एजेंसियों की अब खैर नहीं। उनकी नकेल कसेंगी गौतमबुद्वनगर की पहली महिला पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह। इस बात के संकेत उन्होंने दी है।
पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर में निजी सुरक्षा व्यवस्था एक बड़ा विषय है । अकेले नोएडा शहर की बात करें तो यहाँ हवा में चल रही सिक्योरिटी एजेंसियों पर नकेल कसने के संकेत मिले हैं । जो एजेंसियां सरकार के मानकों के अनुरूप पंजीकृत नहीं होंगी उन्हें चलने नहीं दिया जाएगा । एक अनुमान के मुताबिक लगभग ऐसी 100 एजेंसी नोएडा में कार्यरत हैं। इन पर जल्द पुलिस का डंडा चलेगा।
गौतमबुद्धनगर जनपद उत्तर प्रदेश का एक औद्योगिक जिला है। इसकी पहचान पूरे विश्व में है। यहां नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अंतर्गत 50,000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां विभिन्न सेक्टरों में चल रही हैं। इसके अलावा तकरीबन 100 से अधिक बिल्डरों की 500 से अधिक सोसाइटी तीनों औद्योगिक शहरों में स्थापित हैं। इन सोसाइटिओं में लाखों लोग अपने परिवार के साथ रहते हैं। औद्योगिक इकाइयों के अलावा इन सोसाइटी की सुरक्षा व्यवस्था भी निजी सुरक्षा एजेंसियों के हाथों में हैं । इसके साथ ही रिहायशी सेक्टरों में भी निजी सुरक्षा एजेंसियों के सुरक्षाकर्मियों के भरोसे सुरक्षा व्यवस्था है।
सूत्र बताते हैं कि कई सुरक्षा एजेंसियों के सुरक्षाकर्मी ट्रेंड नहीं है । चूंकि, एजेंसियां कम पैसे देती हैं इसलिए उनको ट्रेंड सुरक्षा कर्मी नहीं मिलते। सोसाइटी में बड़ी संख्या में पाश्चात्य संस्कृति में पले बढ़े युवा लिव इन में रहते हैं। उनका कल्चर कई बार सुरक्षाकर्मियों के व्यवहार से मेल नहीं खाता है। इसकी वजह से भी सुरक्षाकर्मियों और इन युवाओं के बीच कई बार टकराव की स्थिति देखने को मिलती रही है। ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं जिसमें युवाओं और सुरक्षाकर्मियों के बीच टकराव की स्थिति बन जाती हैl
ये कहती है पुलिस
गौतमबुधनगर की कमिश्नर का पदभार ग्रहण करने के बाद पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने इस कार्रवाई के साफ संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि गौतमबुधनगर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का अत्याधुनिक जिला है । यहां रहने वाले लोगों की मानसिकता अलग है। इसलिए यहां की पुलिसिंग भी उसी हिसाब से होनी चाहिएl उन्होंने कहा कि जो सुरक्षा एजेंसियां शासन के मानकों के अनुरूप नहीं होंगी उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। लेकिन इससे पहले सुरक्षा एजेंसियों के संचालकों के साथ संवाद किया जाएगा ताकि वह अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करें। किसी भी सुरक्षाकर्मी को प्रॉपर ट्रेनिंग के बाद ही तैनाती दी जाए, ऐसा आदेश उनको दिया जाएगा।
कमिश्नर से जल्द मिलेंगे सुरक्षा एजेंसी संचालक
निजी सुरक्षा एजेंसियों की एसोसिएशन के अगुवा और एशियन सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस के संचालक एन पी सिंह ने चेतना मंच को बताया कि नोएडा में 200 से अधिक सुरक्षा एजेंसियां कार्यरत हैं । ये एजेंसी विभिन्न संस्थानों की सुरक्षा के लिए 30,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की आपूर्ति करते हैं। तकरीबन 130 सुरक्षा एजेंसी ऐसी हैं जिनके पास पसारा के लाइसेंस हैं। जिनके पास पसारा के लाइसेंस हैं वे एजेंसी सरकारी प्रतिष्ठानों नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना विकास प्राधिकरण यूपीपीसीएल में भी सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से मान्य है। एन पी सिंह ने कहा कि शहर को बेहतर सुरक्षित माहौल मिले यह सुरक्षा एजेंसियों के संचालकों की भी मंशा हैl सुरक्षा एजेंसियों का एक प्रतिनिधिमंडल इस मामले में शीघ्र पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह से मुलाकात करेगा।
क्या है PSARA लाइसेंस?
निजी सुरक्षा एजेंसियां को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने एक नियम अधिनियम, 2005 बनाया हैl इसके अनुसार भारत में निजी सुरक्षा एजेंसी का व्यवसाय संचालन करने के लिए इसका होना जरूरी होता है। ये लाइसेंस जिन एजेंसियों को मिलता है उसके सभी पहलुओं को इसी अधिनियम के तहत नियंत्रित किया जाता है। पीएसएआरए 2005 के तहत, यदि कोई व्यक्ति जो सुरक्षा एजेंसी व्यवसाय शुरू करना चाहता है, उसे भारत में लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, भारत से बाहर सेवा प्रदान करने के लिए, नियंत्रक प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी। इसको जारी करने से पहले तमाम प्रकार की जांच कराई जाती हैं। जो पुलिस विभाग से संबंधित होती हैं।