Lucknow News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य, बेहतर ब्रांडिंग और सही बाजार के लिए लखनऊ में ‘एग्रो मॉल’ स्थापित करने के निर्देश दिये हैं।
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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 166वीं बैठक में किसान हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये।
यहां जारी सरकारी बयान के अनुसार बैठक में योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, उत्पाद की ब्रांडिंग हो, सही बाजार मिले, इसके लिए राजधानी लखनऊ में ‘एग्रो मॉल’ स्थापित किया जाना आवश्यक है। यहां किसान सीधे अपने फल, सब्जियों की बिक्री कर सकेंगे और उपभोक्ताओं के लिए अच्छी गुणवत्ता के फल, सब्जियां और खाद्यान्न उपलब्ध होंगे।’’
मुख्यमंत्री ने एग्रो मॉल में किसानों के विश्राम के लिए आवश्यक सुविधाएं स्थापित करने की हिदायत दी। गोमतीनगर के विकल्प खंड में उपलब्ध लगभग आठ हजार वर्ग मीटर भूमि में सात मंजिला आधुनिक एग्रो मॉल की स्थापना प्रस्तावित है। मॉल में किसानों/खरीदारों के वाहनों की पार्किंग के लिए भी समुचित व्यवस्था की जाएगी।
योगी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा किसानों के हित का ध्यान रखते हुए किये जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है और चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल से नवंबर तक 972 करोड़ रुपये से अधिक की आय मंडी परिषद को हुई है, जो कि पिछले वित्तीय वर्षों के सापेक्ष अच्छी प्रगति को दर्शाता है।’’
योगी ने अधिकारियों को प्रेरित करते हुए कहा, ‘‘हमें इस वित्तीय वर्ष 1500 करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कार्य मे ‘टिशू कल्चर तकनीक’ (कृत्रिम वातावरण में पौधों को स्थानांतरित करके नए पौधे के ऊतकों को विकसित करने की एक तकनीक) के प्रयोग के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। राज्य में इस तकनीक को प्रोत्साहित करने के लिए अयोध्या में केले की खेती को बढ़ावा देने के लिए टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जानी चहिए। उन्होंने इस सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
योगी ने कहा कि कृषि उपजों की ई-नीलामी या डिजिटल प्लेटफॉर्म सर्विस प्रोवाइडर के वास्ते लाइसेंस बनवाने के लिए मंडी नियमावली में यथा आवश्यक संशोधन किया जाए। इसमें निजी क्षेत्र की सहभगिता किसानों को एक नया विकल्प देगी, साथ ही मंडी परिषद की आय में भी बढ़ोत्तरी होगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मंडी परिषद एवं मंडी समितियों के अधिकारियों व कर्मचारियों को नियमानुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए पूर्व में प्रचलित व्यवस्था के अनुरूप निजी/सरकारी चिकित्सालयों में इलाज कराने एवं शासकीय दरों पर प्रतिपूर्ति/भुगतान की सुविधा दी जाए। यह व्यवस्था अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अत्यन्त उपयोगी होगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए नियोजित प्रयास कर रही है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप जैविक और प्राकृतिक उत्पादों के सत्यापन के लिए सभी मंडल मुख्यालयों पर टेस्टिंग लैब स्थापित कराने पर जोर देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘चरणबद्ध रूप से कृषि विज्ञान केन्द्रों पर ‘टेस्टिंग लैब’ स्थापित किए जाएं। इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मंडी परिषद की सहायता से राज्य के बांदा, कानपुर और कुमारगंज (अयोध्या) के कृषि विश्वविद्यालयों में छात्रावासों का निर्माण कराया गया है, यह अच्छा प्रयास है और ऐसे प्रयास आगे भी जारी रखने चाहिए।’’
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री को राज्य के कृषि मंत्री ने गौ आधारित प्राकृतिक खेती के लिए गुरुकुल फार्म के भ्रमण के निष्कर्षों पर एक पुस्तक भेंट किया। इस अवसर पर राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही एवं कृषि विपणन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह समेत कई प्रमुख अधिकारी मौजूद थे।
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