Lucknow Court Murder Jeeva: जीवा के अपराध के रिकॉर्ड की शुरुआत 90 के दशक में होती है। इससे पहले वह शामली के शंकर दवाखाना पर कंपाउंडर की नौकरी किया करता था । संजीव जीवा का पूरा नाम संदीप माहेश्वरी था। वह मुजफ्फरनगर के शाहपुर थाना क्षेत्र के आदमपुर गांव का रहने वाला था । जीवा मुख्तार अंसारी का शार्प शूटर बताया जाता है। जीवा ने 12वीं तक स्कूल की पढ़ाई की और उसके बाद मुजफ्फरनगर के क्लीनिक पर कंपाउंडर का काम करने लगा।
अपराध की दुनिया में आने से पहले कंपाउंडर की नौकरी करता था
अपराध की पहली वारदात उसने उसी दवाखाने में की जहां वो कंपाउंडर की नौकरी करता था। उसने दवाखाने के संचालक डॉ को ही अगवा कर डाला था।
इस घटना के बाद तो जैसे जीवा के हौसले बढ़ते गए और अब उसके सर पर मानो अपराध करने का भूत सवार हो चुका था। उसने अपना अगला निशाना कोलकाता के एक कारोबारी को बनाया और उसके बेटे को अगवा कर दो करोड़ की फिरौती मांग डाली।
90 के दशक में दो करोड़ की फिरौती
90 के दशक में दो करोड़ की फिरौती मांगना बहुत बड़ी बात थी जो कोई शातिर अपराधी ही कर सकता था। इस घटना के बाद जीवा उत्तराखंड के हरिद्वार जा पहुंचा और नाजिम गैंग में शामिल हो गया। लेकिन उसके सर पर तो अपना गैंग बनाने का भूत सवार था।
श्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी सियायत में चमकते सितारे थे,संजीव जीवा ने दिनदहाड़े उन्हें मौत के घाट उतार दिया, कृष्णानंद राय राजनीति का बड़ा चेहरा थे,संजीव जीवा ने हत्या की और उनकी शिखा काट ली,इन हत्याओं में जीवा अदालत से बच निकला,लेकिन आज अदालत के दरवाज़े पर ही मिली उसे खौफनाक मौत !!
— Dr. Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) June 7, 2023
भाजपा के बड़े नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या की
1997 में भाजपा के बड़े नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में भी जीवा का ही नाम सामने आया था। और इस मामले में कोर्ट ने जीवा को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इसी कांड के बाद जीवा मुन्ना बजरंगी गैंग में शामिल हो गया और मुख्तार अंसारी के साथ उसकी नज़दीकियां बढ़ने लगी।
जिस बर्बरता से गाड़ी के ऊपर चढ़कर हत्या को अंजाम दिया गया और उसके बाद शिखा काटी गई पिताजी की आज उसका फ़ैसला न्याय के मंदिर में भगवान द्वारा किया गया।फ़ैसले में देर हैं,अंधेर नहीं चाहे न्यायालय का हो या भगवान का !! https://t.co/I9wtxFFI9m
— पीयूष राय (@piyushKrai378) June 8, 2023
मुख्तार अंसारी का शार्प शूटर बना
कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी जीवा का नाम सामने आया था दरअसल मुख्तार अंसारी के साथ करीबी होने के कारण जीवा का नाम 2005 में कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी उठा था। जीवा हथियार जुटाने के नेटवर्क से जुड़ा हुआ था जिस वजह से अंसारी के लिए वह काफी अहम था। हालांकि कुछ साल बाद कृष्णानंद राय हत्याकांड में उसे कोर्ट से बरी कर दिया गया। जीवा पर 26 मुकदमे थी जिसमें वह 17 में बरी हो चुका था बताया जाता है कि जीवा जेल में रहकर भी अपना गैंग ऑपरेट करता था।