Shootout Lucknow Court : यूपी की राजधानी लखनऊ की सिविल कोर्ट में गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या करने के लिए हत्यारों ने दो प्लान तैयार किए थे। प्लान ए के तहत एक ही ही शूटर द्वारा जीवा की हत्या की जानी थी। किसी कारण से यदि प्लान ए फेल हो जाता तो प्लान बी भी तैयार किया गया था। वेस्ट यूपी के कुख्यात गैंगस्टर संजीव जीवा को मारने के लिए हत्यारों का क्या था प्लान बी, यहां जानें इस मर्डर केस के दिलचस्प तथ्य…
Shootout Lucknow Court
वेस्ट यूपी के गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या करने के लिए कोर्ट में पहुंचे शूटरों ने फुलप्रूफ प्लान बना रखा था। हर हाल में जीवा की मौत के लिए बदमाशों ने प्लान बी भी तैयार कर रखा था। इस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है। एसआईटी ने देर रात ही कोर्ट परिसर पहुंचकर आवश्यक जानकारी जुटाई। जीवा की हत्या करने वाले शूटर से भी पूछताछ शुरु कर दी गई। पता चला है कि जीवा को मारने वाले शूटर के साथ 3 लोग मौजूद थे, जो शूटर को बैकअप दे रहे थे और योजना फेल होने पर तीनों बैकअप सपोर्ट करते। तीन लोगों के साथ शूटर जीवा की हत्या करने पहुंचा था। मुख्य शूटर ने 7 दिनों में रेकी की और फिर हत्या को अंजाम दिया।
हत्या से पहले शूटर कई बार कोर्ट आया और जीवा के बारे में सूचनाएं जुटाई। यही नहीं शूटर ने जिस कोर्ट रूम में हत्या की, वह एक से दो बार उसी कोर्ट में पहले भी जाकर रेकी की। शूटर ने रिवॉल्वर कोर्ट परिसर के अंदर छिपा कर रखी हुई थी। जिस magnum.375 रिवॉल्वर से संजीव जीवा को गोली मारी गई वो prohibited bore है।
रिवॉल्वर से सभी 6 गोली संजीव जीवा को लगी है। आरोपी से बरामद रिवॉल्वर को जांच के लिए भेजा जाएगा। इस बीच पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि संजीव जीवा को 6 गोली मारी गई थी। 4 सीने में लगी और 2 गोली सीने से थोड़ी नीचे लगी है। संजीव जीवा की हत्या प्रोफेशनल शूटर की तरह की गई।
क्या है पूरा मामला
बुधवार को लखनऊ में कोर्ट कोर्टरूम के भीतर ही संजीव माहेश्वरी उर्फ संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। संजीव जीवा कोई आम आदमी नहीं था। वो माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी था। संजीव जीवा ने एक बीजेपी विधायक की हत्या की थी।
आजीवन कारावास की सजा काट रहे संजीव माहेश्वरी उर्फ संजीव जिस स्थान पर हत्या की गई, वह स्थान मुख्यमंत्री आवास से सिर्फ 7 किमी दूर, डीजीपी ऑफिस से 10 किमी दूर, कार्यवाहक सीपी पीयूष मोर्डिया के दफ्तर 5.5 किमी दूर, ज्वाइंट सीपी लॉ एंड ऑर्डर उपेंद्र अग्रवाल के दफ्तर से तो बमुश्किल 10 मिनट की दूरी पर है।
दो माह के भीतर दूसरी बड़ी वारदात
आपको बता दें कि 15 अप्रैल को अतीक अहमद को पुलिस की सुरक्षा में दर्जनभर पुलिसवालों के घेरे में तीन शूटर मारते हैं। दो माह के भीतर अब 7 जून को कोर्टरूम के भीतर पुलिस-जज-वकील के सामने एक शूटर माफिया संजीव उर्फ जीवा को गोली मारकर हत्या की गई।
नौसिखिए अपराधी बेखौफ
यूपी में पुलिस के सामने ही कत्ल की दो बड़ी वारदात हुई हैं। पुलिस के सामने पहले पत्रकार के भेस में शूटर आए, अब पुलिस के सामने वकील की ड्रेस में शूटर आया। यूपी में पुलिस के सामने ही नौसिखिए अपराधी बेखौफ होकर गोली चला रहे हैं। यूपी में पुलिस के सामने ही बड़े बड़े माफिया को ऐसे अपराधी गोली मार रहे, जिनकी पहले कोई बड़ी केस हिस्ट्री नहीं। Shootout Lucknow Court
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