जाने गांधी परिवार और धार्मिक विविधता की कहानी

नेहरू-गांधी परिवार का इतिहास केवल सत्ता और राजनीति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनके निजी रिश्ते भी भारतीय समाज की विविधता और बदलते सामाजिक मूल्यों को दर्शाते रहे हैं।

Gandhi family
गांधी परिवार (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar30 Dec 2025 02:30 PM
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देश की राजनीति में दशकों तक अहम भूमिका निभाने वाला नेहरू-गांधी परिवार एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वजह राजनीतिक नहीं, बल्कि निजी जीवन से जुड़ी एक खबर है। प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा के बेटे रेहान वाड्रा की सगाई की खबरों के बाद गांधी परिवार से जुड़े रिश्तों और उनकी धार्मिक पृष्ठभूमि को लेकर दिलचस्प चर्चा शुरू हो गई है।

इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने फिरोज गांधी से विवाह किया था, जो पारसी समुदाय से आते थे। उस दौर में यह विवाह सामाजिक समरसता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का प्रतीक माना गया। यह रिश्ता अपने समय से आगे की सोच को दर्शाता था।

राजीव गांधी और सोनिया गांधी

बता दें कि इंदिरा गांधी के बेटे राजीव गांधी ने इटली में जन्मीं सोनिया गांधी से विवाह किया। सोनिया गांधी एक रोमन कैथोलिक ईसाई परिवार से थीं। बाद में उन्होंने भारतीय नागरिकता ली और भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई।

संजय गांधी और मेनका गांधी

बता दें कि संजय गांधी और मेनका गांधी की शादी भी काफी चर्चा में रही है। मेनका गांधी का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था और विवाह के बाद भी उन्होंने हिंदू परंपराओं का पालन किया। यह रिश्ता राजनीतिक और सामाजिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना गया है।

प्रियंका गांधी वाड्रा और रॉबर्ट वाड्रा

बता दें कि प्रियंका गांधी का विवाह उद्योगपति रॉबर्ट वाड्रा से हुआ। रॉबर्ट वाड्रा की धार्मिक पहचान को लेकर समय-समय पर अलग-अलग दावे सामने आए हैं। कुछ रिपोर्ट्स में उन्हें ईसाई बताया गया, जबकि बाद में हिंदू धर्म अपनाने की बातें भी कही गईं। हालांकि इस पर परिवार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं रहा है।

रेहान वाड्रा और अवीवा बेग

अब गांधी परिवार की नई पीढ़ी चर्चा में है। खबरों के अनुसार रेहान वाड्रा ने अपनी गर्लफ्रेंड अवीवा बेग से सगाई कर ली है। दोनों के परिवारों की सहमति की बात कही जा रही है। हालांकि अवीवा बेग के धर्म को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

निजी फैसले और बदलता सामाजिक नजरिया

गांधी परिवार के यह रिश्ते इस बात की ओर इशारा करते हैं कि व्यक्तिगत जीवन में उन्होंने परंपराओं से हटकर अपनी पसंद और आपसी समझ को प्राथमिकता दी। यह कहानी केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि बदलते भारतीय समाज और उसकी सोच की भी झलक पेश करती है।

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बीएमसी चुनाव 2025–26: कांग्रेस ने 52 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की

इस बार कांग्रेस ने महाविकास अघाड़ी के सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार गुट के साथ गठबंधन नहीं किया है। पार्टी ने वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ चुनावी गठबंधन का ऐलान किया है, जिससे बीएमसी चुनाव का राजनीतिक समीकरण और दिलचस्प हो गया है।

Congresss second list
कांग्रेस की दूसरी सूची (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar30 Dec 2025 01:06 PM
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बीएमसी (मुंबई महानगरपालिका) चुनाव 2025–26 को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी दूसरी उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 52 वार्डों के लिए प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया गया है। कांग्रेस ने इस बार ओपन, ओबीसी, एससी और महिला आरक्षण श्रेणियों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है।

महाविकास अघाड़ी से अलग राह पर कांग्रेस

गौरतलब है कि इस बार कांग्रेस ने बीएमसी चुनाव में महाविकास अघाड़ी के सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार गुट के साथ गठबंधन नहीं किया है। इसके बजाय कांग्रेस ने वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ चुनावी गठबंधन का ऐलान किया है, जिससे मुंबई की सियासत में मुकाबला और रोचक हो गया है।

इन वार्डों से घोषित किए गए उम्मीदवार

दूसरी सूची के अनुसार माघाठाणे (वार्ड 03) से प्रदीप रमाकांत चौबे, दहिसर (वार्ड 08 और 09) से रत्नप्रभा डी. जुन्नरकर और सदानंद बी. चव्हाण, चारकोप (वार्ड 31) से बीना रामकुबर सिंह, दिंडोशी (वार्ड 37, 39 और 41) से मीना दुबे, मधु बृजेश सिंह और राहुल उगले जोगेश्वरी पूर्व के वार्ड 52, 74, 78 और 79 से स्वाती एकनाथ, समिता नितिन सावंत, सिद्दीकी शबाना बानो और प्रियंका मनीष मिश्रा को टिकट दिया गया है।

पश्चिमी उपनगरों में कांग्रेस का जोर

बता दें कि कांग्रेस ने गोरेगांव, वर्सोवा और अंधेरी क्षेत्रों में भी मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं। जिसमें गोरेगांव (वार्ड 58) से सूर्यकांत मिश्रा, वर्सोवा (वार्ड 60 और 65) से ग्लैडिस श्रियर और सुफियान हैदर, अंधेरी पूर्व (वार्ड 72, 75 और 86) से गायत्री गुप्ता, इमरान खलील शेख और नितिन सालगरे है।

बांद्रा से घाटकोपर तक उम्मीदवारों की घोषणा

बता दें कि बांद्रा पूर्व और पश्चिम के कुल आठ वार्डों में कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। वहीं, मुलुंड, भांडुप, विक्रोली और घाटकोपर क्षेत्रों में भी पार्टी ने अनुभवी और नए चेहरों पर भरोसा जताया है।

मध्य और पूर्वी मुंबई पर भी फोकस

कुर्ला, चांदिवली, कालिना, सायन कोलीवाड़ा, धारावी, माहिम, वडाला, शिवड़ी, बायकुला और मुम्बादेवी जैसे इलाकों में कांग्रेस ने सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है।

चुनावी रणनीति का संकेत

दूसरी सूची से साफ है कि कांग्रेस इस बार बीएमसी चुनाव में पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है। वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ गठबंधन और विविध सामाजिक वर्गों के उम्मीदवारों को मौका देकर पार्टी मुंबई की राजनीति में नया समीकरण बनाने की कोशिश कर रही है। अब सभी की निगाहें कांग्रेस की अगली सूची और अन्य दलों की रणनीतियों पर टिकी हुई हैं।

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अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी ने जारी की दूसरी लिस्ट

एनसीपी ने इससे पहले 37 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। दूसरी सूची के ऐलान को पार्टी की रणनीति का अहम कदम माना जा रहा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि एनसीपी चुनावी मैदान में पूरी ताकत के साथ उतरने की तैयारी में है।

Under the leadership of Ajit Pawar
अजित पवार के नेतृत्व (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar30 Dec 2025 11:54 AM
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बता दें कि बीएमसी (मुंबई नगर निगम) चुनाव को लेकर एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) ने अपनी चुनावी गतिविधियां तेज कर दी हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने बीएमसी चुनाव के लिए 27 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से ठीक एक दिन पहले जारी हुई इस सूची के साथ पार्टी द्वारा घोषित कुल उम्मीदवारों की संख्या अब 64 हो गई है।

भाजपा-शिवसेना से अलग चुनाव लड़ेगी एनसीपी

बता दें कि दूसरी सूची जारी करते हुए एनसीपी ने साफ कर दिया है कि वह भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की सहयोगी होने के बावजूद बृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनाव अलग से लड़ेगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बीएमसी चुनाव के लिए आपसी गठबंधन कर लिया है।

दूसरी सूची के प्रमुख उम्मीदवार

बता दें कि एनसीपी की दूसरी सूची में कई स्थानीय स्तर पर मजबूत माने जाने वाले चेहरों को टिकट दिया गया है। इनमें वार्ड नंबर 3 से मनीष दुबे, वार्ड 40 से विलास दगडू घुले, वार्ड 48 से सिरील पिटर डिसोझा, वार्ड 57 से अजय दत्ता विचारे शामिल हैं। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि इन उम्मीदवारों के जरिए जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूती मिलेगी। इस बीच मुंबई भाजपा अध्यक्ष अमित साटम ने एनसीपी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार करते हुए कहा है कि बीएमसी चुनाव में एनसीपी के चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी नवाब मलिक संभाल रहे हैं। नवाब मलिक पर धनशोधन और अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोगों से संबंधों के आरोप लग चुके हैं।

100 सीटों पर लड़ने की तैयारी

बता दें कि एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने बताया कि पार्टी पिछले कई दिनों से लगातार बैठकें कर रही है और सभी जानकारियां अजित पवार को दी जा चुकी हैं। पार्टी करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। बीएमसी समेत महाराष्ट्र की 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होने हैं, जबकि मतगणना 16 जनवरी को होगी। बीएमसी की 227 सीटों को लेकर सभी प्रमुख दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। ऐसे में एनसीपी का अलग चुनाव लड़ने का फैसला मुंबई की राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकता है।