UP News : लखनऊ। सबको पता है इन दिनों उत्तर भारत के किसान अपने खेतों में धान की रोपाई में व्यस्त हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा में धान की रोपाई करते हुए किसानों के बीच जाकर किसानों के इस काम को सबके लिए आकर्षण का विषय बना दिया है। चेतना मंच के संवाददाता संदीप तिवारी ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आसपास स्थित गांवों के खेतों पर जाकर रोपाई कर रहे किसानों धान किसानों का दर्द समझने का प्रयास किया है। आपको भी बताते हैं इन किसानों का दर्द…
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अन्नदाता की दास्तान
किसानों का अन्नदाता कहा जाता है। कहने वालों को पता है कि किसान यदि फसल उगाना बंद कर दे तो सब भूखे मर जाएंगे। क्या आपने कभी सोचा है कि जो अन्नदाता हमें और आपको जीवित रखने के लिए भोजन पैदा करके देता है यदि वह बर्बाद हो गया तो इस देश का क्या होगा। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आसपास के किसान बर्बादी की कगार पर खड़े हैं। उनका सबसे बड़ा दर्द यह है कि प्रदेश के कर्ताधर्ता उनकी फसल बर्बाद करने वालों का ‘इलाज’ नहीं कर पा रहे हैं।
सबसे बड़ी समस्या
धान की रोपाई करने वाले लखनऊ के किसानों ने वर्तमान हालातों बारे में कई बातें कही। हर एक बात पर किसानो ने अपना दर्द बयां किया। किसान महेश यादव ने कहा कि हम लोगों की सबसे बड़ी समस्या आवारा पशु हैं। क्यूंकि उनसे फसल बचाने के लिए रात दिन निगरानी करनी पड़ती है। वहीँ जरा सा भी अगर खेत से नजर हट जाती है तो सांड खेतों में कबड्डी खेलने लगते हैं जिससे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। वहीँ किसान लालू ने कहा कि अगर सरकार इसके लिए कुछ बेहतर कदम उठा ले तो सभी का भला हो जायेगा।
4 महीने में तैयार हो जाती है धान की फसल
किसान चंद्रभान ने कहा कि वर्तमान समय में इतनी महंगाई है कि सात सौ रूपये बोरी मिलने वाली खाद अब 1500 रूपये में मिल रही है। यहाँ तक सिंचाई भी डीजल की वजह से आसमान छू रही है। जबकि धान की खेती के लिए सबसे ज्यादा सिंचाई की जरुरत होती है। किसान सुरेश ने कहा कि 4 महीने में धान की फसल तैयार हो जाती है लेकिन इस दौरान हर 15 दिन के बाद सिंचाई करनी पड़ती है बाजार में जो खाद मिलती है वो भी अच्छी गुणवत्ता की नहीं मिल रही है।
UP News – किसानों को बहाने पड़ रहे आंसू
वर्तमान समय में किसान धान की फसल तैयार करने के लिए खेतों में रोपाई तैयार कर रहे हैं। ऐसे में किसानों की फसल नहीं बच पा रही है। भारी-भरकम तामझाम के बाद भी किसानों को सिर्फ और सिर्फ मायूसी के आंसू बहाने पड़ रहे है। किसान कि सभी व्यवस्थाओं के बावजूद आवारा पशु खेतों में घुस जाते हैं और फसल को नष्ट कर दे रहे हैं। हर सीजन की फसल के दौरान आवारा पशु किसानों के लिए बड़ी समस्या बनकर सामने आ रहे हैं। गांव में बनी गौशाला भी अव्यवस्थाओं का शिकार है। UP News
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