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बड़ी खबर : यूपी के इन रोडवेज बस स्टैंड पर मिलेगी होटल और मॉल की सुविधा

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UP News : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश के रोडवेज बस स्टैंड को हाईटेक बनाने जा रही है। इन बस स्टैंड्स नए जमाने के विकसित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम जर्जर हो चुके रोडवेज बस स्टैंड के भवनों को नए सिरे से बनाएगा, जिसमें यात्रियों को आधुनिक होटल और मॉल की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।

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यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि यूपी के 23 रोडवेज बस स्टैंड को नए सिरे से बनाया जाएगा। इस कार्य के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों की मदद ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इनमें से 5 बस स्टैंड के विकास के लिए निजी कंपनी का चयन किया जा चुका है और 18 के लिए एक बार फिर निविदा मंगाई जाएंगी। इन बस स्टेशनों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के आधार पर विकसित किया जाएगा।

परिवहन मंत्री ने बताया कि यात्रियों के ठहरने के लिए वातानुकूलित लाउंज, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल और होटल शामिल हैं। नए बस स्टेशनों पर पानी के लिए किऑस्क, बैंकों के एटीएम और मनोरंजन के लिए थिएटर भी होंगे। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आलमबाग अंतरराज्यीय बस स्टेशन कुछ वर्षों पहले इसी तरह विकसित किया गया था, जिसके बाद अब गाजियाबाद, आगरा, कानपुर, प्रयागराज समेत 23 शहरों में इसी तर्ज पर बस स्टेशन बनेंगे।

चलाई जाएंगी नई बसें

परिवहन मंत्री ने बताया कि राज्य परिवहन निगम ने बड़े स्तर पर नई बसों का संचालन करने का निर्णय भी लिया है। उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की स्थापना के 50 साल पूरे होने पर इसी साल जून में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 100 नई बसें इसके बेड़े में शामिल की हैं। इन बसों को राजधानी एक्सप्रेस सेवा का नाम दिया है और इन्हें विभिन्न जिला मुख्यालयों से दिल्ली के लिए चलाया जा रहा है। नई बसों में 93 दिल्ली तक चलेंगी और बाकी सात बसें प्रदेश के भीतर विभिन्न जिलों के बीच चलेंगी।

उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार के छह साल के कार्यकाल में प्रदेश में दो हजार नई बसों का संचालन किया गया है। जिस कारण निगम की आय में भी इजाफा हुआ है। पहले निगम को रोजाना 12-13 करोड़ रुपये की आय होती थी, मगर अब आय का आंकड़ा बढ़कर 18 से 21 करोड़ रुपये रोजाना हो गया है।

दूसरे राज्यों के लिए बस सेवा

निगम अधिकारियों का कहना है कि अनुबंधित बसें आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर और राजधानी लखनऊ से चलाई जाएंगी। इन बसों से यात्रियों को दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान व मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों तक जाने का मौका मिलेगा। योजना के मुताबिक इन बसों में निगम के चालक नहीं होंगे। उनके बजाय निजी कंपनी के चालक ही बस चलाएंगे। मगर परिचालक निगम के ही रखे जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि देश की बड़ी और प्रतिष्ठित ट्रैवल एजेंसियों से संपर्क कर बसों का अनुबंध करने की योजना है।

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