Lucknow: आग लगने से रिटायर्ड आईजी की मौत, पत्नी और बेटे की हालत गंभीर

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calendar23 Oct 2022 04:37 PM
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Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरानगर स्थित आवास में शनिवार देर रात आग लगने से एक सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) की दम घुटने से मौत हो गई। आग लगने की इस वारदात में पूरा परिवार फंस गया। किसी तरह से दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाकर उनकी पत्नी और बेटे को बाहर निकाला। दोनों को बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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एडीसीपी नॉर्थ जोन अभिजीत आर शंकर ने बताया कि रात करीब 11 बजे पड़ोसियों ने पुलिस को सेवानिवृत्त आईजी दिनेश चंद्र पांडे के सेक्टर-18 इंदिरानगर आवास में आग लगने की सूचना दी। दमकल की पांच गाड़ियों को आनन फानन में मौके पर भेजा गया। आईजी की दम घुटने से मौत हो गई, जबकि उनके बेटे और पत्नी झुलस गए हैं और उन्हें केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।

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प्रारंभिक जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि जिस कमरे में सेवानिवृत्त आईजी सो रहे थे, उस कमरे में शॉर्ट सर्किट के कारण एयर कंडीशनर में आग लग गई। आग ने उनके कमरे को अपनी चपेट में ले लिया। उनकी पत्नी अरुणा और बेटा शशांक, जो एक ही मंजिल पर दूसरे कमरे में थे, उन्हें बचाने के लिए दौड़े, लेकिन वह फंस गए।

बाद में पुलिस और दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया और घायलों को राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (आरएमएलआईएमएस) ले गए, जहां पांडे को मृत घोषित कर दिया गया और उनकी पत्नी और बेटे को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। फिलहाल मृतक की पत्नी और बेटे की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

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UP News : हादसे में मारे गए मृतकों के परिजनों को दो लाख मुआवजा देने का ऐलान

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calendar22 Oct 2022 10:53 PM
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UP News : लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मध्य प्रदेश के रीवा में हुए सड़क हादसे पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से दुर्घटना में घायल लोगों का समुचित उपचार कराने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री योगी ने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और गंभीर घायलों को पचास हजार रुपये सहायता दिए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के पार्थिव शरीरों को उत्तर प्रदेश तक पहुंचाने के लिए सीएम मध्य प्रदेश से अनुरोध किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। बता दें कि मध्य प्रदेश के रीवा में तीन वाहनों की टक्कर से भीषण हादसा हुआ है। हादसे में 15 लोगों की मौत गई और 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर यह हादसा हुआ। सभी लोग उत्तर प्रदेश अपने घर दीपावली की छुट्टी मनाने जा रहे थे।
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UP News : प्रदेश की राजधानी लखनऊ का और अधिक होगा चहुंमुखी विकास सीएम योगी ने परखी तैयारियां

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CM Yogi Meeting Through Video Conferencing
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calendar01 Dec 2025 10:50 PM
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UP News : लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को एनसीआर की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र के तौर पर विकसित करने की योजना तैयार की गई है। इस बाबत अफसरों ने राजधानी के आसपास के एरिया को जोड़कर विकसित करने का मास्टर प्लान सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने पेश किया है। सीएम योगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आवास व शहरी नियोजन विभाग, आवास विकास परिषद और सभी शहरी विकास प्राधिकरणों के कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 5 वर्षों में उत्तर प्रदेश में विश्वस्तरीय नगरीय अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आरआरटीएस और मेट्रो जैसी अत्याधुनिक नगरीय परिवहन हो या शुद्ध पेयजल, इंटीग्रेटेड टाउनशिप का विकास, एक्सप्रेस-वे की रफ्तार हो या कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था, हर क्षेत्र में तकनीक की मदद से आम शहरवासियों को श्ईज ऑफ लिविंगश् का अनुभव हो रहा है।

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सतत समन्वित प्रयासों से और राजधानी लखनऊ मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से सम्पन्न हो रही है। विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं। आसपास के जिलों में भी जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी मिलती हैं। ऐसे में भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र का गठन किया जाना चाहिए। इस राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल किया जा सकता है। सभी आयामों पर अध्ययन और विमर्श करते हुए यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए । सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप अगर हमें एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करना है तो हमें शहरीकरण को बढ़ाना होगा। इसमें विकास प्राधिकरणों की भूमिका बहुत अहम है। निवेश, रोजगार और नवाचार के लिए तकनीक की मदद से विकास प्राधिकरणों को स्वतः स्फूर्त भाव से आगे बढ़ना होगा। हमें नगरीय नियोजन का मॉडल देना होगा। सभी विकास प्राधिकरण अपने विजन के अनुरूप प्रयास करें। उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाओं का निर्धारण करते समय आगामी 50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखा जाए। मास्टर प्लान में सुनियोजित विकास का पूरा खाका होना चाहिए। हर विकास प्राधिकरण या नगरीय निकाय में टाउन प्लानर की तैनाती की जाए। नए शहर बसाने हों और कोई अन्य ग्रीन फील्ड परियोजना इनकी प्लानिंग ऐसी हो कि कॉमर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। इससे प्राधिकरणों की आय में बढ़ोत्तरी होगी, जो संबंधित परियोजना में उपयोग हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की विशिष्ट योजना को जल्द से जल्द प्रारंभ किया जाए। यह योजना लखनऊ को एक आकर्षक स्वरूप देने वाली होगी। नगर निगम, लखनऊ के दायरे को विस्तार दिया जाए। बटलर झील और सीजी सिटी में वेटलैंड के पुनरोद्धार के लिए तत्काल कार्यवाही की जाए। प्राधिकरणों के अन्तर्गत आने वाले सभी आवासीय, निजी या शासकीय भवनों में रेन वॉटर हारवेस्टिंग को प्रोत्साहित किया जाए। इस संबंध में एक सुस्पष्ट नियमावली तैयार कर प्रस्तुत करें। लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली, मेरठ, आगरा, चित्रकूट, वाराणसी और प्रयागराज का सिटी डेवलपमेन्ट प्लान तैयार कर लिया जाए। लीड्स - 2021 नीति के अन्तर्गत गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी एवं मेरठ की शहरी लॉजिस्टक योजना शीघ्र तैयार करें। उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ में मेट्रो की सेवा आम जन को खूब भा रही है। कोविड काल से पूर्व करीब 72,000 यात्री हर दिन इस सेवा का लाभ लेते रहे हैं। अब एक बार फिर मेट्रो में यात्रियों की संख्या पूर्ववत हुई है। लखनऊ मेट्रो के अगले चरण के विकास का प्रस्ताव तैयार कर एक सप्ताह में प्रस्तुत किया जाए। मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण में गोकुल व बलदेव के क्षेत्र को समाहित करते हुए इसका विस्तारीकरण किया जाए और इस सम्बंध में औपचारिक प्रस्ताव तैयार किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधिकरणों और नगरीय निकायों में भू-माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कठोरतम कार्रवाई का दौर लगातार जारी रहेगा। भूमि सरकारी हो या निजी, अवैध कब्जे की हर शिकायत पर पूरी संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई की जाए। प्रदेश में किसी भी गरीब के घर पर दबंग का कब्जा कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। सभी प्राधिकरण और स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां या रिहायशी कॉलोनी न बसने पाएं। हर कॉलोनी में सभी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की जाए। सीएम ने कहा कि अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना पर तेजी से कार्य किया जाए। यह प्रयास वैश्विक पटल पर अयोध्या को एक विशिष्ट पहचान देने वाला होगा। अयोध्या से पूरी दुनिया को ऊर्जा संरक्षण का महान संदेश मिलेगा। यहां के ऐतिहासिक स्थलों पर भित्ति चित्र, कलाकृति, राम कथा गैलरी और ओपन एयर थियेटर से जुड़े कार्य समय से पूरे किए जाएं। रामायण परंपरा की कल्चरल मैपिंग कराई जाए। इसी प्रकार राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण कराने की कार्यवाही की जाए। बरसाना में राधारानी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को जल्द ही रोपवे की नई सुविधा मिल सकेगी। यह महत्वपूर्ण परियोजना दिसम्बर, 2022 तक पूर्ण कर ली जाए। इसी प्रकार, काशी में कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर तक बनने वाला रोपवे आमजन को एक अनूठी नगरीय परिवहन व्यवस्था से परिचित कराएगा। इस परियोजना को शीर्ष प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिटेल एस्टेट सेक्टर में विकास की अपार संभावनाएं हैं। हाल के वर्षों में अनेक हाईटेक टाउनशिप व इंटीग्रेटेड टाउनशिप की परियोजनाओं और तीन बार की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से लगभग 30,877 करोड़ रुपये का निवेश इस सेक्टर में आया है। अब जनवरी 2023 में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अधिकाधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए यह जरूरी है कि इंटीग्रेटेड टाउनशिप प्लान को और व्यावहारिक बनाया जाए। नवीन नीति तैयार करते समय सम्बंधित सेक्टर के विशेषज्ञों, निवेशकों की जरूरतों और अपेक्षाओं का भी ध्यान रखें। यह नीति इसी माह के अंत तक तैयार कर प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि भवन का मानचित्र पास कराने, शुल्क जमा करने जैसी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए आम आदमी को परेशान न होना पड़े। इसके लिए विकास प्राधिकरणों को अपनी दैनिक कार्यशैली को सरल बनाना होगा। शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित जो कॉलोनियां अभी तक नगर निगमों को हस्तांतरित नहीं हुई हैं, वहां प्राधिकरण की जिम्मेदारी है कि आमजन को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी लखनऊ की महत्ता को देखते हुए यहां एक सर्वसुविधायुक्त कन्वेंशन सेंटर की स्थापना की आवश्यकता है। कन्वेंशन सेंटर ऐसा हो जो कि विश्वस्तरीय आयोजनों की मेजबानी कर सके। कम से कम 35 एकड़ के विशाल परिसर का लक्ष्य लेकर भूमि चयन और प्रारूप आदि तय करते हुए इस सम्बंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए। अवध शिल्पग्राम की उपयोगिता को बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। यहां पाक्षिक अंतराल पर एमएसएमई, कौशल विकास और हुनर हाट जैसे आमजन के लिए उपयोगी प्रदर्शनी लगाई जाएं। आवास विकास परिषद द्वारा अवध शिल्पग्राम व काकोरी शहीद स्मृति उद्यान को डायनेमिक फसाड लाइटिंग से और आकर्षक किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में पुरातन संस्कृति सभ्यता का संरक्षण के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आधुनिक पैमाने के अनुसार सभी नगरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार संकल्पित है। प्रधानमंत्री की भावनाओं के अनुरूप तैयार अयोध्या के समग्र विकास की हर परियोजना शासन की प्राथमिकता है। यहां के सांस्कृतिक महत्व के दृष्टिगत ब्रह्मकुंड, संध्या कुंड, मनु मुनि कुंड, विद्या कुंड, अग्नि कुंड, सीताकुंड, दशरथ कुंड, खजुआ कुंड सहित 08 कुंडों के कायाकल्प, संरक्षण संचालन और रखरखाव का काम जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए। इसके अंतर्गत वैदिक विधि से जल शुद्धिकरण की सुविधा भी हो। इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव वित्त प्रशान्त त्रिवेदी, प्रमुख सचिव आवास व शहरी नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव शहरी विकास रंजन कुमार, सचिव नियोजन आलोक कुमार और प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।