Thursday, 28 March 2024

Mosque in Ayodhya : मस्जिद निर्माण के लिए भू—उपयोग परिवर्तन की मंजूरी जल्द मिलने की उम्मीद

लखनऊ। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद निर्माण के लिए मिली जमीन के उपयोग परिवर्तन को…

Mosque in Ayodhya : मस्जिद निर्माण के लिए भू—उपयोग परिवर्तन की मंजूरी जल्द मिलने की उम्मीद

लखनऊ। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद निर्माण के लिए मिली जमीन के उपयोग परिवर्तन को मंजूरी मिलने का इंतजार जल्द खत्म होने की उम्मीद है।

Mosque in Ayodhya

उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर सरकार द्वारा अयोध्या जिले के धन्नीपुर गांव में दी गई पांच एकड़ जमीन पर इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) ट्रस्ट द्वारा एक मस्जिद, अस्पताल, शोध संस्थान, सामुदायिक रसोई और पुस्तकालय का निर्माण कराया जाना है। इसके लिए भू-उपयोग परिवर्तन का मामला पिछले करीब चार महीने से अयोध्या विकास प्राधिकरण में लंबित है। लेकिन, अगले हफ्ते इसे हरी झंडी मिलने की संभावना है।

International Relation : डेनमार्क के शहजादे फ्रेडरिक आंद्रे हेनरिक क्रिश्चियन चार दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे

अयोध्या विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और अयोध्या के मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया कि प्राधिकरण इस मामले पर अगले हफ्ते निर्णय करेगा। उन्होंने कहा कि शासन से इस बारे में निर्देश प्राप्त हो चुका है। हम सोमवार को इस मामले में विचार करेंगे। अगले हफ्ते इस पर निर्णय हो जाएगा।

Mosque in Ayodhya

ट्रस्ट के स्थानीय न्यासी अरशद खान ने बताया कि अयोध्या जिले के धन्नीपुर गांव में एक मस्जिद, अस्पताल, शोध संस्थान, सामुदायिक रसोई और पुस्तकालय के निर्माण की मंजूरी के लिए जुलाई 2020 में अयोध्या विकास प्राधिकरण में आवेदन किया गया था। उससे कुछ ही दिन पहले राम मंदिर के लिए अनुमोदन दिया गया था। उसका आवेदन ऑफलाइन किया गया था। खान ने बताया कि जब हमने भी आवेदन किया तो अयोध्या विकास प्राधिकरण ने कहा कि आप ऑफलाइन के बजाय ऑनलाइन आवेदन कर दें। ट्रस्ट द्वारा इसमें असमर्थता जताए जाने पर प्राधिकरण के लोगों ने ही अपने यहां के कर्मचारियों से कहकर आवेदन को ऑनलाइन कराया। ऑनलाइन आवेदन होने से पोर्टल ने 15-16 अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मांग लिए। उन्होंने बताया कि एनओसी हासिल करने में ही एक साल गुजर गया। उसके बाद अयोध्या के तत्कालीन जिलाधिकारी नीतीश कुमार के संज्ञान में जब यह मामला आया तो उन्होंने अनापत्ति प्रमाण पत्र भेजवाने में मदद की। जब एनओसी आ गई तो पिछले साल अक्टूबर में भू-उपयोग परिवर्तन का मामला आ गया। इसे शासन में भेजा गया था। ऐसा बताया जा रहा है कि शासन की तरफ से अयोध्या विकास प्राधिकरण के पास लिखित में कुछ आया है।

National News : देरी के कारण 335 परियोजनाओं की लागत 4.46 लाख करोड़ रुपये बढ़ी

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में नौ नवंबर 2019 को दिए गए अपने ऐतिहासिक फैसले में विवादित स्थल पर राम मंदिर बनवाने और मस्जिद निर्माण के लिए मुसलमानों को अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। मस्जिद निर्माण के लिए गठित इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने दी गई जमीन पर मस्जिद के साथ-साथ एक अस्पताल, सामुदायिक रसोई, पुस्तकालय और शोध संस्थान बनाने का ऐलान किया था।

ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने उम्मीद जताई थी कि भू-उपयोग परिवर्तन से संबंधित औपचारिकताएं पिछले साल नवंबर के अंत तक पूरी कर ली जाएंगी। उसके बाद दिसंबर में मस्जिद तथा अन्य सुविधाओं का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और दिसंबर 2023 तक मस्जिद का ढांचा तैयार कर लिया जाएगा।

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।

Related Post