Friday, 29 March 2024

किसान महापंचायत में बोले राकेश टिकैत – आखरी दम तक लड़ी जाएगी लड़ाई

मुजफ्फरनगर। केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चे ने किसान महापंचायत की…

किसान महापंचायत में बोले राकेश टिकैत – आखरी दम तक लड़ी जाएगी लड़ाई

मुजफ्फरनगर। केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चे ने किसान महापंचायत की गई। यहां भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत जमकर गरजे। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पूरे देश को बेच दिया। आखिरी दम तक किसानों के हित की लड़ाई लड़ी जाएगी। किसानों के हक की लड़ाई के लिए हम हमेशा किसानों के साथ रहे हैं, और मरते दम तक किसानों की लड़ाई लड़ेंगे। इससे पहले आंदोलन में आक्रोशित किसानों ने शहर में लगे सीएम के बड़े-बड़े होर्डिंग को फाड़कर फेंक दिया। इस बीच करीब 2 घंटे इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।

महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि अल्लाह हू अकबर और हर-हर महादेव के नारे हमेशा लगते रहे हैं और लगते रहेंगे। हम यहां दंगा नहीं होने देंगे। यह देश हमारा है, यह प्रदेश हमारा है, यह जिला हमारा है। लाल किले पर हमारे लोग नहीं गए। देश में कैमरा और कलम पर बंदूक का पहरा है। आगे भी आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह याद करते रहना कि हम वहां से हटेंगे नहीं। साढ़े 450 रुपए कुंतल गन्ने का रेट चाहिए। एमएसपी की गारंटी चाहिए। पूरे देश में संयुक्त मोर्चा आंदोलन करेगा। किसानों की यह लड़ाई किसान के दम पर लड़ी जाएगी।

राकेश टिकैत ने कहा कि देश की सरकार ने किसानों के साथ सभी को धोखा दिया है। रेल, बिजली, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान, सड़कें, एफसीआई के गोदाम, बंदरगाह प्राइवेट कंपनियों को बेच दिए गए हैं। अब खेतीबाड़ी भी इन कंपनियों को बेचने की तैयारी है। एक तरह से पूरा भारत बिकाऊ हो गया है। उन्होंने कहा कि शुगर मिलों पर गन्ना किसानों का 12 हजार करोड़ रुपया बकाया है। पिछली दो सरकार ने गन्ने का रेट बढ़ाया है, लेकिन योगी सरकार ने फूटी कौड़ी तक नहीं बढ़ाई। जब हम किसानों के हित की बात करते हैं तो सरकार इसे राजनीति बताती है।

उन्होंने कहा कि पूरे देश का निजीकरण हो रहा है। ऐसे में रोजगार के साधन खत्म हो रहे हैं। यह लड़ाई सिर्फ किसानों की नहीं, बल्कि नौकरीपेशा, मजदूर, मेहनतकश समेत सभी वर्गों की है। टिकैत ने स्पष्ट कह दिया है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे, वह दिल्ली के बॉर्डर से नहीं हटेंगे। चाहें हमारी कब्रगाह ही बॉर्डर पर क्यों न बनानी पड़े। इसके लिए सरकार को वोट की चोट देनी होगी। लड़ाई किसानों समेत सभी वर्गों के दम पर लड़ी जाएगी।
राकेश टिकैत ने कहा कि यह सरकार तोड़ने का काम करती है और हम जोड़ने का काम करते हैं। हमने उस समय भी कह दिया था कि कब्रगाह हमारी यहीं बनेगी। इस तरह की सरकार यदि देश में होगी तो यह दंगा करवाने का काम करेंगे।

मुजफ्फरनगर में भाजपा विधायक उमेश मलिक के काफिले पर हमले के बाद गठवाला और बालियान खाप के बीच बढ़ी दूरियों को मिटाने के लिए हरसंभव कोशिशें जारी हैं। उस समय इनमें मनमुटाव हो गया था। इन दूरियों को कम करने के लिए मुजफ्फरनगर में किसान-मजदूर महापंचायत की अध्यक्षता गठवाला खाप के थाम्बेदार श्याम सिंह मलिक से कराई जा रही है। गठवाला खाप का पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में अच्छा खासा वर्चस्व है। वेस्ट यूपी और हरियाणा में गठवाला गोत्र के गांव बहुतायत में हैं।

महापंचायत स्थल पर सुरक्षा संबंधी भारी बंदोबस्त किए गए थे। रैपिड एक्शन फोर्स व पीएसी समेत 10 कंपनी फोर्स लगाई गई है। पुलिस मुख्यालय से 3 आईपीएस, 11 एडिशनल एसपी, 16 डीएसपी, 300 पुलिसकर्मी यातायात व्यवस्था के लिए लगाए गए थे। यूपी पुलिस के 2500 जवान महापंचायत स्थल, शहर और मुख्य मार्गों पर तैनात किए गए। मंच के आसपास 2 एडिशनल एसपी लगाए गए। महापंचायत में यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना, पंजाब के किसान रात में ही महापंचायत स्थल के पास पहुंचे।

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