सहारनपुर। सहारनपुर में ग्लोकल यूनिवर्सिटी के चांसलकर हाजी इकबाल को हाईकोर्ट इलाहाबाद से करीब 750 बीघा जमीन के मामले में राहत मिली है। कोर्ट ने जिला प्रशासन द्वारा यूनिवर्सिटी की जमीन पर जब्तीकरण की कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश दिए है। हालांकि जिला प्रशासन को इस संबंध में कोई आदेश नहीं मिले हैं। यहीं नहीं कोर्ट ने न्यायालय की अवमानना का वाद भी दर्ज कर लिया है। जिसमें डीएम, एडीएम ई व एसडीएम को पार्टी बनाया गया है। इसी के आधार पर ग्लोकल यूनिवर्सिटी प्रबंधन संबंधित अधिकारियों पर 500 करोड़ रुपए का मानहानि का दावा करने की बात कर रहा है।
अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा राजस्व परिषद न्यायालय में प्रतिवाद दायर किया था। इस मामले में कोर्ट ने सहारनपुर के डीएम को नोटिस जारी किया था। यहीं नहीं इस संबंध में तत्कालीन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व द्वारा ट्रस्ट को नोटिस दिए गए थे। अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर अपने पक्ष रखें गए। कोर्ट ने 24 फरवरी 2020 को तीनों निगरानियों का निस्तारण करते हुए तथा डीएम के आदेश व अपर जिलाधिकारी के नोटिस को निरस्त कर वाद को स्वीकार कर लिया था। लेकिन वर्तमान में जिलाधिकारी द्वारा उपरोक्त वाद को जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट में फिर से चलाया गया, जो कि न्यायालय डा.गुरदीप सिंह, सदस्य राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश के आदेश की अवहेलना है।
एडीएम एफ रजनीश मिश्र ने हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए 8 सितंबर 2021 को अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की 750 बीघा जमीन का कब्जा करने का आदेश दिया था। ट्रस्ट ने हाई कोर्ट इलाहाबाद में कोर्ट की अवमानना याचिका दाखिल की है। जिसका वाद नंबर 60695/2021 जारी हो गया है। जिसमें हाईकोर्ट ने डीएम, एडीएम एफ और एसडीएम बेहट को कोर्ट की अवमानाना का नोटिस भेजा है। अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने डीएम, अपर जिलाधिकारी वित्त व तहसीलदार को पद व व्यक्तिगत रूप से पार्टी बनाया गया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि केस में जो भी व्यय होगा, वह संबंधित अधिकारी वहन करेंगे।
यह था मामला
बेहट तहसील के गांव शेरपुर पेलो व अली अकबरपुर और रोशनपुर पेलो में सार्वजनिक उपयोग की लगभग 50 हेक्टेयर (करीब 750 बीघा) भूमि 1976 में अनुसूचित जाति के 115 लोगों के नाम पर पट्टे काटे गए थे। जिसमें जिला शासकीय अधिवक्ता राजस्व अजय त्यागी ने आवंटन नियमानुसार सही नहीं बताया था। अधिवक्ता ने सुरक्षित भूमि पर अधिकतम पांच वर्ष के पट्टे आवंटन और अधिकार व बिक्री न करने का दावा पेश किया गया था। गलत तरीके से जमीन खरीदने का आरोप लगाया था।
ग्लोकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एवं प्रभारी चांसलर डा.सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि यूनिवर्सिटी में देश-विदेश के छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त शिक्षक व स्टाफ एवं उनके परिवार के सदस्य, छोटे बच्चे आदि रहते हैं। उनका कहना है कि संबंधित अधिकारियों की आवाजाही से यूनिवर्सिटी में भय की स्थिति पैदा हो जाती है। आरोप है कि इस कारण यूनिवर्सिटी की छवि अकारण ही धूमिल की जा रही है। उनका कहना है कि ग्लोकल यूनिवर्सिटी द्वारा जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, एवं तहसीलदार पर 500 करोड़ की मानहानि का दावा भी किया जाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं इस मामले में एडीएम एफ रजनीश मिश्रा का कहना है कि अभी हाईकोर्ट से कोई भी आदेश प्राप्त नहीं हुए है। यदि आदेश प्राप्त होते हैं तो कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा।