Saharanpur News: सहारनपुर से किसान-मजदूर अधिकार पदयात्रा ( kisan majdoor adhikar padyatra) का शुभारंभ हो गया। किसानों और मजदूरों के अधिकार दिलाने के लिए किसान-मजदूर संगठन के पदाधिकारी और हजारों किसान दिल्ली रोड स्थित मंडलायुक्त कार्यालय पर इकट्ठा हुए। किसानों ने सरकार की बुद्धि को शुद्ध करने के लिए हवन भी किया। मंडलायुक्त कार्यालय से शुरू हुई पदयात्रा 2 अक्टूबर को दिल्ली के राजघाट पहुंचेगी।
देश का किसान पिछले लगभग 10 महीनों से अपने अधिकारों की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन आज तक उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। इसी के चलते किसान मजदूर अधिकार पदयात्रा का शुभारंभ किया गया है। इस दौरान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह ने बताया कि किसान पिछले लगभग 10 महीनों से अपने हक की लड़ाई के लिए सड़कों पर है, लेकिन सरकार सुनने का नाम नहीं ले रही है।
उनके मुताबिक किसानों ने मंत्रियों को जिताकर संसद में इसलिए भेजा था कि वे उनके हक की लड़ाई लडें। लेकिन, इन मंत्रियों ने केवल अपने हक के लिए काम किया। अब किसान आने वाले विधानसभा चुनाव में उस पार्टी को ही वोट देंगे, जो किसानों के हक में सोचे और उनके बच्चों को नौकरी देने का काम करे।
यात्रा शुरू होने से पहले किसान-मजदूर संगठन ने किसानों और मजदूरों की मांगों को लेकर एक किसान अधिकार पत्र भी जारी किया। इसमें किसान और मजदूरों की 20 मांगे रखी गई हैं। किसानों और मजदूरों की मांग है कि सरकार सभी किसानों के संपूर्ण कृषि ऋण माफ करे। गन्ने का मूल्य 450 रुपये और गन्ने का बकाया भुगतान तुरंत ब्याज के साथ किया जाए।
इसके अलावा किसानों को सभी कृषि यंत्र, गैस एवं डीजल सरकार द्वारा बिना टैक्स के दिया जाए। प्रदेश सरकार किसानों के लिए सिंचाई हेतु बिजली मुफ्त करने के साथ-साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लिखित गारंटी दे। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुरूप किसान आयोग का गठन किया जाए। बुजुर्ग किसानों व मजदूरों को 50 वर्ष की आयु के पश्चात 6000 रुपये प्रति माह किसान मजदूर सहायता पेंशन दी जाए। किसान-मजदूर संगठन की इन प्रमुख मांगों के अलावा भी कई मांगे अधिकार पत्र में शामिल हैं।