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saharanpur news : विश्वकर्मा जयंती पर पूजा अर्चना और हवन आयोजित

सहारनपुर। भगवान विश्वकर्मा जयंती उत्सव श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। जगह-जगह पूजा-अर्चना का कार्यक्रम हुआ लेकिन कोरोना गाइड लाइन के कारण कोई सार्वजनिक आयोजन नहीं किया गया।

श्री विश्वकर्मा महासभा समन्वय समिति के तत्वावधान में भगवान श्री विश्वकर्मा पूजा महोत्सव के अवसर पर समिति के अध्यक्ष पूर्व सभासद रामकुमार धीमान ने उक्त विचार रखे। गौरतलब है कि हर वर्ष 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा महोत्सव पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इसी अवसर पर शारदा नगर सर्किट हाउस के पास स्थित भगवान श्री विश्वकर्मा चौक पर विश्वकर्मा पूजा महोत्सव का आयोजन किया गया।

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इस अवसर पर विश्वकर्मा समाज के गणमान्य लोगों ने भगवान श्री विश्वकर्मा जी की पूजा अर्चना की। पहले भगवान श्री विश्वकर्मा जी का आह्वान किया गया फिर हवन और आरती से उनसे सुख, समृद्धि और शान्ति की कामना की गई। इस अवसर पर संस्था सचिव संजय धीमान, संरक्षक राजेन्द्र धीमान, गोरधन दास धीमान, महावीर पाँचाल, धीमान, रामकुमार धीमान उपस्थित रहे। यजमान राकेश धीमान बाढ़ीमाजरा व पुरोहित पण्डित नीलमणि शास्त्री रहे।

मोहल्ला गुजरान स्थित विश्वकर्मा मंदिर में आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वकर्मा जयंती पर उन्हें याद करते हुए यज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ के यजमान रामेश्वर धीमान व दीपक धीमान रहे जबकि यज्ञ पंडित आशीष शास्त्री ने संपन्न कराया। इस अवसर पर विश्व कल्याण की प्रार्थना के अलावा कोरोना के विनाश की भी प्रार्थना की गई। इसके बाद मंदिर पर धर्म ध्वजा भी विधि-विधान से स्थापित की गई। ध्वजा विश्वकर्मा धर्मशाला से मुख्य रास्ते को होकर मंदिर पर पहुंची। हस्त शिल्पियों द्वारा भगवान विश्वकर्मा की विशेष पूजा आयोजित की गई।
स्कूल ऑफ़ इंजीनिरिंग के डीन प्रोफेसर तरुण शर्मा ने कहा की धार्मिक मान्यताओं अनुसार ब्रह्मा जी ने संसार की रचना की और उसे सुंदर बनाने का काम भगवान विश्वकर्मा को सौंपा। इसलिए विश्वकर्मा जी को संसार का सबसे पहला और बड़ा इंजीनियर कहा जाता है। ऐसी मान्यता है विश्वकर्मा जी ब्रह्मा जी के पुत्र वास्तु की संतान थे। कुलपति डा. रणजीत सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। नगर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी जन्मोत्सव कार्यक्रम मनाया गया।

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