उत्तर भारत में बन सकता है सबसे बड़ा धार्मिक-आर्थिक कॉरिडोर

बागपत से सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को एक महत्वाकांक्षी प्रस्ताव सौंपा है। इस योजना के अनुसार, पानीपत से बरनावा और पुरा महादेव तक 80 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा, जो सीधे मेरठ के गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा।

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नितिन गडकरी के साथ बागपत के सांसद
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar06 Dec 2025 07:14 PM
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UP News : उत्तर भारत के विकास के नक्शे में एक नया अध्याय गंगा एक्सप्रेसवे के माध्यम से जुड़ सकता है। बागपत से सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को एक महत्वाकांक्षी प्रस्ताव सौंपा है। इस योजना के अनुसार, पानीपत से बरनावा और पुरा महादेव तक 80 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा, जो सीधे मेरठ के गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा।

यह मार्ग उत्तर भारत के आठ राज्यों को जोड़ेगा

सांसद का दावा है कि यह मार्ग उत्तर भारत के आठ राज्यों को जोड़ते हुए क्षेत्र का सबसे बड़ा धार्मिक और आर्थिक कॉरिडोर बन सकता है। इसके माध्यम से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के शहरों तक सड़क संपर्क तेज और सुरक्षित बन जाएगा।

धार्मिक और पर्यटन लाभ

इस एक्सप्रेसवे से बागपत का धार्मिक और पर्यटन महत्व भी बढ़ सकता है। बरनावा में स्थित महाभारतकालीन लाक्षागृह और पुरा महादेव का प्राचीन शिवधाम राष्ट्रीय पर्यटन आकर्षण बन सकते हैं। इसके अलावा, अयोध्या, हरिद्वार, प्रयागराज, काशी विश्वनाथ धाम और कोलकाता का गंगासागर एक ही मार्ग से जुड़ेगा, जो धार्मिक पर्यटन के लिए अभूतपूर्व सुविधा प्रदान करेगा।

आर्थिक और व्यावसायिक अवसर

मार्ग के बन जाने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फायदा होगा। होटल व्यवसाय, पर्यटन गाइड सेवाएं, फूड इंडस्ट्री, हस्तशिल्प, परिवहन और छोटे उद्योगों में वृद्धि की संभावना है। साथ ही, यह लिंक पानीपत, सोनीपत, मेरठ, मुजफ्फरनगर और दिल्ली जैसे औद्योगिक केंद्रों को जोड़ते हुए बागपत को केंद्रीय व्यापारिक हब के रूप में स्थापित कर सकता है। सांसद ने लोकसभा में हाईवे पर ट्रामा सेंटर अनिवार्य करने की भी मांग की है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सके। यदि यह प्रस्ताव सरकार से मंजूरी पाता है, तो यह एक्सप्रेसवे न केवल उत्तर भारत के धार्मिक और आर्थिक नक्शे को बदल सकता है, बल्कि बागपत और आसपास के क्षेत्रों के लिए विकास की नई दिशा भी तय करेगा।

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उत्तर प्रदेश में थाना प्रभारी ने खुद को मारी गोली, कारण बनी महिला सिपाही

शुरुआती जांच में पता चला है कि घटना के समय एक महिला सिपाही उनके पास मौजूद थी, और इसके बाद वह थाने से तेजी से निकलती हुई सीसीटीवी कैमरों में दिखाई दी। यही वीडियो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।

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थाना प्रभारी अरुण कुमार रॉय
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar06 Dec 2025 06:35 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के उरई में एक दुखद घटना सामने आई है, जहाँ कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार रॉय ने शुक्रवार देर रात अपनी ही सर्विस पिस्टल से गोली चलाकर जान दे दी। शुरुआती जांच में पता चला है कि घटना के समय एक महिला सिपाही उनके पास मौजूद थी, और इसके बाद वह थाने से तेजी से निकलती हुई सीसीटीवी कैमरों में दिखाई दी। यही वीडियो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।

पूरा मामला फिलहाल जांच के दायरे में 

एसपी डॉक्टर दुर्गेश कुमार ने बताया कि पूरा मामला फिलहाल जांच के दायरे में है। महिला सिपाही की पोस्टिंग, उसकी भूमिका और घटना के समय वह वहाँ क्यों थी, इन सभी पहलुओं की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। अरुण रॉय की पुलिस सेवा का लंबा अनुभव रहा है। वे वर्ष 1998 में सिपाही के रूप में भर्ती हुए थे। सेवा के दौरान उत्कृष्ट कार्य के चलते वर्ष 2013 में उपनिरीक्षक और 2022 में इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नत हुए। इंस्पेक्टर बनने के बाद उनकी पहली नियुक्ति महाराजगंज थाने में हुई थी।

निरीक्षण से लौटे और खुद को मार ली गोली

शुक्रवार शाम रॉय क्षेत्रीय निरीक्षण से लौटे थे। इसके थोड़ी देर बाद थाना परिसर में गोली की आवाज सुनकर पुलिसकर्मी मौके पर पहुँचे, जहाँ वे गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिले। उन्हें तत्काल मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया

घटना के बाद से ही महिला सिपाही का नाम चर्चा में है। कहा जा रहा है कि वह घटना के समय मौजूद थी और गोली चलने के तुरंत बाद उसने अन्य पुलिसकर्मियों को सूचना दी, लेकिन उसके बाद वह थाने से बाहर निकल गई। कुछ स्रोतों का दावा है कि पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, मगर आधिकारिक स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है। एसपी का कहना है कि यदि परिजन तहरीर देते हैं, तो मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह की अपील खारिज की

इस शूटआउट में धनंजय सिंह, उनके गनर और ड्राइवर घायल हुए थे। उन्होंने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।

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पूर्व सांसद धनंजय सिंह
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar06 Dec 2025 05:44 PM
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UP News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को झटका दिया है। 23 साल पहले वाराणसी के नदेसर इलाके में हुए टकसाल शूटआउट मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देने के लिए दायर उनकी याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इस शूटआउट में धनंजय सिंह, उनके गनर और ड्राइवर घायल हुए थे। उन्होंने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।

2002 का नदेसर टकसाल शूटआउट

4 अक्टूबर 2002, नदेसर, वाराणसी (टकसाल सिनेमा हॉल के पास) तत्कालीन विधायक धनंजय सिंह की गाड़ी पर गोलियां चलाई गईं। इसमें उनके गनर और ड्राइवर भी घायल हुए। इस घटना में एके-47 जैसी आॅटोमेटिक बंदूकें इस्तेमाल की गईं। इस घटना के बाद धनंजय सिंह ने बाहुबली विधायक अभय सिंह, एमएलसी विनीत सिंह, संदीप सिंह, संजय सिंह, विनोद सिंह, सतेंद्र सिंह उर्फ बबलू और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया। यह वाराणसी का पहला ऐसा ओपन शूटआउट था।

ट्रायल कोर्ट का फैसला

29 अगस्त 2025 को वाराणसी के स्पेशल जज सुशील कुमार खरवार ने साक्ष्यों के अभाव में आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए फैसला सुनाया। फैसले के खिलाफ पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने इस फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी। उनका तर्क था कि वे मामले में घायल और शिकायतकर्ता हैं, इसलिए उन्हें अपील दायर करने का अधिकार है। हालांकि, राज्य की ओर से तर्क दिया गया कि गैंगस्टर एक्ट के तहत अपराध समाज और राज्य के खिलाफ होता है, न कि व्यक्तिगत रूप से। यदि प्रत्येक पीड़ित को अपील करने का अधिकार दिया जाए, तो मामलों की संख्या बहुत बढ़ जाएगी। सिंगल बेंच के न्यायाधीश लक्ष्मी कांत शुक्ला ने राज्य का तर्क स्वीकार किया और अपील को पोषणीय नहीं मानते हुए खारिज कर दिया। गैंगस्टर एक्ट के तहत अपराध केवल समाज और राज्य के खिलाफ होता है। असामाजिक गतिविधियों को रोकना और निवारक कदम उठाना केवल राज्य का अधिकार है, किसी व्यक्ति का नहीं। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि गैंगस्टर एक्ट मामलों में व्यक्तिगत शिकायतकर्ता को अपील करने का अधिकार नहीं होता और इस आधार पर धनंजय सिंह की याचिका खारिज कर दी गई।

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