संगम तट पर आस्था का महायोग : प्रयागराज में 25 लाख कल्पवासी जुटेंगे

कल्पवास का मतलब है नियम, संयम और साधना के साथ एक महीने तक मेला क्षेत्र में निवास करना। इस वर्ष 30 दिसंबर से कल्पवासियों का आगमन शुरू होगा और पौष शुक्ल पूर्णिमा यानी 3 जनवरी से लगभग 20 से 25 लाख श्रद्धालुओं का एकमाह का कल्पवास आरंभ होगा, जो माघ पूर्णिमा 1 फरवरी तक चलेगा।

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संगम तट पर आस्था का सैलाब
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar25 Dec 2025 05:32 PM
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UP News : प्रयागराज में हर साल आयोजित माघ मेले के दौरान गंगा और यमुना के पावन संगम तट पर लाखों श्रद्धालु कल्पवास करते हैं। कल्पवास का मतलब है नियम, संयम और साधना के साथ एक महीने तक मेला क्षेत्र में निवास करना। इस वर्ष 30 दिसंबर से कल्पवासियों का आगमन शुरू होगा और पौष शुक्ल पूर्णिमा यानी 3 जनवरी से लगभग 20 से 25 लाख श्रद्धालुओं का एकमाह का कल्पवास आरंभ होगा, जो माघ पूर्णिमा 1 फरवरी तक चलेगा।

कल्पवासियों का आयोजन और व्यवस्था

कल्पवास में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न राज्यों और जिलों से श्रद्धालु पहले ही अपने शिविरों में स्थान आरक्षित कर चुके हैं। इन्हें दंडी बाड़ा, आचार्य बाड़ा, तीर्थ-पुरोहितों और खाक चौक के शिविरों में जगह दी जाती है। वर्ष 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी संगम तट पर एक माह तक कल्पवास कर चुके हैं।

कल्पवास के 21 विधि-विधान

पद्म पुराण में महर्षि दत्तात्रेय ने कल्पवास के 21 नियम बताए हैं। इनमें सत्य व्रत, अहिंसा, काम-क्रोध का त्याग, इंद्रिय संयम, ब्रह्मचर्य पालन, सूर्योदय से पहले जागरण, नित्य त्रिकाल गंगा स्नान, मौन, जप-तप, सत्संग, हरिकथा श्रवण, एक समय भोजन और निरंतर ईश्वर स्मरण शामिल हैं। साथ ही कल्पवासी को निर्धारित क्षेत्र से बाहर नहीं जाना और साधु-संतों की सेवा करना भी आवश्यक है।

प्रमुख संगठन और व्यवस्थाएं

खाक चौक व्यवस्था समिति के प्रधानमंत्री जगद्गुरु संतोष दास सतुआ बाबा ने बताया कि श्रद्धालु नए साल की शुरुआत से पहले ही संगम तट पर पहुंचने लगेंगे। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज के अनुसार, पौष शुक्ल पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा तक यह परंपरा चलती है। आचार्य बाड़ा के लगभग 300 शिविरों में लगभग 5 हजार कल्पवासियों के शामिल होने की संभावना है।

माघ मेले में कल्पवास की सांस्कृतिक महत्ता

किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर प्रो. (डॉ.) लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाराज ने कहा कि माघ मेले में कल्पवास की परंपरा हमारी जीवंत संस्कृति का प्रतीक है। यह न केवल श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव है, बल्कि धार्मिक अनुशासन और सामाजिक एकता की भी सीख देती है। यह कल्पवास माघ के महीने में हर साल प्रयागराज में होता है जिसे माघ मेला के नाम से जाता है।

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उत्तर प्रदेश बना निवेश का नया हब, ‘भयमुक्त कारोबार’ से बदली तस्वीर - योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में पूर्ववर्ती सरकारों के दौर से तुलना करते हुए उत्तर प्रदेश की वित्तीय सेहत के “ठोस आंकड़े” सामने रखे। उन्होंने कहा कि सुशासन और सख्त वित्तीय अनुशासन ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार दी है।

यूपी अब निवेशकों का ‘ड्रीम डेस्टिनेशन’ -  योगी
यूपी अब निवेशकों का ‘ड्रीम डेस्टिनेशन’ - योगी
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar25 Dec 2025 04:39 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 2025-26 के अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और निवेश-पर्यावरण को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब ‘बीमारू’ की पुरानी पहचान को पीछे छोड़कर निवेशकों के लिए “ड्रीम डेस्टिनेशन” के तौर पर उभर चुका है। मुख्यमंत्री के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार ने “Fearless Business” यानी भयमुक्त कारोबार, “Ease of Doing Business” और “Trust of Doing Business” को नीति और व्यवस्था दोनों की धुरी बनाया है। उनका दावा रहा कि कानून-व्यवस्था, पारदर्शी सिस्टम और तेज फैसलों के भरोसे उत्तर प्रदेश ने निवेशकों के लिए ऐसा माहौल खड़ा किया है, जिसकी चर्चा अब देश ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी होने लगी है।

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था ने लगाई बड़ी छलांग

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में पूर्ववर्ती सरकारों के दौर से तुलना करते हुए उत्तर प्रदेश की वित्तीय सेहत के “ठोस आंकड़े” सामने रखे। उन्होंने कहा कि सुशासन और सख्त वित्तीय अनुशासन ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार दी है। मुख्यमंत्री के मुताबिक 2012-16 के बीच उत्तर प्रदेश की GSDP जहां 12.88 लाख करोड़ रुपये के आसपास थी, वह अब बढ़कर करीब 35-36 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। उन्होंने दावा किया कि आम यूपीवासियों की जेब की तस्वीर भी बदली है प्रति व्यक्ति आय लगभग तीन गुना बढ़कर 43 हजार रुपये से करीब 1.20 लाख रुपये तक पहुंची है। वित्तीय भरोसे के संकेतक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बैंकिंग सिस्टम पर जनता का विश्वास बढ़ा है; क्रेडिट-डेपोजिट रेशियो 44% से बढ़कर 65% हो चुका है और सरकार इसे 70% तक ले जाने की दिशा में काम कर रही है। उनके मुताबिक, ये आंकड़े उत्तर प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों के विस्तार और निवेशकों के बढ़ते भरोसे की स्पष्ट गवाही देते हैं।

बेरोजगारी दर में आई बड़ी गिरावट - योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास के अलग-अलग मोर्चों पर उत्तर प्रदेश की “बदलती रफ्तार” का हवाला देते हुए कहा किउत्तर प्रदेश अब सिर्फ योजनाएं नहीं बना रहा, बल्कि नए मानक भी गढ़ रहा है। कृषि क्षेत्र में उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की कृषि विकास दर 8 प्रतिशत से उछलकर 18 प्रतिशत तक पहुंची है। स्वास्थ्य के मोर्चे पर “एक जनपद–एक मेडिकल कॉलेज” नीति का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब 81 मेडिकल कॉलेज या तो संचालित हैं या निर्माणाधीन हैं। ऊर्जा क्षेत्र में उन्होंने कहा कि 1GW सोलर प्रोजेक्ट्स के जरिए यूपी अक्षय ऊर्जा की दिशा में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। रोजगार और निवेश पर विपक्ष को घेरते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में बेरोजगारी दर में बड़ी गिरावट आई है; 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों के धरातल पर उतरने से करीब 60 लाख युवाओं को सीधे रोजगार मिला है। साथ ही, उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की 96 लाख एमएसएमई इकाइयां आज लगभग 2 करोड़ परिवारों की आजीविका का मजबूत आधार बन चुकी हैं।

योगी ने डिलीवरी और सुरक्षा का रखा मॉडल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाषण के समापन पर जनकल्याणकारी योजनाओं की “डिलीवरी सिस्टम” को लेकर उत्तर प्रदेश का नया दावा सामने रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में योजनाएं अब “फेसलेस” और भ्रष्टाचार-मुक्त व्यवस्था के जरिए लागू हो रही हैं, जिससे लाभार्थी को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। मुफ्त राशन से लेकर आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य योजनाओं तक, सरकार का दावा है कि बिना भेदभाव हर पात्र व्यक्ति तक लाभ सीधे पहुंच रहा है। मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था को निवेश का आधार बताते हुए दोहराया कि अपराध के प्रति “जीरो टॉलरेंस” नीति ने उत्तर प्रदेश में कारोबार के माहौल से डर हटाया है। उनके मुताबिक, जब सुरक्षा का भरोसा मजबूत होता है, तभी व्यापार बढ़ता है और निवेशकों के लिए यूपी एक सुरक्षित व स्थिर गंतव्य बनता है। UP News

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लखनऊ को PM मोदी की सौगात: देश को समर्पित किया ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’

इसके बाद उन्होंने परिसर में बने अत्याधुनिक म्यूजियम का भ्रमण किया, जहां उत्तर प्रदेश की धरती से जुड़े राष्ट्र-विचार को केंद्र में रखते हुए तीनों महापुरुषों के जीवन, विचार और राष्ट्र-निर्माण में योगदान पर आधारित प्रदर्शनी व ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति का अवलोकन किया।

अटल जयंती पर पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’
अटल जयंती पर पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar25 Dec 2025 03:48 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सांस्कृतिक–राजनीतिक मानचित्र पर आज एक नया राष्ट्रीय स्मारक-परिसर दर्ज हो गया। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ का लोकार्पण करते हुए परिसर में स्थापित अटल, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय की भव्य कांस्य प्रतिमाओं का अनावरण किया। समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक की मौजूदगी ने कार्यक्रम को विशेष बनाया। प्रधानमंत्री ने प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित कर तीनों विभूतियों को श्रद्धांजलि दी, फिर भारत माता की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद उन्होंने परिसर में बने अत्याधुनिक म्यूजियम का भ्रमण किया, जहां उत्तर प्रदेश की धरती से जुड़े राष्ट्र-विचार को केंद्र में रखते हुए तीनों महापुरुषों के जीवन, विचार और राष्ट्र-निर्माण में योगदान पर आधारित प्रदर्शनी व ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति का अवलोकन किया।

लखनऊ आगमन से लेकर कार्यक्रम स्थल तक यूपी में कड़ा सुरक्षा घेरा

कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विमान लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरा, जहां कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और डीजीपी राजीव कृष्ण ने उनकी अगवानी की। इसके बाद प्रधानमंत्री सेना के हेलीकॉप्टर से सीधे कार्यक्रम स्थल पहुंचे। प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी पूरी तरह हाई अलर्ट पर रही, एसपीजी के साथ खुफिया एजेंसियां और तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की पल-पल निगरानी करते रहे। बीते कई दिनों से शहर में बहुस्तरीय चेकिंग, सुरक्षा ड्रिल और रूट प्लानिंग की गई थी, ताकि वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान किसी भी स्तर पर कोई चूक न रहे और लखनऊ में कार्यक्रम तय समय व तय प्रोटोकॉल के मुताबिक संपन्न हो।

यूपी की राजधानी में बदला गया इलाका

प्रशासन के मुताबिक ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ की सबसे बड़ी खासियत इसकी कहानी है जिस जगह कभी कूड़े का ढेर और उपेक्षित इलाका था, वही अब उत्तर प्रदेश के लिए एक भव्य राष्ट्रीय स्मृति-परिसर बनकर उभरा है। यहां आने वाली पीढ़ियां देश की राजनीतिक यात्रा, विचार-परंपरा और सार्वजनिक जीवन के मूल्यों को एक ही परिसर में समझ सकेंगी। जानकारी के अनुसार, करीब 65 एकड़ में फैला यह प्रोजेक्ट लगभग 230 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। लोकार्पण समारोह को जन-भागीदारी का उत्सव बनाने के लिए करीब 1.25 लाख कुर्सियां लगाई गईं, ताकि बड़ी संख्या में लोग बैठकर प्रधानमंत्री का संबोधन सुन सकें। परिसर का सबसे बड़ा आकर्षण तीनों महापुरुषों की 65-65 फीट ऊंची विशाल कांस्य प्रतिमाएं हैं अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय जिन्हें केंद्र में रखकर यह स्थल “स्मृति” के साथ-साथ “प्रेरणा” का संदेश देने के लिए विकसित किया गया है।

पीएम मोदी का संदेश

लखनऊ रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए संदेश देकर कहा कि सरकार देश की महान विभूतियों की विरासत के सम्मान, संरक्षण और उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की धरती पर आकार ले रहा ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ और इससे जुड़ा अत्याधुनिक संग्रहालय लोगों को उन नेताओं के जीवन, विचार और राष्ट्र-निर्माण में योगदान को करीब से जानने का अवसर देगा। प्रधानमंत्री के मुताबिक यह परिसर सिर्फ स्मारक नहीं, बल्कि ऐसा मंच है जहां इतिहास, विचार और प्रेरणा तीनों एक साथ दिखाई देंगे। UP News

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