UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी पहल की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह पहल की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार इस पहल के द्वारा प्रदेश को जल्दी से जल्दी आर्थिक महाशक्ति बनाना चाहती है। उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि उत्तर प्रदेश भारत का ग्रोथ इंजन है। उत्तर प्रदेश की आर्थिक तरक्की के साथ ही देश की आर्थिक तरक्की भी जुड़ी हुई है।
उत्तर प्रदेश के पीएसई को दी जा रही है नई ताकत
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को (पीएसई) कहा जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के पीएसई सेक्टर को नई ताकत देकर उत्तर प्रदेश को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य के 40 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSE) को नई ताकत और दिशा दी जा रही है, जिसका सीधा फायदा आम जनता को होगा। योगी सरकार ने इन उपक्रमों को और अधिक कुशल, पारदर्शी और जन-हितैषी बनाने के लिए ठोस रणनीति लागू करने जा रही है। प्रदेश में 40 पीएसई संचालित हैं, जिनमें से 97.58 प्रतिशत पूंजी ऊर्जा क्षेत्र में निवेशित है, जबकि शेष 2.42 प्रतिशत पूंजी सेवा, निर्माण, उत्पादन, वित्त और व्यापार जैसे क्षेत्रों में लगी है। इनमें यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन जैसे प्रमुख उपक्रम राज्य की आर्थिक रीढ़ हैं। योगी सरकार ने इन उपक्रमों को सशक्त करने के लिए चार-सूत्री रणनीति अपनाई है।
चार सूत्रीय रणनीति से किया जाएगा उत्तर का भला
इसमें सुशासन को मजबूत करना, अधिकारियों की क्षमता निर्माण, आधुनिक तकनीक और बेंचमार्किंग का उपयोग और वित्तीय प्रबंधन को चुस्त-दुरुस्त करना शामिल है। इस रणनीति से बिजली, पानी और अन्य जरूरी सेवाएं पहले से कहीं अधिक सुलभ और किफायती होंगी, जिससे हर परिवार का जीवन आसान होगा। इन सुधारों का असर आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी पर साफ दिखेगा। उदाहरण के लिए, यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के तहत बिजली आपूर्ति में सुधार से गांवों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वहीं तकनीकी उन्नयन, जैसे स्मार्ट मीटर और साइबर सिक्योरिटी पहल से बिजली वितरण में पारदर्शिता और दक्षता आएगी। इसके अलावा, पीपीपी मॉडल और निजी भागीदारी के जरिए औद्योगिक विकास को गति मिलेगी, जिससे शहरों और कस्बों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। इन सबका फायदा हर वर्ग को, चाहे वह गांव का किसान हो या शहर का मध्यमवर्गीय परिवार, सबको मिलेगा।
AI और ML आधारित डेटा एनालिटिक्स का प्रयोग करेगी उत्तर प्रदेश सरकार
वहीं सरकार ने प्रबंध निदेशकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम तीन साल का कार्यकाल और प्रासंगिक पेशेवर अनुभव सुनिश्चित करने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही, औद्योगिक सुविधा सेल और एआई और एमएल आधारित डेटा एनालिटिक्स जैसी पहलें शुरू की गई हैं। ये कदम न केवल सेवाओं को बेहतर करेंगे, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेंगे, जिससे वे अपने ही राज्य में बेहतर भविष्य बना सकेंगे। योगी सरकार का यह प्रयास उत्तर प्रदेश को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जैसे-जैसे ये सुधार जमीन पर उतर रहे हैं, वैसे-वैसे हर प्रदेश में खुशहाली की नई कहानी लिखी जा रही है। UP News