Lucknow : लखनऊ। उत्तर प्रदेश के भी खेल निराले हैं। यहां ऐसे ऐसे खेल हो जाते हैं, जिसके बारे में सरकार को भी हवा नहीं लगती है। जबकि सच्चाई है कि उसकी नाक के नीचे ही सारा खेल खेला जाता है। अब देखिए, आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथिक कॉलेजों में दाखिले में बड़े पैमाने पर धांधली उजागर हुई है। प्रदेश के तमाम सरकारी और गैरसरकारी कालेजों में बिना नीट परीक्षा पास किए ही छात्र-छात्राओं के दाखिले हो गए।
यह मामला साल-2021 का है, लेकिन खुलासा अब हुआ है। नीट- यूजी 2021 की मेरिट को दरकिनार कर दाखिले लिए गए। लखनऊ के टूडियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेद कॉलेज में नीट मेरिट से इतर दाखिला पाने वाले चार छात्र और दो छात्राओं को जांच के बाद निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों ने प्रदेश में ऐसे करीब 891 फर्जी दाखिलों की आशंका जताई है। आयुष मंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
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मेडिकल कॉलेजों में नीट मेरिट के आधार पर ही दाखिले का प्रावधान है। एलोपैथ के साथ-साथ आयुष के सरकारी व निजी कॉलेजों में नीट मेरिट के आधार पर ही दाखिले होते हैं। मेडिकल पाठ्यक्रमों में एडमिशन के जालसाजों ने नीट में भी सेंधमारी कर डाली। शैक्षिक सत्र 2021 में बड़े पैमाने पर आयुष कॉलेजों में फर्जीवाड़ा कर बीएएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस पाठ्यक्रमों में एडमिशन हुए।
दाखिले के बाद कॉलेजों में पढ़ाई शुरू हो गई थी। व्यवस्था के तहत नीट मेरिट से लेकर दूसरे शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच की गई। लखनऊ के राजकीय आयुर्वेद कॉलेजों में छह छात्रों के नाम नीट मेरिट में नहीं मिले। अधिकारियों ने कई बार मेरिट लिस्ट जांची, लेकिन लिस्ट में दो छात्राओं और चार छात्रों के नाम नहीं थे। कॉलेज प्रशासन ने आयुर्वेद विभाग के निदेशक को पूरी जानकारी दी। आयुर्वेद विभाग ने संदिग्ध बीएएमएस के छह छात्र-छात्राओं के शैक्षिक दस्तावेज कब्जे में रखने के निर्देश दिए। निदेशक ने छह छात्रों को निलंबित कर दिया।
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एडमिशन में फर्जीवाड़े की खबर से आयुष महकमे में खलबली मच गई। गुपचुप तरीके से जांच कराई गई। जांच के दायरे में सरकारी व निजी आयुष कॉलेजों को रखा गया। प्रारंभिक जांच में 891 छात्र-छात्राओं के फर्जी दाखिले की आशंका जताई जा रही है। ऐसे छात्र-छात्राओं के डॉक्यूमेंट नीट, बोर्ड से सत्यापित कराए जा रहे हैं।
राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पीसी सक्सेना ने कहा कि हमें आयुर्वेद निदेशालय से छात्रों की एक सूची मिली। इसमें कहा गया है कि उनका प्रवेश गलत है। निर्देशों का पालन करते हुए हमने अगले आदेश तक छह छात्रों को निलंबित कर दिया है।
आयुष मंत्री दया शंकर मिश्र दयालु ने कहा कि आयुष कॉलेजों में दाखिले में गड़बड़ी की जांच कराई जा रही है। प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी मिली है। काउंसिलिंग प्रक्रिया में शामिल एजेंसी, कॉलेजों की भूमिका की जांच हो रही है। दाखिले हमारे कार्यकाल में नहीं हुए हैं।