शिक्षक दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने प्राइवेट शिक्षकों के हित में एक बेहद अहम फैसला लिया है। 5 सितंबर शिक्षक दिवस के मौके पर दिनेश शर्मा ने यह घोषणा की है कि वित्त विहीन माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों को भी सरकारी अध्यापको की तरह बैंक खातों में सैलरी दी जाए। डिप्टी सीएम ने यह फैसला प्राइवेट अध्यापकों द्वारा लगातार कम वेतन मिलने की शिकायतों को मद्देनजर रखते हुए लिया है।
5 सितम्बर, शिक्षक दिवस के मौके पर डॉ दिनेश शर्मा लखनऊ के सिटी मोंटसरी स्कूल के सभागार में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में उपस्थित हुए। इस खास मौके पर ही इन्होंने प्राइवेट अध्यापकों के हित में यह बड़ा फैसला लिया। इसके साथ ही इस सम्मान समारोह में, प्रदेश के 2 राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को सम्मानित किया गया। एवं 17 अन्य शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने राज्य अध्यापक पुरस्कार व मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार हासिल किया है। इसके अलावा लखनऊ के 75 उन शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया, जो उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में चयनित हुए थे।
माननीय उपमुख्यमंत्री ने इस सम्मान समारोह में, माध्यमिक विद्यालय विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति से संबंधित भी कई निर्देश जारी किए। साथ में या निर्देश भी जारी किया कि माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के अवकाश जैसे चिकित्सा अवकाश, मातृत्व अवकाश व बाल्य देखभाल अवकाश अब ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी स्वीकृत किए जाएंगे। शिक्षकों के संबंध में सबसे अहम फैसला लिया गया कि सेवाकाल के दौरान यदि किसी शिक्षक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके आश्रित को नौकरी दी जाएगी इससे पहले यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी। यह भी ऐलान किया गया कि संस्कृत विद्यालयों में जल्द ही रिक्त पदों को भरा जाएगा।
यह शिक्षक दिवस, उत्तर प्रदेश राज्य के शिक्षकों के लिए बेहद खास साबित हुआ। उप मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए यह निर्णय निश्चित तौर पर शिक्षकों के लिए बेहद खुशी प्रदान करने वाले हैं।