UP News : देश में हर खाने के सामान में मिलावट देखने और सुनने को मिलती रहती है। आज के टाइम में लोग अपने आप को ठीक रखने के लिए आयुर्वेद का सहारा ले रहे थे। लेकिन अब ये मिलावट की बिमारी आयुर्वेदिक दवाओं में भी मिलने लगी है। मिलावटी आयुर्वेद की दवा में मिलावट की जानकारी मिलने के बाद शासन स्तर से हुई जांच में आयुर्वेद की दस दवाएं नकली मिली हैं। साथ ही 22 एलोपैथिक दवाओं में मिलावट पाई गई है। इन सभी 32 दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इनमें लिवर की प्रचलित दवा लिव-52 सहित मंडूर भस्म और दारुहरिद्रा का मिश्रण मानक के अनुरूप नहीं पाया गया। ऐसे में पूरे उत्तर प्रदेश में विक्रेताओं और निर्माताओं को संबंधित बैच की इन दवाओं की बिक्री न करने का नोटिस जारी किया गया है।
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कई जिलों में चला था अभियान
आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरबंश कुमार ने बताया कि कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, सीतापुर, गाजियाबाद, सहारनपुर और लखीमपुर के साथ ही कई जिलों में भी अभियान चलाकर वहां के अफसरों ने दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे थे, जो फेल पाए गए हैं। अब ये दवाएं उन्हीं नए बैच की बिक सकेंगी, जिनकी जांच हो जाएगी। उन्होंने बताया कि सिस्टोन सिरप, लिव 52 टैबलेट सहित 32 प्रकार की दवाएं जांच में फेल पाए जाने पर इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रतिबंध के बाद भी अगर कोई इन दवाओं की बिक्री करते हुए पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लोगों से अपील है कि इन प्रतिबंधित दवाओं का उपयोग न करें। नए बैच की संबंधित दवाएं तभी बिकेंगी, जब उनकी जांच हो जाएगी।
ये दवाई मिली मिलावटी
आपको बता दें कि गाजियाबाद से विश्वास गुड हेल्थ कैप्सूल आयुर्वेदा, कानपुर से पेन निल चूर्ण, एज-फिट चूर्ण, अमृता आयुर्वेदिक चूर्ण, स्लीमेक्स चूर्ण, दर्द मुक्ति चूर्ण, आर्थोनिक चूर्ण, योगी केयर, लखनऊ से माइकॉन गोल्ड कैप्सूल, डायबियंट शुगर केयर टैबलेट, हाईपावर मूसली कैप्सूल, डायबिक केयर, गौतमबुद्ध नगर से झंडु लालिमा ब्लड एंड स्किन प्यूरिफायर, गाजियाबाद से हेल्थ गुड सीरप, हेपलिव डीएस सीरप, लखीमपुर से सिस्टोन सीरप, सीतापुर से बायना प्लस आयल, गौतमबुद्ध नगर से वातारिन ऑयल, गौतमबुद्ध नगर से लिव-52, वाराणसी से न्यू रिविल, लखनऊ बोस्टा एम आर टैबलेट, लखीमपुर से लिव-52 के सैंपल लिए गए थे, जिसमें मिलावट पाई गई।
नकली दवाओं की बिक्री पर लगी रोक
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारियों को इन मिलावटी और नकली दवाओं की बिक्री रोकने का निर्देश दिया गया है। इस पर विभाग द्वारा प्रदेश भर में छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। मानक विरुद्ध पाई गई दवाओं में प्रेडनिसोलोन व बीटामेथासोन नामक स्टेरायड, आइबोप्रोफेन व डाइक्लोफिनेक नामक दर्द निवारक, ग्लीम्पैराइड नामक मधुमेह की दवा और सिलिडिनाफिल नामक यौन उत्तेजना की दवा का अपमिश्रण पाया गया है। UP News
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