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उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, पेंशन पाने वालों को बड़ा फायदा

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UP News :  उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। इस फैसले से उत्तर प्रदेश में रिटायर्ड कर्मचारियों तथा अधिकारियों को बड़ा फायदा मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला यह है कि न्यूनतम पेंशन से कम पेंशन मिलने पर पेंशनरों को उनकी पेंशन पर एरियर दिया जाएगा। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने पेंशनर की मृत्यु हो जाने पर पेंशन निकालने की स्थिति में निकाली गई पेंशन की वूसली की जाएगी।

उत्तर प्रदेश सरकार पेंशन का एरियर देगी

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने उत्तर प्रदेश सरकार के बड़े फैसले की जानकारी दी है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पेंशनरों की मृत्यु के बाद उनके खाते से पेंशन धनराशि निकालने पर शासन ने रोक लगा दी है। इसके ज्यू बावजूद धनराशि निकालने पर जिलाधिकारी वसूली करेंगे। इस संबंध में पेंशन धारक व नॉमिनी से प्राधिकार पत्र के साथ अंडरटेकिंग भी ली जाएगी।

शासन ने पेंशन प्राधिकार पत्र में संशोधन किया है। इस संबंध में पेंशन निदेशालय को शासनादेश जारी किया गया है। कोषागार से पेंशन लेने वाले पेंशनर व पारिवारिक पेंशनर साल में एक बार जीवित प्रमाण पत्र दाखिल करते हैं। इस प्रमाण पत्र की वैधता के बीच पेंशनर की मृत्यु हो जाती है और इसकी सूचना कोषागार को नहीं दी जाती है तो जीवित प्रमाण पत्र की वैधता अवधि तक उनके खाते में पेंशन जाती रहती है। पेंशन का अधिक भुगतान हो जाता है। शासनादेश का मुताबिक पेंशनरों के परिजनों की जिम्मेदारी होगी कि वे पेंशनर की मृत्यु की सूचना तत्काल कोषागार को दें। मृत्यु की सूचना समय पर न देने की स्थिति पर खाते से रकम न निकालने के निर्देश दिए गए हैं। परिजन द्वारा ज्यादा पेंशन निकालने की स्थिति में उनका फर्ज होगा कि ज्यादा ली गई राशि का समायोजन कराएं। ऐसा न करने पर कोषागार इसकी वसूली संबंधित जिले के डीएम के माध्यम करेगा।

पेंशनर की मृत्यु के बाद बंद हो जाएगी पेंशन

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि न्यूनतम पेंशन से भी कम पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशनरों व पारिवारिक पेंशनरों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम पेंशन 9000 रुपये से कम प्राप्त करने वाले पेंशनरों व पारिवारिक पेंशनरों को पुनरीक्षित पेंशन दी जाएगी। साथ ही एरियर का भुगतान भी किया जाएगा। वित्त विभाग के विशेष सचिव नील रतन कुमार द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि केंद्रीय वेतन आयोगों के गठन के बाद राज्य वेतन समितियों की संस्तुतियों के प्रभावी होने की तारीख से पहले रिटायरमेंट या मृत्यु होने की दशा में स्वीकृत पेंशन का पुनरीक्षण कोषागार द्वारा निर्धारित फार्मेट के आधार पर कर दिया जाता है। लेकिन वेतन समितियों की संस्तुतियां प्रभावी होने की तारीख और शासनादेश निर्गत होने की तारीख के बीच स्वीकृत पेंशन का पुनरीक्षण पुनरीक्षित प्राधिकार पत्र जारी होने के बाद ही होता है। ऐसे पेंशनरों की संख्या अच्छी खासी है, जिनकी पेंशन का पुनरीक्षण नहीं हुआ है।

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