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उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, SEX बनाम रेप

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UP News : उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट का यह बड़ा फैसला आपसी सहमति से किए गए SEX के बावजूद रेप के मामले में आया है। उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के इस फैसले की उत्तर प्रदेश ही नहीं देश भर में चर्चा हो रही है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट के इस बड़े फैसले की सभी कानून के जानकार अपने-अपने ढंग से समीक्षा कर रहे हैं।

क्या है उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश का हाईकोर्ट प्रयागराज शहर में स्थापित है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट को इलाहाबाद हाईकोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के इसी हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। यह मामला SEX बनाम रेप का मामला है। दरअसल उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने कहा है कि शादी का वायदा करके किसी महिला के साथ आपसी सहमति से SEX करना प्रथम दृष्टया रेप का मामला बनता है। यह टिप्पणी करते हुए उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने रेप के एक मामले को रदद करने की अपील को खारिज कर दिया है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट के इस बड़े फैसले की नजीर अब पूरे देश की अदालतों में दी जाया करेगी। अदालतों को बड़ी सावधानी से SEX तथा रेप के मामलों को निपटाना पड़ा करेगा।

क्या है पूरा प्रकरण UP News

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट में तैनात न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने यह आदेश सुनाया है। उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने यह बड़ा फैसला रेप के आरोपी आगरा के रहने वाले राघव कुमार की अर्जी पर दिया है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट के मुताबिक 15 नवंबर 2018 को आगरा के महिला थाना में एक युवती ने आवेदक राघव कुमार पर दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। युवती व आवेदक आगरा में साथ में पढ़ते थे और एक-दूसरे से मिलना जुलना था।

युवती का आरोप है कि राघव ने उसे अपने घर बुलाया और चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दिया। इसके बाद उसके साथ संबंध बनाया। इसकी रिकॉर्डिंग भी कर ली। युवती का आरोप है कि इस पूरे मामले में आवेदक के परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल थे।
घटना के बाद आवेदक ने शादी का प्रस्ताव दिया। युवती तैयार हो गई। इसके बाद राघव ने शादी का वादा कर कई बार युवती के साथ SEX किया। बाद में शादी करने से इन्कार कर दिया। इस पर युवती ने रेप सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया, जिसे आवेदक ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।

आवेदक के वकील ने दलील दी कि युवती और आवेदक एक साथ पढ़ रहे थे और दोनों सिविल सेवा परीक्षा की को तैयारी कर रहे थे। दोनों एक-दूसरे जानते थे। ऐसे में आपसी सहमति से संबंध बनाए गए। संबंध लंबे समय तक चलता रहा। सहमति में बने संबंध मामले में दुष्कर्म की धाराओं में कार्रवाई नहीं की जा सकती। वहीं, अपर शासकीय अधिवक्ता ने दलील दी कि युवक और युवती के बीच रिश्ते की शुरुआत धोखाधड़ी पर आधारित है। इसलिए प्रथम दृष्टया दुष्कर्म का अपराध बनता है। कोर्ट ने तथ्यों का अवलोकन कर पाया कि युवती से प्रथम बार बेहोशी की हालत में SEX किया था। बाद में शादी का वादा कर संबंध बनाया गया। इसलिए प्रथम दृष्टया दुष्कर्म का अपराध बनता है। UP News

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