UP News : उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है। उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर गन्ने का उत्पादन होता है। गन्ना एक कैश क्रोप है। इसी कारण उत्तर प्रदेश में खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती की जाती है। गन्ने की खेती में अनेक प्रकार की बीमारियां लग जाती हैं। गन्ने की खेती में बीमारी के कारण किसानों का बहुत नुकसान होता है। गन्ने की खेती को बीमारियों से बचाने का बीड़ा फारमर नामक संस्था ने उठा रखा है। फारमर के संस्थापक का मानना है कि उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में गन्ने की खेती को बीमारी मुक्त किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थापित है फारमर संस्था
फारमर नामक संस्था उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर में स्थापित है। इस संस्था के संस्थापक चौधरी जगपाल सिंह बड़े कृषि विशेषज्ञ हैं। कृषि विशेषज्ञ चौधरी जगपाल सिंह ने बताया कि गन्ने की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान सफेद लट (सुन्डी) तथा इसी प्रकार के दूसरे कीड़ों से होता है। फारमर संस्था भारतर सरकार के आई.सी.ए.आर. के आॅल इंडिया वोलंटरी सेंटर के तौर पर काम कर रही है। आईएएआर ने फरमार को अपेन आॅल इंडिया नेटवर्क प्रोजेक्ट के साथ जोड़ा हुआ है। इस प्रोजेक्ट के साथ जुडकर फारमर संस्था उत्तर प्रदेश के किसानों की भरपूर मदद कर रही है। इसी कड़ी में सोमवार को फारमर संस्था ने किसान मेले में भाग लेकर किसानों को जागरूक करने का काम किया है। UP News
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में लगा किसान मेला
आपको बता दें कि सोमवार 23 दिसंबर 2024 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में किसान मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में उत्तर प्रदेश की अन्य संस्थाओं के साथ ही फारमर संस्था ने भी भाग लिया। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर आयोजित इस मेले में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। यह मेला उत्तर प्रदेश के राज्य कृषि विभाग, गाजियाबाद एवं कृषि विज्ञान केंद्र, गाजियाबाद द्वारा कृषि विस्तार पर उप मिशन (एस.एम.ए.ई.) योजना के अंतर्गत को कृषि विज्ञान केंद्र, गाजियाबाद में आयोजित किया गया।
किसान सम्मान दिवस/किसान मेले के कार्यक्रम में जिला मजिस्ट्रेट (इंद्र विक्रम सिंह, आई.ए.एस.), गाजियाबाद, मुख्य विकास अधिकारी (अभिनव गोपाल, आई.ए.एस.), गाजियाबाद, कृषि विभाग गाजियाबाद के अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र, गाजियाबाद के वैज्ञानिक, महिला किसान एवं अन्य किसानों की विशेष उपस्थिति रही।
फारमर वोलंटरी सेन्टर, गाजियाबाद आईसी.ए.आर.- आॅल इंडिया नेटवर्क प्रोजेक्ट ओन सॉइल अथ्रोर्पोड पेस्ट्स के वैज्ञानिक रियाजुद्दीन ने किसान सम्मान दिवस/किसान मेले के कार्यक्रम में एन्टोमोपैथोजेनिक नेमाटोड (ई.पी.एन.) एवं माइक्रोबियल कंसोर्शिया आॅफ बायो-एजेंट के माध्यम से गन्ना एवं अन्य फसलों में एकीकृत पोषक तत्व एवं कीट/रोग प्रबंधन विषय पर अपने तकनीकी व्याख्यान के द्वारा मेले में उपस्थित सभी किसानों एवं अन्य प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया। मेले में लगभग 350 किसानों एवं अन्य प्रतिभागियों ने भाग लिया। UP News
तकनीक का प्रदर्शन किया गया
फारमर वोलंटरी सेन्टर के स्टाल पर उपस्थित फारमर वोलंटरी सेन्टर के वैज्ञानिक रियाजुद्दीन एवं मनीष कुमार शर्मा ने निम्नलिखित तकनीकियों का प्रदर्शन किया। 1. ई.पी.एन. संक्रमित गैलेरिया कैडेवर तकनीक के प्रयोग के माध्यम से गन्ने और अन्य खरीफ की फसलों में सफेद लट एवं अन्य मृदा कीटों का नियंत्रण, गैलरिया मेलोनेला (वैक्स मोथ) का पालन करके ई.पी.एन. की उत्पादन तकनीक, माइक्रोबियल कंसोर्शिया आॅफ बायो-एजेंट की कम लागत वाली गुणन और अनुप्रयोग तकनीक।
फारमर वोलंटरी सेन्टर, गाजियाबाद आई.सी.ए.आर.- आॅल इंडिया नेटवर्क प्रोजेक्ट ओन सॉइल अथ्रोर्पोड पेस्ट्स के वैज्ञानिक रियाजुद्दीन ने स्टाल के दौरे के दौरान जिला मजिस्ट्रेट (इंद्र विक्रम सिंह, आई.ए.एस.) और मुख्य विकास अधिकारी (अभिनव गोपाल, आई.ए.एस.), गाजियाबाद के साथ फारमर वोलंटरी सेन्टर, गाजियाबाद के अनुसंधान पहल पर चर्चा भी की।
सभी किसानों एवं अन्य आगंतुक ने फारमर वोलंटरी सेंटर के वैज्ञानिकों द्वारा कृषि के क्षेत्र में मिली जानकारी को बहुत सराहा ओर संतुष्ट हुए। किसान गन्ने एवं अन्य खरीफ की फसलों में सफेद लट की समस्या से निबटने के लिए ई.पी.एन. को प्रयोग करने एवं मृदा एवं बीज उपचार के उपयोग के लिए जैव आदानों के उत्पादन की कम लागत वाली तकनीक को अपनाने के लिए जागरूक हुए। UP News
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