UP News : इन दिनों डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के मामले धड़ल्ले से बढ़ रहे है। आए दिन कोई ना कोई डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो रहा है। ऐसे में, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से धोखाधड़ी का एक ताजा मामला सामने आया है। गाजियाबाद में एक रिटायर्ड अधिकारी प्रीतम सिंह चौहान को 7 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर उन्हें 60 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी का शिकार बनाया गया। चौहान भारतीय खाद्य निगम से रिटायर हैं और वसुंधरा सेक्टर-1 के निवासी हैं। आपको बता दें, डिजिटल अरेस्ट का सीधा मतलब है कि कोई आपको ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के जरिए आप पर नजर रख रहा है। डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर ठग नकली पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकाते हैं और अपना शिकार बनाते हैं।
धोखाधड़ी की शुरुआत
10 अक्टूबर को प्रीतम सिंह को एक व्हाट्सएप कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को दिल्ली साइबर क्राइम (Cyber Crime) ब्रांच से बताया। कॉलर ने कहा कि उन पर गंभीर अपराध का आरोप है, जिसके चलते तुरंत जांच की जरूरत है। उन्होंने बुजुर्ग को डराया कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
मानव तस्करी का झूठा आरोप
कॉलर ने चौहान को बताया कि उनके एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) खाते में 68 लाख रुपये मानव तस्करी (Human trafficking) के मामले में आए हैं। बुजुर्ग ने इस आरोप से इंकार किया, लेकिन कॉलर ने दावा किया कि बैंक मैनेजर ने 17 बच्चों की मानव तस्करी के लिए ये पैसे उनके खाते में ट्रांसफर किए हैं, इसलिए जांच जरूरी है।
पुलिस में दर्ज की शिकायत
अधिकारी ने 14 अक्टूबर को दो बार पैसे ट्रांसफर किए—पहली बार 29,99,888 रुपये और दूसरी बार 20,88,888 रुपये। कुल मिलाकर, प्रीतम सिंह चौहान से 60,88,664 रुपये की ठगी हुई है। जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ, तब उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। UP News
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