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UP News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप से भले ही रैपिडो चालक अमित कुमार की बेटी को आरटीई के तहत नामी सीएल गुप्ता वर्ल्ड स्कूल में दाखिला मिल गया हो, लेकिन ये राहत अधूरी साबित हो रही है। वजह है अब किताबें, यूनिफॉर्म और बाकी जरूरी सामान का खर्च उनकी आर्थिक हालत पर भारी पड़ रहा है।

दाखिला मिला लेकिन पढ़ाई की राह अब भी कठिन

अमित कुमार, जो मुरादाबाद के रामगंगा विहार क्षेत्र में रहते हैं, बीते तीन महीने से बेटी के दाखिले के लिए दौड़-भाग कर रहे थे। आखिरकार जब वो लखनऊ में मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में पहुंचे, तो सीएम योगी ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। बेटी को नर्सरी में दाखिला तो मिल गया लेकिन नए स्कूल के महंगे खर्चे अमित के लिए नई चुनौती बन गए हैं।

14 हजार रुपये का बोझ

अमित कुमार बताते हैं कि स्कूल ने किताबें और ड्रेस स्कूल से ही खरीदने को कहा है, जिसकी कीमत लगभग 14,000 रुपये है। “बाजार में ये सामान मिलता तो सस्ता पड़ता, लेकिन स्कूल के सेटअप में सबकुछ बेहद महंगा है,” अमित ने कहा। उनकी आइसक्रीम की छोटी सी दुकान बीते 15 दिनों से बंद है, क्योंकि पूरा समय बेटी की पढ़ाई की तैयारियों में लग रहा है। ऐसे में आय का कोई ज़रिया भी नहीं बचा।

तीन महीने पीछे है सिलेबस

बच्ची ने 1 जुलाई से स्कूल जाना शुरू किया है, लेकिन उसका सिलेबस तीन महीने पीछे है। स्कूल की ओर से साफ कहा गया है कि कोर्स पूरा कराने की जिम्मेदारी अब माता-पिता की है। इस पर बच्ची की मां प्राची कहती हैं, “रोज का होमवर्क भी मुश्किल से पूरा हो पाता है, ऐसे में तीन महीने का कोर्स कैसे पढ़ाएं?” बच्ची के पास अभी तक योगा, स्वीमिंग और रेगुलर क्लास की ड्रेस नहीं है, इसलिए वह इन गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले पा रही। मां प्राची बताती हैं कि हाल ही में योगा की ड्रेस किसी तरह खरीदी गई जिसे पाकर बेटी बेहद खुश हो गई। लेकिन बाकी चीजों के लिए अब भी इंतजार जारी है। UP News

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