ग्वालियर-आगरा हाई स्पीड एक्सप्रेसवे हो रहा तैयार, आधुनिक सुविधाओं से होगा लैस

UP News : ग्वालियर से आगरा तक का सफर अब न केवल तेज होगा, बल्कि आधुनिक सुविधाओं से भी लैस होगा। केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना के तहत 88.4 किलोमीटर लंबा छह लेन का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे तैयार किया जा रहा है, जो आने वाले दो वर्षों में जमीन पर दिखने लगेगा। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 3841 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है।

600 मीटर लंबा हैंगिंग ब्रिज, चंबल की धरती पर नई इबारत

इस परियोजना का सबसे तकनीकी और प्रतीकात्मक हिस्सा होगा 600 मीटर लंबा हैंगिंग ब्रिज, जो चंबल नदी पर बनेगा। इसके निर्माण से पहले मिट्टी के नमूने लिए जा रहे हैं, जिससे पुल की नींव और गहराई की जांच की जा सके। यह काम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के ग्वालियर खंड द्वारा किया जा रहा है।

एक्सप्रेसवे से घटेगी दूरी, बढ़ेगी रफ्तार

फिलहाल आगरा और ग्वालियर के बीच की यात्रा लगभग 121 किलोमीटर लंबी है, जो इस एक्सप्रेसवे के बनते ही 33 किलोमीटर घटकर 88.4 किलोमीटर रह जाएगी। इससे यात्रा का समय घटकर सिर्फ 1.5 घंटे रह जाएगा। यह एक्सप्रेसवे सुसेरा (ग्वालियर) से रोहता (आगरा) तक विकसित किया जाएगा।

बस स्टॉप, जंक्शन और पुल: हर जरूरत के हिसाब से प्लानिंग

यह एक्सप्रेसवे केवल रफ्तार का नहीं, बल्कि समावेशी विकास का प्रतीक भी होगा। 36 अत्याधुनिक बस स्टॉप, 10 बड़े पुल, जिनमें एक हैंगिंग ब्रिज भी शामिल, 6 मेन जंक्शन से वाहन प्रवेश/निकासी की सुविधा। 131 छोटे जंक्शन, जिससे स्थानीय ट्रैफिक की भागीदारी सुनिश्चित की जा सकेगी।

भूमि अधिग्रहण और सामाजिक प्रभाव

इस परियोजना के लिए 100 से अधिक गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसके तहत प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा और पुनर्वास दिया जाएगा। परियोजना को इनर रिंग रोड और न्यू साउथ बाइपास से जोड़ा जाएगा, जिससे इसको शहर से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। UP News

कब शुरू हुआ था विचार, अब कहाँ तक पहुंचा काम

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस एक्सप्रेसवे की घोषणा सितंबर 2022 में की थी। हालांकि कैबिनेट से मंजूरी में देरी और नौ बार टेंडर की तारीख बदलने के चलते काम शुरू होने में समय लगा। अब मिट्टी परीक्षण का कार्य प्रारंभ हो चुका है और उम्मीद है कि पुल का निर्माण 18 महीने में और पूरे एक्सप्रेसवे का निर्माण 24 महीने में पूरा हो जाएगा। ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेसवे न केवल दो ऐतिहासिक शहरों को आधुनिक रफ्तार से जोड़ेगा, बल्कि पूरे चंबल अंचल में व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए द्वार खोलेगा। यह महज एक सड़क नहीं, बल्कि एक आर्थिक कॉरिडोर है, जो इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदलने की ताकत रखता है। UP News

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