Hathras Satsang Stampede : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सत्संग में मची भगदड़ के मौतों के आंकड़े ने सबको हिला का रख दिया है। हाथरस से डरा देने वाली तस्वीरें समाने आ रही है, हर तरफ चीख-पुकार मची थी। लोगों लाशों के ढेर से अपनों को ढूढने में लगे थे। बताया जा रहा है अब तक इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो चुकी है और 30 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। जिनका इलाज अस्पतालों में किया जा रहा है। वहीं सत्संग में हुआ जनसंहार का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में एक याचिका दायर की गई है।
सुप्रीम कोर्ट पहंचा हाथरस मामला
आपको बता दें याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर ने दायर की है। इतने बड़े कांड में अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है और भोले बाबा फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है। दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी बनाकर जांच कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि भविष्य में इस तरह की दोबारा घटना ना हो इसके लिए सभी राज्यों को दिशा निर्देश जारी कर दिए जाए। साथ ही घटना वाली जगह पर मेडिकल सुविधा की व्यवस्था को लेकर रिपोर्ट मांगी जाए।
कौन है हादसे का जिम्मेदार?
इस हादसे के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है आखिर इतनी मौतों का जिम्मेदार कौन है? इस मामले में पुलिस की तरफ से FIR की गई, जिसमें मुख्य सेवदार समेत कुछ अज्ञात लोगों के नाम है, लेकिन मौत के सत्संग में प्रवचन देने वाला बाबा का नाम ही FIR से गायब है। इस मामले में अब तक बाबा को आरोपी नहीं बनाया गया है। तो क्या बाबा पुलिस की सरपरस्ती में फरार है? क्या बाबा के सरकार से भी कनेक्शन है क्योंकि इस बाबा का दामन दागदार है। उसके खिलाफ 5 केस दर्ज हैं।
ढाई लाख लोग सत्संग में पहुंचे, 80 हजार की थी इजाजत
मिली जानकारी के अनुसार पुलिस बाबा की तलाश कर रही है और उसके लिए अबतक 4 जिलों में छापेमारी कर चुकी है, लेकिन अभी तक बाबा पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। सत्संग वाली जगह पर केवल 80 हजार लोगों की अनुमति प्रशासन की तरफ मिली थी, लेकिन ढाई लाख लोग पहुंचे थे। खुलासा ये हुआ है कि आयोजनकर्ताओं ने भीड़ का सही आंकड़ा छिपाया है। FIR में हादसे की वजह जीटी रोड पर ज्यादा भीड़ जुटने को बताया जा रहा है, जिसकी वजह से जाम लगा। जाम हटाने के दौरान बाबा कार्यक्रम स्थल से निकला। गाड़ी गुजरने वाले रास्ते से भीड़ धूल समेटने लगी। इसी दौरान भगदड़ मची और कई लोग कुचले गए। घटनास्थल पर पड़े जूते, चप्पल और सामान को फसलों में छिपाया गया ताकि भयावह स्थिति को लोगों ने छुपाया जा सके।
हाथरस हादसे में हुई पहली FIR, बाबा का नाम गायब
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