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नहीं मिलेगी चर्चित महिला IAS अफसर के पति को नौकरी

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UP News : उत्तर प्रदेश की महिला IAS अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल हमेशा चर्चा में रहती हैं। IAS अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल उस समय से चर्चा में बनी हुई हैं जब वें IAS की ट्रेनिंग कर रही थीं और ट्रेनी अफसर के रूप में उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में तैनात थीं। उत्तर प्रदेश की यह महिला IAS अफसर इन दिनों अपने पति के कारण चर्चा में हैं।

मुश्किल में है दुर्गा शक्ति नागपाल का पति

दरअसल IAS अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल के पति का नाम अभिषेक सिंह है। अभिषेक सिंह भी IAS अधिकारी था। फिल्मों में काम करने की अंधी दौड़ के कारण अभिषेक सिंह ने IAS की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। फिल्मों में पूरी तरह फेल होने के बाद अभिषेक सिंह ने राजनीति में हाथ आजमाने का प्रयास किया। दुर्भाग्य से उत्तर प्रदेश का यह भूतपूर्व IAS अधिकारी राजनीति में भी फेल हो गया। सब तरफ से फेल होने के बाद अभिषेक सिंह अब अपनी IAS की नौकरी वापस मांग रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का दावा है कि अब अभिषेक सिंह को नौकरी कभी नहीं मिलने वाली है।

असंभव है अभिषेक सिंह की वापसी UP News

अधिकतर प्रशासनिक अधिकारियों ने दावा किया है कि IAS के पद से इस्तीफा दे चुके अभिषेक सिंह की सेवा में वापसी असंभव है। उनका इस्तीफा स्वीकार हो चुका है पर उन्होंने सेवा में वापसी के लिए केंद्र को आवेदन किया है। राज्य सरकार उन्हें पुन: सेवा में न लेने की संस्तुति कर चुकी है, पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है। शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अभिषेक सिंह की राजनीतिक सक्रियता के कारण केंद्र भी उनके नाम पर विचार के लिए तैयार नहीं है।
यूपी कैडर के वर्ष 2011 बैच के आईएएस अभिषेक सिंह ने अक्टूबर 2023 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने राजनीति में उतरने की पूरी तैयारी कर ली थी। बताते हैं कि भाजपा से जौनपुर से लोकसभा टिकट के लिए काफी प्रयास भी किए थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल सका। अभिषेक सिंह चर्चित IAS अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के पति हैं। दुर्गा शक्ति नागपाल वर्तमान में लखीमपुर खीरी की डीएम हैं।

अभिषेक सिंह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं और कई फिल्मों में रोल भी निभा चुके हैं। उन्होंने सनी लियोनी के साथ म्युजिक एल्बम में भी काम किया है। गुजरात विधानसभा चुनाव में ड्यूटी के दौरान अभिषेक सिंह ने अपने फोटो सोशल मीडिया पर साझा किए थे। इस पर चुनाव आयोग ने उन्हें वापस कर दिया था। उसके बाद अभिषेक सिंह ने उत्तर प्रदेश में ज्वाइन नहीं किया। प्रदेश सरकार ने उन्हें निलंबित करते हुए राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया था। बाद में अभिषेक सिंह ने सेवा से इस्तीफा दे दिया।

लोकसभा चुनाव से पहले अभिषेक सिंह ने जौनपुर के लोगों के लिए अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए निशुल्क बस सेवा की व्यवस्था भी की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने जातीय जनगणना और आरक्षण का खुलकर समर्थन किया। इससे चर्चाएं भी शुरू हो गईं थी कि वे सपा या कांग्रेस की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। कुछ समय पहले अभिषेक सिंह ने केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को प्रशासनिक सेवा में वापसी के लिए आवेदन दिया था। इस पर केंद्र ने यूपी सरकार की राय मांगी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने अभिषेक सिंह को नौकरी देने से साफ मना कर दिया है। केन्द्र सरकार ने अभिषेक सिंह की प्रार्थना पर अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया है। UP News

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