UP News : उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर रिश्तों की नजाकत और आज के दौर के वैवाहिक समीकरणों पर गंभीर सवाल उठना स्वाभाविक है। शादी के महज दस दिन बाद एक नवविवाहिता अपने पति के साथ बाजार चाट खाने गई, और वहीं से प्रेमी संग चुपचाप फरार हो गई। पति जब चाट वाले को उसका पैसा देकर आया तब तक उसकी नवविवाहिता पत्नी अपने प्रेमी के साथ फुर्र हो चुकी थी।
पति चाट का पैसा देता रहा, पत्नी प्रेमी संग निकल गई
घटना मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र की है। शमशेर चौहान की 4 जून को खुशी नामक युवती से शादी हुई थी। 14 जून को दोनों बाजार में चाट खाने गए। पहले काली मंदिर में दर्शन किए, फिर चाट की दुकान पर रुके। चाट खाने के बाद जब शमशेर पैसे देने दुकान वाले के पास गया, तभी उसकी पत्नी अचानक वहां से लापता हो गई। पलटा तो पत्नी गायब थी। देखते ही देखते यह पारिवारिक मामला थाने पहुंच गया। UP News
पहले भी भाग चुकी थी दुल्हन, अब फिर प्रेमी के साथ गई
शमशेर ने जब पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई, तो पुलिस हरकत में आई। छानबीन के बाद पता चला कि खुशी अपने प्रेमी के साथ फरार हुई थी। यह वही प्रेमी था जिसके साथ वह शादी से पहले भी भागी थी, और जिसे बाद में मुंबई से पकड़कर लाया गया था। UP News
‘मैं बालिग हूं, प्रेमी संग ही रहूंगी’
पुलिस ने जब दोनों को बरामद किया, तो कोतवाली में घंटों पंचायत चली। मगर खुशी टस से मस नहीं हुई। उसने साफ कहा, “मैं बालिग हूं, और अपने प्रेमी के साथ ही रहना चाहती हूं।” सभी पक्षों की सहमति के बाद पुलिस ने उसे प्रेमी के साथ जाने की इजाजत दे दी। UP News
पति का बयान : ‘ना राजा रघुवंशी हूं, ना सौरभ’
खुशी के पति शमशेर चौहान का दर्द इस पूरे घटनाक्रम में छलक आया। उसने कहा, “ना मुझे राजा रघुवंशी बनना है और ना सौरभ राजपूत।” यह संदर्भ उन दो मामलों की ओर इशारा करता है, जहां एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के चलते पतियों की उनकी पत्नियों द्वारा हत्या कर दी गई थी। पति की यह टिप्पणी बताती है कि यह मामला केवल विश्वासघात तक सीमित नहीं है, बल्कि एक गहरे मानसिक आघात का प्रतिनिधित्व भी करता है। UP News
विवाह की गंभीरता और रिश्तों की वास्तविकता पर गहरा सवाल
यह घटना सिर्फ एक स्थानीय गॉसिप नहीं, बल्कि हमारे बदलते समाज की सोच, विवाह की गंभीरता और रिश्तों की वास्तविकता पर गहरा सवाल है। क्या आज शादी सिर्फ एक सामाजिक औपचारिकता बनती जा रही है? क्या युवाओं में पारिवारिक और भावनात्मक जिम्मेदारियों की समझ कम होती जा रही है? और सबसे अहम, क्या शादी से पहले प्रेम संबंधों की सच्चाई जानने की कोशिश अब जरूरी हो गई है? UP News