UP News : मेरठ के समौली गांव में एक के बाद एक निकलते सांपों ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। बीते तीन दिनों से गांव निवासी महफूज सैफी के घर से लगातार सांप निकलने की घटनाएं सामने आ रही हैं। दो दिन पहले जहां एक साथ 50 से अधिक सांप निकलने की खबर ने वन विभाग से लेकर ग्रामीणों तक को चौंका दिया था, वहीं बुधवार को एक बार फिर उसी घर से 7 से 8 सांप निकले। इस रहस्यमयी सिलसिले से लोग इस जगह को अब ‘नाग लोक’ कहने लगे हैं।
रेस्क्यू में जुटा वन विभाग, जारी है जांच
जानकारी मिलते ही वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और सभी सांपों को सुरक्षित पकड़कर बोतलों में बंद किया। इसके बाद उन्हें जंगल में छोड़ दिया गया। विभाग की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि अब तक पकड़े गए सभी सांप विषहीन प्रजाति के हैं, लेकिन उनकी बार-बार मौजूदगी विभाग के लिए भी चिंता और अध्ययन का विषय बन चुकी है।
पहले मार दिए गए थे 50 से ज्यादा सांप, वन विभाग ने जताई आपत्ति
गौरतलब है कि घटना के पहले दिन, ग्रामीणों ने डर के चलते 50 से ज्यादा सांपों को मार दिया था और उन्हें जमीन में दफना दिया था। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत यह कार्रवाई कानून का उल्लंघन है। विभाग ने इस पर संज्ञान लेते हुए जांच शुरू कर दी है और ग्रामीणों को कानून की जानकारी भी दी गई है।
भयभीत ग्रामीण, स्थायी समाधान की मांग
लगातार सांपों के निकलने की घटनाओं से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। महफूज सैफी का पूरा परिवार घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां शरण लेने को मजबूर हो गया है। स्थानीय लोग चाहते हैं कि प्रशासन इस पूरे घटनाक्रम की गहराई से जांच करे और स्थायी समाधान निकाले, ताकि वे फिर से अपने घरों में सुरक्षित महसूस कर सकें। UP News
क्या है सांपों की रहस्यमयी मौजूदगी का कारण?
वन विभाग की टीम इस गुत्थी को सुलझाने में जुटी है कि आखिर एक ही स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में सांप क्यों निकल रहे हैं। क्या यह कोई भूगर्भीय कारण है, या आसपास ऐसा कोई वातावरण या संरचना है जो सरीसृपों को आकर्षित कर रही है? एक्सपर्ट की टीम भी जल्द ही गांव का सर्वेक्षण कर सकती है। समौली गांव में घट रही यह घटना केवल एक विचित्र संयोग नहीं लगती, बल्कि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक या पर्यावरणीय कारण जरूर छिपा हो सकता है। जब तक इसकी तह तक नहीं पहुंचा जाता, ग्रामीणों की चिंता और असुरक्षा बनी रहेगी। अब जिम्मेदारी प्रशासन और वन विभाग की है कि इस नाग लोक की कहानी को हकीकत में बदलने से पहले इसका वैज्ञानिक समाधान खोजा जाए। UP News