उत्तर प्रदेश में स्कॉलरशिप को लेकर राहत, सभी के लिए एक जैसा होगा नियम
सरकार का साफ संदेश है कि उत्तर प्रदेश में किसी भी योग्य छात्र का भविष्य सिस्टम की देरी या तकनीकी अड़चन की भेंट नहीं चढ़ेगा, और जिनका हक प्रक्रिया में अटक गया था, उन्हें अब नियमों के तहत फिर से छात्रवृत्ति का लाभ दिलाने की तैयारी है।

UP News : उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति को लेकर लंबे समय से इंतज़ार कर रहे हजारों विद्यार्थियों के लिए अब राहत की खबर है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शैक्षिक सत्र 2025–26 की दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में उन सभी पात्र छात्रों को दोबारा अवसर देने का निर्णय लिया है, जो तकनीकी खामियों, डेटा लॉक न हो पाने या पोर्टल संबंधी कारणों से आवेदन प्रक्रिया से बाहर रह गए थे। खास बात यह है कि यह संशोधित व्यवस्था सामान्य, OBC, अल्पसंख्यक और SC/ST—सभी वर्गों पर बराबरी के साथ लागू होगी। सरकार का साफ संदेश है कि उत्तर प्रदेश में किसी भी योग्य छात्र का भविष्य सिस्टम की देरी या तकनीकी अड़चन की भेंट नहीं चढ़ेगा, और जिनका हक प्रक्रिया में अटक गया था, उन्हें अब नियमों के तहत फिर से छात्रवृत्ति का लाभ दिलाने की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश सरकार का फैसला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति प्रक्रिया में छूटे विद्यार्थियों के लिए एक बार फिर राहत का रास्ता खोला है। समाज कल्याण विभाग के माध्यम से उन छात्र-छात्राओं को विशेष राहत दी गई है, जो समय पर मास्टर डेटा लॉक नहीं करा पाए थे और इसी वजह से उनका आवेदन या सत्यापन चरण पीछे रह गया था। विभाग ने अब नई समय-सारिणी जारी कर प्रक्रिया को दोबारा पटरी पर लाने की पहल की है, ताकि तकनीकी देरी या प्रक्रियागत चूक के कारण किसी पात्र विद्यार्थी की छात्रवृत्ति अटक न जाए और उत्तर प्रदेश में “हकदार को हक” की नीति जमीन पर प्रभावी रूप से लागू हो सके।
सभी वर्गों के लिए एक जैसी व्यवस्था
सरकारी सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति प्रक्रिया को दोबारा गति देने के लिए जारी संशोधित टाइमलाइन सभी श्रेणियों सामान्य, OBC, अल्पसंख्यक, SC और ST के विद्यार्थियों पर एक समान लागू होगी। समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण का कहना है कि यह कदम प्रदेश की छात्रवृत्ति व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, बेहतर प्रबंधित और समयबद्ध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है, ताकि तकनीकी अड़चनों या प्रक्रियागत देरी के कारण किसी पात्र छात्र का अधिकार न रुके। सरकार का जोर इस बात पर है कि उत्तर प्रदेश में जरूरतमंद विद्यार्थियों तक आर्थिक सहायता समय पर पहुंचे, और छात्रवृत्ति प्रणाली भरोसे व जवाबदेही के नए मानक पर आगे बढ़े।
उत्तर प्रदेश ने तय की नई डेडलाइन
समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक आनंद कुमार सिंह के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति प्रक्रिया को समय पर और व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाने के लिए संशोधित टाइमलाइन स्पष्ट कर दी गई है। इसके तहत 23 दिसंबर 2025 से 2 जनवरी 2026 के बीच प्रदेश के शिक्षण संस्थान मास्टर डेटा तैयार करेंगे। वहीं 23 दिसंबर 2025 से 9 जनवरी 2026 तक विश्वविद्यालय और संबंधित एफिलिएटिंग एजेंसियां फीस संरचना व छात्र संख्या का सत्यापन करेंगी। इसके बाद जिला स्तर पर जिला समाज कल्याण अधिकारी 15 जनवरी 2026 तक मास्टर डेटा और फीस का अंतिम सत्यापन पूरा करेंगे। साफ संकेत है कि इस बार उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति की पूरी “बेस सेटिंग”यानी मास्टर डेटा को तय समय में लॉक कराकर आगे की प्रक्रिया को बिना रुकावट पटरी पर लाने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि पात्र विद्यार्थियों की मदद समय पर उनके खाते तक पहुंच सके।
सामान्य, OBC और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आवेदन का नया शेड्यूल
उत्तर प्रदेश में सामान्य, OBC और अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति प्रक्रिया की नई समय-सारिणी भी तय कर दी गई है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार छात्र 14 जनवरी 2026 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे, जबकि जरूरी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी 21 जनवरी 2026 तक संबंधित शिक्षण संस्थान में जमा करानी होगी। इसके बाद संस्थान स्तर पर सत्यापन 27 जनवरी 2026 तक पूरा किया जाएगा। वास्तविक छात्र सत्यापन की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय/एफिलिएटिंग एजेंसियों के पास होगी, जो 28 जनवरी से 7 फरवरी 2026 तक चलेगा। फिर NIC द्वारा डेटा की अंतिम स्क्रूटनी 9 फरवरी 2026 तक पूरी की जाएगी। सबसे अहम बात यह है कि छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि 18 मार्च 2026 तक PFMS के जरिए आधार से लिंक बैंक खाते में भेजने का लक्ष्य रखा गया है। भुगतान की यह स्पष्ट डेडलाइन देकर उत्तर प्रदेश सरकार ने संकेत दिया है कि इस बार सिस्टम को समयबद्ध बनाकर “पेमेंट पेंडिंग” जैसी शिकायतों पर लगाम कसने की तैयारी है ताकि पात्र छात्रों को मदद कागज़ों में नहीं, समय पर खाते में दिखाई दे।
SC/ST विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश में अतिरिक्त राहत
उत्तर प्रदेश सरकार ने SC/ST वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति प्रक्रिया में एक कदम और आगे बढ़ते हुए समय-सीमा को अतिरिक्त राहत के साथ बढ़ा दिया है। अब इन वर्गों के छात्र 31 मार्च 2026 तक आवेदन कर सकेंगे, जबकि छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि का अंतिम भुगतान 22 जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। सरकार का कहना है कि यह विस्तार सामाजिक न्याय और समावेशी शिक्षा की प्रतिबद्धता का हिस्सा है ताकि दस्तावेज, सत्यापन या तकनीकी कारणों से किसी योग्य विद्यार्थी का हक अटक न जाए और उत्तर प्रदेश में कोई भी पात्र SC/ST छात्र सिर्फ प्रक्रिया की देरी के कारण पीछे न छूटे।
समय-सारिणी का पालन जरूरी
स्पष्ट अपील की है कि नई समय-सारिणी का सख्ती से पालन किया जाए। उनका कहना है कि छात्रवृत्ति व्यवस्था एक “चेन सिस्टम” की तरह है यदि किसी एक चरण पर डेटा लॉक, दस्तावेज जमा या सत्यापन में देरी हुई, तो उसका असर आगे के सत्यापन से लेकर भुगतान तक पड़ता है, और अंत में नुकसान सीधे छात्र को उठाना पड़ता है। कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का यह निर्णय उन विद्यार्थियों के लिए एक तरह से “सेकंड चांस” है, जिनकी छात्रवृत्ति महज तकनीकी कारणों से अटक गई थी। अब जिम्मेदारी विद्यार्थियों और संस्थानों की है तारीखें नोट करें, दस्तावेज़ पूरे रखें, समय पर सत्यापन कराएं, ताकि छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि बिना किसी अड़चन के सीधे बैंक खाते तक पहुंच सके। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति को लेकर लंबे समय से इंतज़ार कर रहे हजारों विद्यार्थियों के लिए अब राहत की खबर है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शैक्षिक सत्र 2025–26 की दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में उन सभी पात्र छात्रों को दोबारा अवसर देने का निर्णय लिया है, जो तकनीकी खामियों, डेटा लॉक न हो पाने या पोर्टल संबंधी कारणों से आवेदन प्रक्रिया से बाहर रह गए थे। खास बात यह है कि यह संशोधित व्यवस्था सामान्य, OBC, अल्पसंख्यक और SC/ST—सभी वर्गों पर बराबरी के साथ लागू होगी। सरकार का साफ संदेश है कि उत्तर प्रदेश में किसी भी योग्य छात्र का भविष्य सिस्टम की देरी या तकनीकी अड़चन की भेंट नहीं चढ़ेगा, और जिनका हक प्रक्रिया में अटक गया था, उन्हें अब नियमों के तहत फिर से छात्रवृत्ति का लाभ दिलाने की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश सरकार का फैसला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति प्रक्रिया में छूटे विद्यार्थियों के लिए एक बार फिर राहत का रास्ता खोला है। समाज कल्याण विभाग के माध्यम से उन छात्र-छात्राओं को विशेष राहत दी गई है, जो समय पर मास्टर डेटा लॉक नहीं करा पाए थे और इसी वजह से उनका आवेदन या सत्यापन चरण पीछे रह गया था। विभाग ने अब नई समय-सारिणी जारी कर प्रक्रिया को दोबारा पटरी पर लाने की पहल की है, ताकि तकनीकी देरी या प्रक्रियागत चूक के कारण किसी पात्र विद्यार्थी की छात्रवृत्ति अटक न जाए और उत्तर प्रदेश में “हकदार को हक” की नीति जमीन पर प्रभावी रूप से लागू हो सके।
सभी वर्गों के लिए एक जैसी व्यवस्था
सरकारी सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति प्रक्रिया को दोबारा गति देने के लिए जारी संशोधित टाइमलाइन सभी श्रेणियों सामान्य, OBC, अल्पसंख्यक, SC और ST के विद्यार्थियों पर एक समान लागू होगी। समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण का कहना है कि यह कदम प्रदेश की छात्रवृत्ति व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, बेहतर प्रबंधित और समयबद्ध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है, ताकि तकनीकी अड़चनों या प्रक्रियागत देरी के कारण किसी पात्र छात्र का अधिकार न रुके। सरकार का जोर इस बात पर है कि उत्तर प्रदेश में जरूरतमंद विद्यार्थियों तक आर्थिक सहायता समय पर पहुंचे, और छात्रवृत्ति प्रणाली भरोसे व जवाबदेही के नए मानक पर आगे बढ़े।
उत्तर प्रदेश ने तय की नई डेडलाइन
समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक आनंद कुमार सिंह के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति प्रक्रिया को समय पर और व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाने के लिए संशोधित टाइमलाइन स्पष्ट कर दी गई है। इसके तहत 23 दिसंबर 2025 से 2 जनवरी 2026 के बीच प्रदेश के शिक्षण संस्थान मास्टर डेटा तैयार करेंगे। वहीं 23 दिसंबर 2025 से 9 जनवरी 2026 तक विश्वविद्यालय और संबंधित एफिलिएटिंग एजेंसियां फीस संरचना व छात्र संख्या का सत्यापन करेंगी। इसके बाद जिला स्तर पर जिला समाज कल्याण अधिकारी 15 जनवरी 2026 तक मास्टर डेटा और फीस का अंतिम सत्यापन पूरा करेंगे। साफ संकेत है कि इस बार उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति की पूरी “बेस सेटिंग”यानी मास्टर डेटा को तय समय में लॉक कराकर आगे की प्रक्रिया को बिना रुकावट पटरी पर लाने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि पात्र विद्यार्थियों की मदद समय पर उनके खाते तक पहुंच सके।
सामान्य, OBC और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आवेदन का नया शेड्यूल
उत्तर प्रदेश में सामान्य, OBC और अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति प्रक्रिया की नई समय-सारिणी भी तय कर दी गई है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार छात्र 14 जनवरी 2026 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे, जबकि जरूरी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी 21 जनवरी 2026 तक संबंधित शिक्षण संस्थान में जमा करानी होगी। इसके बाद संस्थान स्तर पर सत्यापन 27 जनवरी 2026 तक पूरा किया जाएगा। वास्तविक छात्र सत्यापन की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय/एफिलिएटिंग एजेंसियों के पास होगी, जो 28 जनवरी से 7 फरवरी 2026 तक चलेगा। फिर NIC द्वारा डेटा की अंतिम स्क्रूटनी 9 फरवरी 2026 तक पूरी की जाएगी। सबसे अहम बात यह है कि छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि 18 मार्च 2026 तक PFMS के जरिए आधार से लिंक बैंक खाते में भेजने का लक्ष्य रखा गया है। भुगतान की यह स्पष्ट डेडलाइन देकर उत्तर प्रदेश सरकार ने संकेत दिया है कि इस बार सिस्टम को समयबद्ध बनाकर “पेमेंट पेंडिंग” जैसी शिकायतों पर लगाम कसने की तैयारी है ताकि पात्र छात्रों को मदद कागज़ों में नहीं, समय पर खाते में दिखाई दे।
SC/ST विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश में अतिरिक्त राहत
उत्तर प्रदेश सरकार ने SC/ST वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति प्रक्रिया में एक कदम और आगे बढ़ते हुए समय-सीमा को अतिरिक्त राहत के साथ बढ़ा दिया है। अब इन वर्गों के छात्र 31 मार्च 2026 तक आवेदन कर सकेंगे, जबकि छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि का अंतिम भुगतान 22 जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। सरकार का कहना है कि यह विस्तार सामाजिक न्याय और समावेशी शिक्षा की प्रतिबद्धता का हिस्सा है ताकि दस्तावेज, सत्यापन या तकनीकी कारणों से किसी योग्य विद्यार्थी का हक अटक न जाए और उत्तर प्रदेश में कोई भी पात्र SC/ST छात्र सिर्फ प्रक्रिया की देरी के कारण पीछे न छूटे।
समय-सारिणी का पालन जरूरी
स्पष्ट अपील की है कि नई समय-सारिणी का सख्ती से पालन किया जाए। उनका कहना है कि छात्रवृत्ति व्यवस्था एक “चेन सिस्टम” की तरह है यदि किसी एक चरण पर डेटा लॉक, दस्तावेज जमा या सत्यापन में देरी हुई, तो उसका असर आगे के सत्यापन से लेकर भुगतान तक पड़ता है, और अंत में नुकसान सीधे छात्र को उठाना पड़ता है। कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का यह निर्णय उन विद्यार्थियों के लिए एक तरह से “सेकंड चांस” है, जिनकी छात्रवृत्ति महज तकनीकी कारणों से अटक गई थी। अब जिम्मेदारी विद्यार्थियों और संस्थानों की है तारीखें नोट करें, दस्तावेज़ पूरे रखें, समय पर सत्यापन कराएं, ताकि छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि बिना किसी अड़चन के सीधे बैंक खाते तक पहुंच सके। UP News












