UP News : उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा को रफ्तार देने के लिए केंद्र सरकार एक और महत्त्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजना की ओर कदम बढ़ा चुकी है। नोएडा से अलीगढ़ को जोड़ने वाले नए एक्सप्रेसवे के लिए 13,300 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिससे ग्रेटर नोएडा के 36 और अलीगढ़ के 5 गांवों के किसानों की आर्थिक तस्वीर बदलने की उम्मीद है।
बिना बिचौलियों के सीधा अधिग्रहण, किसानों को मिलेगा पारदर्शी भुगतान
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) द्वारा प्रस्तावित इस परियोजना के तहत, किसानों से सीधे संवाद के जरिए भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी और किसानों को भुगतान प्रत्यक्ष बैंक खातों में किया जाएगा। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा बल्कि किसानों का भरोसा भी कायम होगा।
रोजगार और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
यह नया एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे के समानांतर औद्योगिक और लॉजिस्टिक कॉरिडोर को गति देगा। सरकार की योजना इस क्षेत्र को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार और कारोबार को विस्तार मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे नोएडा-अलीगढ़ यात्रा में समय की बचत के साथ-साथ क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में भी जान आएगी।
बजट में विशेष प्रावधान, तेजी से शुरू होगा काम
28 मार्च को यीडा की बैठक में इस परियोजना पर गंभीर चर्चा हुई थी। कुल प्रस्तावित बजट करीब 5900 करोड़ रुपये का है, जिसमें से 5000 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे, जबकि 900 करोड़ रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर और विकास कार्यों पर। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में यह परियोजना इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर ग्रोथ दृष्टिकोण का हिस्सा है।
ग्रामीण विकास के साथ शहरी समावेशन
यह परियोजना केवल सड़क निर्माण तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसके जरिए सरकार ग्रामीण और शहरी विकास के बीच की खाई पाटने की कोशिश कर रही है। एक्सप्रेसवे से जुड़ने वाले गांवों में आने वाले वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सेवाओं में भी सुधार की संभावना जताई जा रही है। UP News