स्लीपर वंदे भारत पहली बार लखनऊ-मुंबई रूट पर संभव, यात्रियों को मिलेगा हाईटेक सफर

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 JUN 2025 01:42 PM
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UP News : भारतीय रेल की महत्वाकांक्षी योजना के तहत देश की पहली स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस के परिचालन की दिशा में ठोस प्रगति हुई है। यदि सब कुछ तय योजना के अनुसार रहा, तो लखनऊ से मुंबई के बीच यह आधुनिक और हाई-स्पीड ट्रेन जल्द ही फर्राटा भरती नजर आएगी।

लखनऊ-मुंबई को देश की पहली स्लीपर वंदे भारत से जोड़ने का निर्णय

रेलवे के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, इस रूट पर यात्रीभार और वाणिज्यिक संभावनाओं को देखते हुए लखनऊ-मुंबई को देश की पहली स्लीपर वंदे भारत से जोड़ने का निर्णय प्राथमिकता में है। उल्लेखनीय है कि देश की पहली चेयरकार वंदे भारत ट्रेन का संचालन वर्ष 2019 में वाराणसी से नई दिल्ली के बीच शुरू हुआ था, और अब इसका स्लीपर संस्करण लंबी दूरी की यात्राओं के लिए तैयार किया गया है।

कोचिंग यार्ड में पहुंचा ट्रेन रेक, संचालन को हरी झंडी का इंतजार

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के कोचिंग यार्ड में इस ट्रेन का रेक पहुंच चुका है, जिसमें कुल 20 अत्याधुनिक कोच शामिल हैं। इन कोचों में एसी फर्स्ट, सेकेंड, थर्ड क्लास के साथ-साथ दो एसएलआर (सीटिंग कम लगेज कोच) होंगे। एक बार में लगभग 1200 यात्री इस ट्रेन से यात्रा कर सकेंगे।

छह माह का विस्तृत सर्वे और मार्ग निर्धारण

इस रूट पर स्लीपर वंदे भारत चलाने से पहले रेलवे ने लगभग 6 महीने तक विस्तृत सर्वे किया। आरंभ में कानपुर, मथुरा और आगरा के रास्ते प्रस्तावित रूट पर विचार हुआ, पर अंतत: बरेली जंक्शन होकर गुजरने वाले मार्ग को अंतिम रूप दिया गया। नए प्रस्तावित मार्ग के अनुसार, ट्रेन लखनऊ से हरदोई, शाहजहांपुर, बरेली जंक्शन, रामपुर, मुरादाबाद, गाजिÞयाबाद, हजरत निजामुद्दीन और आगरा होते हुए मुंबई तक जाएगी। UP News

चार दिन परिचालन और एक नई शुरुआत की प्रतीक्षा

रेलवे की योजना इसे प्रारंभिक तौर पर सप्ताह में चार दिन चलाने की है, ठीक उसी तरह जैसे तेजस एक्सप्रेस का संचालन होता है। संचालन की अंतिम स्वीकृति के बाद रेलवे रूट, समयसारिणी और किराया संरचना की आधिकारिक घोषणा करेगा। भारत में हाई-स्पीड रेल सेवाओं के युग में स्लीपर वंदे भारत एक नई क्रांति के रूप में देखी जा रही है। यह सिर्फ एक ट्रेन नहीं, बल्कि रात्रि रेल यात्रा की परिभाषा बदलने वाली पहल है। जिसमें तेज गति, तकनीकी उन्नयन और यात्रियों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कब इस ऐतिहासिक पहल को अंतिम हरी झंडी मिलती है, ताकि आम यात्री इसका प्रत्यक्ष अनुभव ले सकें। UP News

यूपी में योगी सरकार की नई योजना : श्रमिकों को मिलेगा सम्मानजनक आवास

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प्रशांत कुमार को नहीं मिला सेवा विस्तार, नए DGP बने राजीव कृष्ण

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 MAY 2025 08:24 PM
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लखनऊ | उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 1991 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को राज्य का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है। मौजूदा डीजी विजिलेंस के रूप में कार्यरत राजीव कृष्ण को प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार न मिलने की स्थिति में कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। यह लगातार पांचवीं बार है जब किसी अधिकारी को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है। राजीव कृष्ण की गिनती उत्तर प्रदेश पुलिस के तेज-तर्रार अधिकारियों में होती है और वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं। यूपी की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक पुलिस भर्ती परीक्षा को सफलतापूर्वक कराने की जिम्मेदारी भी उन्हीं को दी गई थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।

1991 बैच के अधिकारी है राजीव कृष्ण:

राजीव कृष्ण 1991 बैच के एक प्रतिष्ठित आईएएस अधिकारी हैं। उनका जन्म 26 जून, 1969 को हुआ था। उन्होंने बीई (इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन) की शिक्षा प्राप्त की है। राजीव कृष्ण की पत्नी मीनाक्षी सिंह एक आईआरएस अधिकारी हैं, जो वर्तमान में लखनऊ में आयकर आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। वर्तमान में राजीव कृष्ण डीजी विजिलेंस एवं पुलिस भर्ती बोर्ड के चेयरमैन के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं।

अब तक की तैनाती:

राजीव कृष्ण ने यूपी के कई जिलों में बतौर एसएसपी और डीआईजी काम किया है। इलाहाबाद, बरेली, कानपुर, अलीगढ़, फिरोजाबाद, इटावा, मथुरा, बुलंदशहर, आगरा, लखनऊ जैसे प्रमुख जिलों में उन्होंने ज़िम्मेदारियां निभाई हैं। मेरठ रेंज के आईजी, लखनऊ और आगरा ज़ोन के एडीजी भी रह चुके हैं।

राजीव कृष्ण को मिले पुरस्कार और सम्मान:

राजीव कृष्ण को दो बार पुलिस वीरता पदक से सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त, उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें राष्ट्रपति पदक भी प्राप्त हुआ है। राज्य स्तर पर भी उन्हें उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से नवाज़ा गया है, जो उनकी प्रतिबद्धता और साहस का प्रमाण हैं।

पारिवारिक पृष्ठभूमि:

राजीव कृष्ण का परिवार दो पीढ़ियों से सिविल सेवा और राजनीति में सक्रिय रहा है। उनकी पत्नी मीनाक्षी सिंह आईआरएस अधिकारी हैं। उनके साले राजेश्वर सिंह पूर्व आईपीएस अधिकारी व वर्तमान में सरोजनीनगर सीट से विधायक हैं। उनके ससुर भी डीआईजी रहे हैं।

वर्तमान स्थिति:

हालांकि राज्य सरकार ने DGP चयन के लिए नई नियुक्ति नियमावली 2024 को मंज़ूरी दी है, लेकिन UPSC को प्रस्ताव न भेजे जाने के कारण फिलहाल स्थायी डीजीपी की नियुक्ति नहीं हो सकी है। ऐसे में मार्च तक स्थायी डीजीपी के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। यूपी के इस शहर में बनेगा नया बाईपास, कई शहरों को मिलेगा जाम से निजात
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यूपी में पर्यटन का नया केंद्र बना ये नगर, ताजमहल से ज्यादा पर्यटकों की पसंद बनी अयोध्या

Taj ayodhya
UP News :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 MAY 2025 06:34 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के पर्यटन मानचित्र में एक चुपचाप क्रांति हो रही है। वर्षों से विदेशी पर्यटकों के लिए आगरा और ताजमहल ही यूपी की पहचान बने हुए थे, लेकिन अब घरेलू पर्यटन के विस्तार ने तस्वीर बदल दी है। राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या पर्यटन का नया ध्रुव बनकर उभरा है। सांस्कृतिक आस्था और धार्मिक उत्सवों की यह समृद्ध भूमि अब प्रदेश में सबसे अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने वाला जिला बन चुकी है।

2024 में रिकॉर्डतोड़ 65 करोड़ पर्यटक

पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 में उत्तर प्रदेश में कुल 65 करोड़ पर्यटक आए, जिनमें से 23 लाख विदेशी पर्यटक थे। दिलचस्प बात यह है कि विदेशी पर्यटकों की सर्वाधिक आमद ताजमहल देखने के लिए हुई। आगरा में 14.65 लाख विदेशी और वाराणसी में 3.09 लाख विदेशी पर्यटक आए। फिर भी, देसी पर्यटकों की भारी आमद ने अयोध्या को सबसे आगे ला खड़ा किया।

अयोध्या ने मारी बाजी : छह महीने में 11 करोड़ पर्यटक

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने पिछले वर्ष सितंबर में बताया था कि सिर्फ छह महीने में 33 करोड़ पर्यटक प्रदेश में आए, जिनमें से 11 करोड़ अकेले अयोध्या पहुंचे। वहीं वाराणसी में 4.61 करोड़ और मथुरा में 3.07 करोड़ पर्यटक आए। ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाओं को अयोध्या में सार्थक रूप में विकसित किया गया है।

ताजमहल की चमक बरकरार, लेकिन प्राथमिकता बदल रही है

भले ही ताजमहल आज भी विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद है, लेकिन यूपी का समग्र पर्यटन परिदृश्य अब बदल चुका है। धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और आधारभूत संरचना के विकास ने अयोध्या, काशी और मथुरा को घरेलू पर्यटकों की पहली पसंद बना दिया है। UP News

नीतिगत दिशा : पर्यटन बन रहा है विकास का इंजन

राज्य सरकार की पर्यटन नीति अब मूल्य आधारित और व्यापक दृष्टिकोण पर आधारित है। अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट, राम पथ, धर्मशालाएं, होटलों की चेन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से पर्यटन को स्थायी आर्थिक इंजन बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। UP News

आगरा को नई चुनौती : ब्रांडिंग की जरूरत

इस परिप्रेक्ष्य में आगरा के लिए यह समय आत्मचिंतन का भी है। ताजमहल की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग के बावजूद आगरा को अब घरेलू पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षक स्थल बनाने की आवश्यकता है। पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आगरा में धार्मिक, सांस्कृतिक और अनुभवात्मक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए, तो वह अपनी खोई रफ्तार पुन: पा सकता है। ताजमहल अब भी ग्लोबल आइकॉन है, लेकिन यूपी में पर्यटन की प्राथमिकताएं बदल रही हैं। अयोध्या धार्मिक पर्यटन का नया केंद्र बनकर उभरी है और यह बदलाव सिर्फ संख्या का नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्संरचना का संकेत भी है। UP News

यूपी में योगी सरकार की नई योजना : श्रमिकों को मिलेगा सम्मानजनक आवास

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