Friday, 20 June 2025

प्रयागराज भारत की एक दिन के लिए बनाई गई थी राजधानी

UP News : भारत जैसे विशाल और विविधता से भरे देश में राजधानी बदलने की घटनाएं बहुत कम हुई हैं।…

प्रयागराज भारत की एक दिन के लिए बनाई गई थी राजधानी

UP News : भारत जैसे विशाल और विविधता से भरे देश में राजधानी बदलने की घटनाएं बहुत कम हुई हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का एक जिला ऐसा भी है जो केवल 24 घंटे के लिए भारत की राजधानी बना था? यह कोई और नहीं, बल्कि प्रयागराज है जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था। साल 1858 में प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) को 24 घंटे के लिए भारत की राजधानी घोषित किया गया था। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1857 की क्रांति के बाद देश का शासन ब्रिटिश राजशाही (क्राउन) को सौंप दिया था। इसी के अधिकारिक ऐलान के लिए प्रयागराज को एक दिन की राजधानी बनाया गया।

1858 : जब इलाहाबाद बना ‘भारत की राजधानी’

साल 1857 में भारत में हुआ पहला स्वतंत्रता संग्राम ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक बड़ी बगावत थी। इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी से शासन का अधिकार अपने हाथ में ले लिया। 1 नवम्बर 1858 को ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया ने एक ऐलान जारी किया, जिसमें भारत में ब्रिटिश राजशाही की शुरुआत की घोषणा की गई। यह ऐतिहासिक घोषणा इलाहाबाद के एक बड़े समारोह में की गई, जहाँ लॉर्ड कैनिंग ने महारानी का घोषणापत्र पढ़ा। इसी कारण से प्रयागराज (तब इलाहाबाद) को 24 घंटे के लिए ब्रिटिश भारत की राजधानी घोषित किया गया। यह एक प्रतीकात्मक कदम था, लेकिन इसे ब्रिटिश शासन की आधिकारिक शुरुआत का स्थान माना गया।

इस दौरान क्या-क्या हुआ?

इसी समय ब्रिटिश सरकार ने इलाहाबाद को प्रशासनिक, न्यायिक और शैक्षिक गतिविधियों का केंद्र बनाना शुरू किया। प्रयागराज सदियों से भारतीय संस्कृति, शिक्षा और राजनीति का केंद्र रहा है। यह स्थान त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम) के कारण धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मगर 19वीं सदी में इस शहर ने एक ऐसा राजनीतिक गौरव भी प्राप्त किया, जिसे कम ही लोग जानते हैं देश की राजधानी बनने का। राजधानी बनते ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय (1887) की स्थापना की गई, जो भारत के पहले आधुनिक विश्वविद्यालयों में से एक बना। इलाहाबाद हाई कोर्ट (1866) की स्थापना हुई, जो भारत के प्रमुख उच्च न्यायालयों में से एक है। अकबर का किला, जो मुगल काल का स्थापत्य चमत्कार है, ब्रिटिश सेना की छावनी बन गया। सेना को अकबर के किले में तैनात किया गया जो यमुना नदी के किनारे स्थित है। इसके बाद पहले कोलकाता को राजधानी बनाया गया उसके बाद 12 दिसंबर 1912 को नई दिल्ली को भारत की स्थायी राजधानी घोषित किया गया।

राजधानी का सफर : कोलकाता से दिल्ली तक

इलाहाबाद के बाद, कोलकाता कई वर्षों तक भारत की राजधानी बना रहा। लेकिन जैसे-जैसे राजधानी को उत्तर भारत की ओर स्थानांतरित करने की जरूरत महसूस हुई, 1911 में दिल्ली दरबार के दौरान ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम ने नई राजधानी के रूप में नई दिल्ली की घोषणा की। इसके बाद 12 दिसंबर 1912 को नई दिल्ली आधिकारिक तौर पर भारत की राजधानी बन गई। UP News

क्या आप जानते हैं?

इलाहाबाद विश्वविद्यालय को कभी “पूर्व का आॅक्सफोर्ड” कहा जाता था। भारत के कई बड़े नेता जैसे पं. नेहरू, इन्दिरा गांधी, वी.पी. सिंह प्रयागराज से जुड़े रहे हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट भारत का पहला उच्च न्यायालय था जहाँ हिंदी भाषा को न्यायिक प्रक्रिया में उपयोग करने की अनुमति दी गई। इन सब तमाम कारणों से इलाहाबाद को ऐतिहासिक शहर के रूप में जाना जाता है। UP News

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