UP News : उत्तर प्रदेश में जल्दी ही बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम होने वाला है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव वर्ष-2027 में होना है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव से पहले प्रदेश में राजनीतिक सेमीफाइनल खेला जाएगा। उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रदेश में होने वाले चुनावी सेमीफाइनल की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उत्तर प्रदेश की चुनाव आयोग ने भी प्रदेश के इस सेमीफाइनल को पूरा कराने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव होंगे विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में वर्ष-2026 के शुरू में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने की तैयारियां चल रही हैं। उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव को प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2027 का सेमीफाइनल माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश में सक्रिय ज्यादातर राजनीतिक पार्टियों ने पंचायत चुनाव अकेले ही लडऩे का फैसला किया है। राजनीतिक दलों के द्वारा पंचायत चुनाव अकेले लड़ने का मतलब यह है कि उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन NDA तथा इंडिया अलायंस कहीं नजर नहीं आएगा। NDA तथा इंडिया गठबंधन में शामिल सभी राजनीतिक दलों के द्वारा अकेले-अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा से उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का नजारा बेहद दिलचस्प होने वाला है। इस दौरान उत्तर प्रदेश में सक्रिय कांग्रेस, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और निषाद पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वे बिना किसी गठबंधन के अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। समाजवादी पार्टी बूथ स्तर पर PDA पंचायत कर रही है तो बसपा फिर से संगठन को सक्रिय करने के लिए प्लान बना रही है।
कांग्रेस ने कर दी बड़ी घोषणा
कई दशकों से प्रदेश की सत्ता से बेदखल कांग्रेस बीते लोकसभा चुनाव के बाद अब आगामी पंचायत चुनाव में अपनी जमीन मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ने की बात कर रही है। खुद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने साफ कहा कि उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में कांग्रेस अकेले मैदान में उतरेगी। उन्होंने बताया कि पार्टी ग्रामीण इलाकों में पंचायत स्तर पर संगठन को मजबूत करने में जुटी है और अपने कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनाव में अवसर देगी। कांग्रेस का फोकस विभिन्न जनपदों की पंचायत सीटों पर संगठन बढ़ाना और स्थानीय नेतृत्व को बढ़ावा देना है। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उनकी पार्टी पंचायत चुनाव में अकेले लड़ेगी। साथ ही उनके बेटे डॉ. अरविंद राजभर ने वाराणसी दौरे पर कहा कि हम अपने कार्यकर्ताओं को मौका देंगे और किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। सुभासपा अपने जनाधार को मजबूत करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ा रही है।
निषाद पार्टी का भी अकेले ही चुनाव लड़ने का ऐलान
निषाद समाज का प्रतिनिधित्त्व करने वाली निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मत्स्य पालन मंत्री डॉ. संजय निषाद ने भी पंचायत चुनाव में अकेले उतरने का स्पष्ट संकेत दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पार्टी अपने संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी। निषाद पार्टी का दावा है कि उनकी जड़ें गांव-गांव तक फैली हैं और यह चुनाव उनकी राजनीतिक पहचान को और मजबूत करेगा।
यहां बता दें कि, उत्तर प्रदेश में 57,691 ग्राम पंचायतें, 826 ब्लॉक और 75 जिला पंचायतें हैं। इनमें 2026 में जनवरी-फरवरी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने की संभावना है। UP News
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