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उत्तर प्रदेश की अजब-गजब घटना, बिना दुल्हे के दुल्हन बन गई, वीडियो हुआ वायरल

UP News

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UP News : उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। उत्तर प्रदेश में आए दिन अनोखी घटनाएं होती रहती हैं। हाल में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक अजब-गजब घटना घटित हुई है। यहां एक नहीं बल्कि अनेक युवतियां बिना दुल्हे के ही दुल्हन बन गई हैं। उत्तर प्रदेश में बिना दुल्हे के दुल्हन बनने की घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

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देखें वायरल वीडियो

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुई अजब-गजब वारदात का यह वायरल वीडियो आप भी देख लीजिए फिर आपको पूरा घटनाक्रम बताते हैं।

क्या है यूपी का यह अजब-गजब घटनाक्रम

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के मनियर विकास खंड में 25 जनवरी 2024 को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया था। इस विवाह समारोह में 568 जोड़ों की शादी कराई गई थी, लेकिन अब इस समारोह में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। इस विवाह समारोह में बड़ी संख्या में दुल्हों के बिना ही दुल्हनों की शादी करा दी गई। इस सामूहिक विवाह समारोह का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में कुछ दुल्हनें खुद ही वरमाला पहनती दिखाई दे रही हैं। फिलहाल इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

खुद ही माला पहनती दिखी कई दुल्हन

मनियर स्थित इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में 568 जोड़ों की शादी का दावा किया गया था। इस समारोह में एक कतार में खड़ी अधिकतर दुल्‍हनें दुल्हों की अनुपस्थिति में खुद से वरमाला पहनती दिखाई दे रही हैं। बुर्के में आई कई मुस्लिम दुल्हनों ने भी अपने हाथ से ही वरमाला डाली। पूछने पर पता चला कि इनमें कई सारी लड़कियां इस समारोह में घूमने के लिए आई थीं। जिन्हें पैसे का लालच देकर सामूहिक विवाह योजना में फर्जी तरीके से बैठा दिया गया, ताकि कागजों में गिनती हो जाए और सरकारी पैसा डकार लिया जाए।

विवाह समारोह में थे नाबालिग दुल्‍हे

लोगों का कहना है कि विवाह में 90 फीसदी दुल्‍हा-दुल्‍हन फर्जी थे। कई ऐसी महिलाएं शामिल रही, जिनकी शादी पांच साल पहले हो चुकी है। विवाह समारोह में कुछ दूल्‍हे नाबालिग भी थे। जिला समाज कल्‍याण अधिकारी राजीव कुमार यादव का कहना है कि ब्‍लॉक स्‍तर से सत्‍यापन की रिपोर्ट के बाद यह आयोजन कराया गया था। गड़बड़ी हुई है तो जांच कर दोषी लोगों को दंडित किया जाएगा।

जांच के लिए किया टीम का गठन

वहीं इस मामले में सीडीओ ओजस्‍वी राज ने सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा की जांच के लिए जिला कृषि अधिकारी, जिला दिव्‍यांगजन अधिकारी और जिला पिछड़ा वर्ग अधिकारी की तीन सदस्‍यीय समिति गठित की है। साथ ही योजना के तहत दिए जाने वाले सरकारी अनुदान जांच पूरा होने तक रोक दिया है। सीडीओ का कहना है कि लाभार्थियों की सूची का सत्‍यापन करने वाले कर्मचारियों के साथ ही योजना के तहत आवेदन करने वालों पर भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। दोषी लोगों पर मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही रिकवरी भी की जाएगी।

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