UP News : उत्तर प्रदेश का आगरा शहर अपनी ऐतिहासिक धरोहर और ताजमहल के लिए दुनियाभर में काफी फेमस है। आगरा के ताजमहल को देखने अलग-अलग शहरों से लोग आते हैं और ताजमहल का दीदार करते हैं, लेकिन दुनियाभर में फेमस ताज नगरी इन दिनों एक गंभीर समस्या का सामना कर रहा है। शहर के मोती कटरा और सैय्यद गली इलाकों में अचानक 1700 मकानों में डरावनी दरारें आ गई हैं, जो स्थानीय निवासियों के लिए बड़ी चिंता का कारण बन गई हैं। जुलाई 2023 से ही ये दरारें उभरनी शुरू हुई थीं लेकिन अब ये इतनी गंभीर हो गई हैं कि लोगों की जान को खतरा महसूस हो रहा है। हर रात मकान गिरने का डर बना रहता है, जिससे लोगों की मानसिक स्थिति बिगड़ चुकी है।
मेट्रो रेल परियोजना के कारण आई दरारें
स्थानीय लोगों के अनुसार, इन इलाकों में दरारें मुख्य रूप से मेट्रो रेल परियोजना के चलते आई हैं। आगरा शहर में मेट्रो रेल के लिए अंडरग्राउंड ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है जो खासतौर पर मोती कटरा और सैय्यद गली इलाकों के नीचे से गुजर रहा है। इसके लिए 100 से 150 फीट गहरी खुदाई की जा रही है और खुदाई के दौरान ब्लास्टिंग और ड्रिलिंग जैसी गतिविधियां की जा रही हैं, जिससे आसपास के घरों की नींव हिल गई है। कई घरों में दरवाजे भी ठीक से नहीं लग पा रहे हैं और दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें दिखाई देने लगी हैं।
घर गिरने की कगार पर
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि उनके घर के नीचे से मेट्रो की सुरंग निकाली गई है और जब मेट्रो कार्यकर्ताओं ने ब्लास्टिंग या ड्रिलिंग की थी, तब उनके घर की नींव में हिलाव आ गया और पूरे घर में दरारें फैल गईं। उनका कहना है कि अब उनका घर पूरी तरह से गिरने की कगार पर है और वे सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए मजबूर हो गए हैं। लेकिन अब यह सवाल उठता है कि उन्हें कहां जाना चाहिए क्योंकि उनके घर की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मेट्रो परियोजना के अधिकारी उनकी परेशानियों की कोई चिंता नहीं कर रहे हैं। मेट्रो के काम ने इलाके के वातावरण को तनावपूर्ण बना दिया है। लोग रात में यह महसूस करते हैं कि कहीं उनका घर गिर न जाए, जब मेट्रो की ड्रिलिंग मशीन चलती है। इसके बावजूद मेट्रो परियोजना का काम रुका नहीं है, और इसका असर और बढ़ता जा रहा है।
घरों की नींव पर पड़ रहा है बुरा असर
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल परियोजना के PRO, पंचानन मिश्रा ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि मेट्रो के काम को पूरी तरह से निर्धारित मानकों के अनुसार किया जा रहा है और इससे किसी भी घर को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन घरों में दरारें आई हैं, वे बहुत पुराने थे और पहले से ही उनमें कुछ मरम्मत की जरूरत थी जिसे किया गया है। लेकिन स्थानीय लोग इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि मेट्रो के लिए की जा रही खुदाई और ब्लास्टिंग की गतिविधियों के कारण उनके घरों की नींव पर बुरा असर पड़ा है, और अब उनके मकान गिरने की स्थिति में हैं। 146 मकानों को स्थिर रखने के लिए जैक लगाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद हजारों लोगों की जान सांसत में है। UP News