UP News : सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बिल्डरों और बैंकों के बीच कथित सांठगांठ की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को प्रारंभिक जांच का आदेश दिया है। यह निर्णय उन हजारों घर खरीदारों की शिकायतों के बाद आया है, जो वर्षों से अपने फ्लैटों का कब्जा नहीं पा सके हैं, जबकि बैंकों द्वारा उन्हें ईएमआई चुकाने के लिए बाध्य किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और चिंता
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने पाया कि कई मामलों में बैंकों ने बिना किसी निर्माण की प्रगति के, बिल्डरों को 60% से 80% तक ऋण राशि अग्रिम रूप से जारी कर दी। जब बिल्डर ईएमआई का भुगतान करने में विफल रहे, तो बैंकों ने यह बोझ सीधे घर खरीदारों पर डाल दिया। अदालत ने इसे निर्दोष खरीदारों को फिरौती के रूप में लेने जैसा बताया और इस गठजोड़ की गहराई से जांच की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रारंभिक जांच और विशेष जांच दल (एसआईटी)
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को दो सप्ताह के भीतर जांच की रूपरेखा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके तहत, ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जांच शुरू करने का प्रस्ताव है, जहां इस तरह की समस्याएं अधिक देखी गई हैं। अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा के पुलिस महानिदेशक, सीबीआई को आवश्यक पुलिस अधिकारियों की सूची प्रदान करें, ताकि विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जा सके।
न्याय मित्र की नियुक्ति और रिपोर्ट
अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव जैन को न्याय मित्र नियुक्त किया है, जो इस मामले में अदालत की सहायता करेंगे। उनकी रिपोर्ट में सुपरटेक लिमिटेड की 21 से अधिक परियोजनाओं और 19 हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की भागीदारी का उल्लेख है। रिपोर्ट के अनुसार, अकेले सुपरटेक से संबंधित 799 घर खरीदारों ने याचिकाएं दायर की हैं। UP News
बैंकों और प्राधिकरणों की भूमिका
सुनवाई के दौरान, अदालत ने नोएडा प्राधिकरण को भी फटकार लगाई, यह कहते हुए कि प्राधिकरण को केवल अपने बकाया राशि की चिंता है, जबकि हजारों घर खरीदार किराए के मकानों में रहने को मजबूर हैं। बैंकों की ओर से यह तर्क दिया गया कि वे केवल ऋणदाता हैं, लेकिन अदालत ने यह स्पष्ट किया कि बिना निर्माण की प्रगति के ऋण जारी करना, अधिकारियों की मिलीभगत का संकेत देता है। UP News
दोषियों को पाताल से भी ढूंढकर दंडित करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वह इस मामले में दोषियों को पाताल से भी ढूंढकर दंडित करेगा। अदालत ने यह भी कहा है कि यह जांच केवल सुपरटेक तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अन्य बिल्डरों और बैंकों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। सीबीआई को निर्देश दिया गया है कि वह जांच के लिए आवश्यक विशेषज्ञों और अधिकारियों की नियुक्ति करे और एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करे। UP News
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