UP News : उत्तर प्रदेश के लखनऊ से साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है। जहां एक PGI की लेडी डॉक्टर को 7 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखकर करोड़ों की ठगी की गई। बताया जा रहा है कि महिला डॉक्टर को पहले फोन कॉल के जारिए डिजिटल अरेस्ट किया फिर उसके साथ जालसाजों ने बड़ा खेल रचा। इस मामले में महिला डॉक्टर ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
7 दिन तक महिला डॉक्टर रही डिजिटल अरेस्ट
मिली जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के पीजीआई की महिला डॉक्टर को उसके मोबाइल नंबर पर एक फोन आया। जिसमें ठग ने खुद ट्राई (TRAI) का अधिकारी बताया और कहा कि आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर 22 शिकायतें दर्ज हुई है। इसलिए जल्द ही आपका नंबर बंद कर दिया जाएगा। इसी दौरान उसने कहा कि आपसे सीबीआई अफसर राहुल गुप्ता बात करेंगे और इसके लिए स्काइप ऐप डाउनलोड कर लें। जिसके बाद महिला इतनी डर गई की उसने तुरंत स्काइप ऐप डाउनलोड किया और वीडियो पर आ गई।
नकली CBI बनकर महिला को फंसाया
इसके बाद फिर राहुल गुप्ता ने CBI अफसर बनकर महिला से बात कि और कहा आपका नाम नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में आया है। साथ ही आपका बैंक अकाउंट को भी यूज किया गया है। जिसका पैसा वूमेन और चाइल्ड ट्रैफिकिंग के लिए इस्तेमाल हो रहा है। इस केस में कोर्ट के पास आपके खिलाफ सबूत भी हैं, जिसमें आपने अपने फोन पर उनसे बात भी की है। इसकी भी रिकॉर्डिंग कोर्ट के पास मौजूद है। इतना सुनते ही महिला डॉक्टर डर के मारे खौफ में आ गई।
फॉर्म भराकर ली प्रॉपर्टी की पूरी डिटेल UP News
ठगों से फिर लेडी डॉक्टर के इसी डर का फायदा उठाया और उससे एक फॉर्म भरने के लिए कहा। इसमें डॉक्टर से कहा गया कि यह फॉर्म कोर्ट ने भरने का ऑर्डर दिया है, जिसे मैंने आपको भेजा है। इसमें आपको अपनी निजी जानकारी देना पड़ेगी। आपको अरेस्ट करने का हमें ऑर्डर मिला है, लेकिन मेरी रिक्वेस्ट पर आपको सिर्फ डिजिटल अरेस्ट करके पूछताछ की जा रही है।
इसके अलावा नकली सीबीआई अफसर ने महिला को यह चेतावनी भी दी कि उसे ये सारी बातें अपने परिवार के किसी भी सदस्य से शेयर नहीं करनी है। अगर आपने ऐसा किया तो आपको जेल भेजा जा सकता है। आप इस फॉर्म को जल्दी भरकर इसमें अपनी प्रॉपर्टी का विवरण दीजिए, उसको कोर्ट में जमा करना है और पूरा पैसा सरकारी खाते में जमा करिए ताकि उसकी जांच हो सके।
5 अकाउंट से ट्रांसफर किए 2.81 करोड़ रुपये
जब महिला ठग के जाल में फंस गई तो उन्होंने महिला को अलग-अलग सात अकाउंट नंबर मुहैया कराए, जिसमें महिला डॉक्टर ने पांच अलग-अलग बैंक खातों से दो करोड़ 81 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। वहीं जब महिला डॉक्टर को 6 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा, तो तब जाकर महिला डॉक्टर को ठगी का अंदाजा हुआ, लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी। फिलहाल साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है और इस पूरे मामले की जांच कर रही है। UP News
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