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उत्तर प्रदेश में लगेगा पर्यटकों का मेला, देखेंगे धनुष बाण वाला ग्लास ब्रिज

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UP News : उत्तर प्रदेश में जल्दी ही पर्यदकों का बडा आगमन होगा। उत्तर प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश में जल्दी ही पर्यटकों का तांता लगने वाला है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में एक अनोखा ग्लास ब्रिज यानि कि शीशे का पुल बनाया गया है। यह ग्लास ब्रिज धनुष बाण के आकार का है लोकसभा का चुनाव समाप्त होते ही उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के पहले ग्लास ब्रिज का उद्घाटन करने वाली है।

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उत्तर प्रदेश में बना पहला ग्लास ब्रिज

आपको बता दें कि अमेरिका तथा चीन के शीशे के कुछ पुल (ग्लास ब्रिज) बने हुए है। ग्लास ब्रिज की कलाकारी को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते है। अमेरिका तथा चीन की तरह से ही उत्तर प्रदेश सरकार ने पहला ग्लास ब्रिज बनवाया है। उत्तर प्रदेश का यह पहला ग्लास ब्रिज उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी चित्रकूट में बना है

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश का पहला ग्लास स्काई वाक ब्रिज चित्रकूट में तुलसी (शबरी) जल प्रपात में बनकर तैयार हो गया है। कोदंड वन स्थित प्रपात पर 3.70 करोड़ रुपये से भगवान राम के धनुष और बाण के आकार का ब्रिज बनाया गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना विभाग के अनुसार

पर्यटकों के लिए यह ब्रिज लोकसभा चुनाव के बाद खोला जाएगा। आने वाले समय में यह सबसे खूबसूरत ईको टूरिज्म केंद्र बनेगा। यहां पर राक व हर्बल गार्डन के साथ रेस्टोरेंट भी बनाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आंएगे।

वन और पर्यटन विभाग की ओर से ग्लास स्काई वाक ब्रिज का निर्माण कराया गया है। इसे गाजीपुर की पवन सुत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाया है। मारकुंडी रेंज में जिस जल प्रपात पर ग्लास स्काई वाक ब्रिज बना है, उसे पहले शबरी जल प्रपात कहा जाता था। प्रभु श्रीराम की तपोभूमि के साथ राजापुर में गोस्वामी तुलसीदास का जन्म स्थान होने से पिछले साल प्रदेश सरकार ने इसका नाम बदलकर तुलसी जल प्रपात कर दिया था।

रेंजर नदीम मोहम्मद ने बताया कि धनुष और बाण के आकार में बने ब्रिज में खाई की ओर बाण की लंबाई 25 मीटर है, जबकि दोनों पिलर के बीच धनुष की चौड़ाई 35 मीटर है। पुल की भार क्षमता प्रति वर्ग मीटर में 500 किलोग्राम होगी। तुलसी जल प्रपात में पानी की तीन धाराएं चट्टानों से गिरती हैं। ये लगभग 40 फीट की ऊंचाई पर एक वाइड वाटर बेड यानी जल शैया में गिरकर जंगल में लुप्त हो जाती हैं। जैसे ही लोग स्काई वाक पुल पर चलेंगे तो चट्टानों पर पानी गिरने और नीचे जंगल का नजारा भी दिखेगा। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि इस ग्लास ब्रिज को देखने के लिए उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में पर्यटकों का मेला लग जाएगा।

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