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दुहाई स्थित डिपो में वर्षा जल संचयन के लिए बनाए दो तालाब, बड़ी पहल

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UP News : नमो भारत के दुहाई स्थित डिपो में वर्षा जल संचयन के लिए बनाए गए 20 वर्षा जल संचयन पिट्स के अतिरिक्त अब डिपो में दो बड़े तालाब भी बनाए गए हैं। इससे वर्षा जल संचयन पिट्स से बचने वाला अतिरिक्त जल इन तालाबों में जाकर एकत्रित होगा और उसके बाद भू-गर्भ में समा जाएगा। अब इन दोनों तालाबों के बनने के बाद इसमें 66 लाख लीटर से अधिक वर्षा जल संग्रहित किया जा सकेगा। जो भविष्य के लिए काफी कारगर साबित होगा।

डिपो के पौधों को भी सींचा जा सकेगा

दुहाई डिपो में बनाए गए इन तालाबों का आकार क्रमश: 1160 स्क्वायर मीटर और 663 स्क्वायर मीटर है। इन तालाबों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि डिपो में फैलने वाला वर्षा जल यहां बनाए गए ड्रेनेज सिस्टम के जरिए सीधा तालाबों तक पहुँच जाएगा। इन तालाबों की गहराई 4 से 5 मीटर है और इनके तलों में वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए गए हैं, ताकि इनमें एकत्रित होने वाला वर्षाजल भू-गर्भ तक पहुँच सके। एक तालाब में 4 और दूसरे में 3 वृत्ताकार वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए गए हैं, जिनकी गहराई 1.2 मीटर और व्यास 2.5 मीटर है। इन पिट्स में वर्षाजल को साफ करने के लिए तीन परत वाले फिल्टर्स बनाए गए हैं, ताकि जमीन के भीतर गंदगी मुक्त जल ही पहुँचे। इसके साथ ही इन तालाबों में एकत्रित होने वाले वर्षा जल से डिपो के पौधों को भी सींचा जा सकेगा।

वर्षा जल को भू-गर्भ तक पहुंचाया जा सकेगा

एनसीआरटी पूरे नमो भारत कॉरिडोर पर प्रभावी वर्षा जल संचयन तंत्र विकसित कर रही है। दुहाई स्थित डिपो भी इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। डिपो में इससे पहले 20 वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए गए हैं, जो डिपो के तैयार होने से पहले ही सक्रिय हो चुके हैं। अब डिपो में वर्षा जय संचयन के लिए दो बड़े तालाब बनने से वर्षा जल को और बेहतर ढंग से भू-गर्भ तक पहुंचाया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ के मोदीपुरम तक 82 किमी लंबे नमो भारत कॉरिडोर पर 950 से अधिक वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनका कार्य अंतिम चरण में है। इन पिट्स के जरिए लाखों क्यूबिक मीटर ग्राउंड वॉटर रिचार्ज होने की उम्मीद है। UP Hindi News

पिट्स वायाडक्ट स्पैन के नीचे सड़क डिवाइडर वाले भाग में बनाए जा रहे

कॉरिडोर पर दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ में 70 किमी का सेक्शन एलिवेटेड है और बाकी हिस्सा भूमिगत है। कॉरिडोर पर कुल 25 स्टेशन होंगे, जिसमें से एलिवेटेड सेक्शन में 21 और भूमिगत सेक्शन में 4 स्टेशन होंगे। वर्षा जल संचयन पिट्स सिर्फ एलिवेटेड वायडक्ट, एलिवेटेड स्टेशनों और डिपो में बनाए जा रहे हैं। कॉरिडोर के एलिवेटेड हिस्से में ये वर्षा जल संचयन पिट्स वायाडक्ट स्पैन के नीचे सड़क डिवाइडर वाले भाग में बनाए जा रहे हैं। वहीं स्टेशनों के प्रत्येक प्रवेश-निकास द्वारों पर 2-2 वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए जा रहे हैं। नमो भारत कॉरिडोर पर ट्रेनों के रखरखाव और संचालन के लिए दो डिपो होंगे। एक डिपो दुहाई गाजियाबाद में बनकर तैयार हो चुका है, जहां आवश्यकतानुसार वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए जा चुके हैं। जबकि दूसरा डिपो मोदीपुरम, मेरठ में तैयार किया जा रहा है। UP Hindi News

स्वच्छ और हरित पर्यावरण की दिशा में योगदान

नमो भारत कॉरिडोर पर वर्तमान में न्यू अशोक नगर दिल्ली से मेरठ साउथ तक 11 स्टेशनों के साथ 55 किमी के खंड में नमो भारत ट्रेनों का संचालन जारी है। वहीं मेरठ साउथ से मेरठ सेंट्रल स्टेशन से पहले तक मेरठ मेट्रो के ट्रायल रन भी शुरू हो चुके हैं। इस सेक्शन में भी वर्षा जल संचयन पिट्स तैयार होने के बाद सक्रिय हैं। इसके साथ ही कॉरिडोर के अन्य हिस्सों में भी निर्माण कार्य तेजी से प्रगति कर रहे हैं। स्वच्छ और हरित पर्यावरण की दिशा में योगदान करने के अपने दृष्टिकोण के तहत, एनसीआरटीसी सभी नमो भारत स्टेशनों, डिपो और अन्य भवनों के लिए आईजीबीसी सर्टिफिकेशन की उच्चतम रेटिंग प्राप्त करने हेतु प्रयासरत है। साथ ही प्लेटिनम रेटिंग प्राप्त साहिबाबाद और गुलधर स्टेशन को देश मे पहली बार नेट-जीरो की रेटिंग प्राप्त हुई है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम नमो भारत को हर स्तर पर पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। UP Hindi News

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