UP News : उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के मुस्कुरा क्षेत्र स्थित छानी बांध गांव में बीते 11 जून को एक अनूठा विवाह आयोजन हुआ, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को चौंकाया बल्कि अब यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। इस विवाह में वर-वधू कोई मानव नहीं बल्कि दो पालतू जानवर कुत्ता और कुतिया थे।
एक संत ने अपने कुत्ते की शादी दूसरे संत की कुतिया से करवाया
इस विवाह के आयोजक संत श्री श्री 1008 संतोषानंद महाराज, जूना अखाड़ा से जुड़े एक बाल योगी हैं, जिन्होंने अपने पालतू कुत्ते सेवानंद का विवाह गोहांड क्षेत्र के मुसाही मंदिर में निवासरत संत की पालतू कुतिया विचित्रा कुमारी के साथ पूरे विधि-विधान और हिन्दू रीति-रिवाजों के तहत सम्पन्न कराया।
निमंत्रण कार्ड से लेकर विवाह मंडप तक सभी रस्में निभाई
इस अनूठे विवाह के लिए बाकायदा छपे हुए निमंत्रण पत्र भेजे गए, जिसमें सैकड़ों लोगों को आमंत्रित किया गया। विवाह से पहले लगन, द्वारचार, टीका, हल्दी, और जयमाला जैसी सभी पारंपरिक रस्में निभाई गईं। सेवानंद दूल्हे की पारंपरिक पोशाक और सेहरा पहन घोड़ी पर चढ़कर बारात लेकर मुसाही आश्रम पहुंचा, जहां उसका भव्य स्वागत किया गया। बारात में ढोल-नगाड़े, डीजे और फूलों की सजावट के साथ दर्जनों लोग शामिल थे जो नाचते-गाते चल रहे थे। बारात का स्वागत मानो किसी शाही विवाह की तरह किया गया। UP News
सोने के गहनों से सजाई गई दुल्हन
संतोषानंद महाराज ने अपनी बहू विचित्रा कुमारी के लिए विशेष रूप से सोने के आभूषण भी बनवाए, जिन्हें विधिवत चढ़ावे की रस्म के दौरान पहनाया गया। इस आयोजन में शामिल हजारों लोगों के लिए भव्य भोज का भी प्रबंध किया गया, जिसमें पूरी-सब्जी, छेना और अन्य शाकाहारी व्यंजन परोसे गए। UP News
बेटा-बेटी मानकर निभाया रिश्ता
दूल्हा और दुल्हन को पालने वाले दोनों संत वर्षों से अपने-अपने पालतू जानवरों को बेटे-बेटी की तरह मानते हैं। दोनों संतों का कहना है कि यह विवाह कोई मजाक नहीं, बल्कि एक संकल्प का पूर्णत्व है, जो वर्ष पूर्व एक धार्मिक यज्ञ के दौरान तय किया गया था। इस शादी को लेकर गांव में उल्लास का माहौल था, ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर निभाईं सभी रस्में। पूरे गांव ने इस आयोजन को अपनाया और परंपरागत तिलक, स्वागत-सत्कार, एवं बारात की मेहमाननवाजी में कोई कसर नहीं छोड़ी। लोग घरों से बाहर निकल आए और इस अद्भुत विवाह के साक्षी बने। UP News
सेवानंद ले गया अपनी दुल्हन को विदा करा
विवाह कार्यक्रम की पूर्णता के बाद 12 जून को सेवानंद को उसकी दुल्हन विचित्रा कुमारी के साथ बड़े ही पारंपरिक ढंग से विदा किया गया। आयोजकों के मुताबिक, यह विवाह इंसानी रिश्तों की भावना और पशु प्रेम को दर्शाता है। एक ऐसा भाव जो अब समाज में कम होता जा रहा है। UP News
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